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नूंह: स्कूल खुलते ही कोरोना टेस्ट कराने अस्पताल पहुंचे छात्र

नूंह के अल आफिया सामान्य अस्पताल में रोजाना 30 स्कूली छात्रों का कोविड-19 टेस्ट किया जा रहा है. राहत की खबर ये है कि अभी तक कोई चौकाने वाली रिपोर्ट सामने नहीं आई है.

nuh corona test
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Published : Dec 15, 2020, 5:02 PM IST

नूंह: हरियाणा सरकार ने दसवीं और बारहवीं की क्लास से शुरू करने के आदेश दिए तो अस्पतालों में कोरोना टेस्ट कराने के लिए छात्रों की भीड़ लग गई. सोमवार से स्कूल खोलने का आदेश सरकार ने दिया. साथ ही छात्रों को कोविड-19 टेस्ट कराकर उसकी नेगेटिव स्लिप लाने के लिए भी कहा गया.

स्कूल खुलते ही कोरोना टेस्ट कराने अस्पताल पहुंचे छात्र, देखें वीडियो

सोमवार को जिन छात्रों ने कोरोना सैंपल दिया, उनमें से सभी नेगेटिव आए हैं. रोजाना 30-30 बच्चों का ग्रुप बनाकर कोरोना सैंपल दिया जा रहा है. राहत की खबर ये है कि अभी तक कोई चौकाने वाली रिपोर्ट सामने नहीं आई है.

डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. बसंत दुबे ने कहा कि संबंधित सीएचसी में आरटीपीसीआर टेस्ट छात्रों के बिल्कुल मुफ्त में किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को टेस्ट कराने जरूरी है और नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही स्कूल में प्रवेश करते हैं, ताकि कोरोना का संक्रमण फैलने से रोका जा सके.

ये भी पढ़ें- हरियाणा: बस अड्डों पर बनी दुकानों का 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक का किराया माफ

शिक्षा विभाग के आदेश को सख्ती से लागू करने के लिए अध्यापक बच्चों के कोरोना सैंपल स्कूल में प्रवेश करने से पहले ही अस्पताल ले जाकर करा रहे हैं. उनको भी इस बात की खुशी है कि अभी तक कोई भी छात्र पॉजिटिव नहीं आया है.

नूंह: हरियाणा सरकार ने दसवीं और बारहवीं की क्लास से शुरू करने के आदेश दिए तो अस्पतालों में कोरोना टेस्ट कराने के लिए छात्रों की भीड़ लग गई. सोमवार से स्कूल खोलने का आदेश सरकार ने दिया. साथ ही छात्रों को कोविड-19 टेस्ट कराकर उसकी नेगेटिव स्लिप लाने के लिए भी कहा गया.

स्कूल खुलते ही कोरोना टेस्ट कराने अस्पताल पहुंचे छात्र, देखें वीडियो

सोमवार को जिन छात्रों ने कोरोना सैंपल दिया, उनमें से सभी नेगेटिव आए हैं. रोजाना 30-30 बच्चों का ग्रुप बनाकर कोरोना सैंपल दिया जा रहा है. राहत की खबर ये है कि अभी तक कोई चौकाने वाली रिपोर्ट सामने नहीं आई है.

डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. बसंत दुबे ने कहा कि संबंधित सीएचसी में आरटीपीसीआर टेस्ट छात्रों के बिल्कुल मुफ्त में किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को टेस्ट कराने जरूरी है और नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही स्कूल में प्रवेश करते हैं, ताकि कोरोना का संक्रमण फैलने से रोका जा सके.

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शिक्षा विभाग के आदेश को सख्ती से लागू करने के लिए अध्यापक बच्चों के कोरोना सैंपल स्कूल में प्रवेश करने से पहले ही अस्पताल ले जाकर करा रहे हैं. उनको भी इस बात की खुशी है कि अभी तक कोई भी छात्र पॉजिटिव नहीं आया है.

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