नूंह: जिला मुख्यालय नूंह स्थित हसन खान मेवाती चौक तथा मेवात की राजधानी कहलाने वाले बड़कली चौक में लाखों रुपये की लागत से रेड लाइट तो जरूर लगी लेकिन लाइटों को एक बार खराब होने के बाद प्रशासन ठीक कराना भूल गया. जिसकी वजह से कई सालों से ट्रैफिक नियमों का मखौल उड़ रहा है.
रेड लाइट खराब
बड़कली चौक पर लगी रेड लाइट जलने की बजाय नेताओं के होडिंग टांकने के काम आ रही है. इतना ही नहीं फ्रूट विक्रेताओं ने ट्रैफिक लाइटों को अपने कब्जे में ले लिया है. गुरुग्राम-अलवर मार्ग सबसे बिजी मार्ग होने की वजह से इस पर सड़क हादसे भी ज्यादा होते हैं. रेड लाइट बंद होने की वजह से चालक अपनी मनमानी करते हैं और वाहनों को अनाप-शनाप चलाते हैं. जिसके चलते रोजाना जाम लगा रहता है, इतना ही नहीं इस जाम में पुलिस वाहन भी फंसे रहते हैं.
पुलिस करती है वाहनों को इशारा
लोग हैरान और परेशान हैं कि पुलिस इस तरफ ध्यान नहीं दे रही. यहां लाल, पीली, हरी कोई सी भी बत्ती नहीं जलती. हसन खान मेवाती चौक नूंह पर पुलिस के जवान व होमगार्ड के जवान जरूर खड़े रहकर वाहनों को इशारा करते रहते हैं, लेकिन लाइट का कोई इस्तेमाल नहीं होने से इलाके की जनता परेशान है.
मेवाती चौक पर कई हादसे इसकी वजह से हो चुके हैं, मेवात जिले के आलाधिकारी इसी गुड़गॉव-अलवर मार्ग से रोजाना दफ्तर आते-जाते रहते हैं लेकिन किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो लाइट के नियमों का पालन नहीं करने से कोई भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है.
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