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लघु सचिवालय के सामने भिड़े लोग, बीच-बचाव करने वालों की ही कर दी धुनाई

शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे के बाद सालाहेड़ी और कोटला गांव के लोग नूंह-होडल मार्ग पर लघु सचिवालय के ठीक सामने एक-दूसरे से भिड़ गए.

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Published : Jul 12, 2019, 10:02 PM IST

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नूंहः शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे के बाद सालाहेड़ी और कोटला गांव के लोग नूंह-होडल मार्ग पर लघु सचिवालय के ठीक सामने एक-दूसरे से भिड़ गए. इस दौरान कई लोगों को गहरी चोटें भी आई.

लघु सचिवालय के सामने भिड़े लोग, देखें वीडियो

हालात ये रहे कि झगड़े को दौरान जो लोग बीच बचाव के लिए आए. उन्हें भी नहीं बख्शा गया. सालाहेड़ी गांव के लोगों पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस जवान की मौजूदगी में बीच बचाव कर रहे हसन, आमिर, आजाद, नौशाद के अलावा एक महिला को भी पीटा. झगड़े के वक्त वहां पुलिस का एक जवान भी तैनात था, लेकिन वो झगड़े के दौरान महज तमाशबीन बनकर देखता रहा.

बीच बचाव करने के दौरान चोटिल हुए चाय की दुकान चलाने वाले हसन नाम के युवक ने बताया कि चाय की दुकान के पास कुछ लोग आपस में लड़ रहे थे. इस दौरान उन्होंने इनके बीच आकर झगड़े को रोकने की कोशिश की तो वो लोग उन्हीं पर टूट पड़े.

बता दें कुछ दिन पहले भी इसी जगह पर अपहरण से लेकर गाड़ी में तोड़ फोड़ जैसी घटना सामने आ चुकी है. वीआईपी जगह होने के बावजूद इस जगह पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद नहीं होना, खाकी की कार्यशैली पर सवालिया निशान जरूर खड़ा करती है.

नूंहः शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे के बाद सालाहेड़ी और कोटला गांव के लोग नूंह-होडल मार्ग पर लघु सचिवालय के ठीक सामने एक-दूसरे से भिड़ गए. इस दौरान कई लोगों को गहरी चोटें भी आई.

लघु सचिवालय के सामने भिड़े लोग, देखें वीडियो

हालात ये रहे कि झगड़े को दौरान जो लोग बीच बचाव के लिए आए. उन्हें भी नहीं बख्शा गया. सालाहेड़ी गांव के लोगों पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस जवान की मौजूदगी में बीच बचाव कर रहे हसन, आमिर, आजाद, नौशाद के अलावा एक महिला को भी पीटा. झगड़े के वक्त वहां पुलिस का एक जवान भी तैनात था, लेकिन वो झगड़े के दौरान महज तमाशबीन बनकर देखता रहा.

बीच बचाव करने के दौरान चोटिल हुए चाय की दुकान चलाने वाले हसन नाम के युवक ने बताया कि चाय की दुकान के पास कुछ लोग आपस में लड़ रहे थे. इस दौरान उन्होंने इनके बीच आकर झगड़े को रोकने की कोशिश की तो वो लोग उन्हीं पर टूट पड़े.

बता दें कुछ दिन पहले भी इसी जगह पर अपहरण से लेकर गाड़ी में तोड़ फोड़ जैसी घटना सामने आ चुकी है. वीआईपी जगह होने के बावजूद इस जगह पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद नहीं होना, खाकी की कार्यशैली पर सवालिया निशान जरूर खड़ा करती है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- लघु सचिवालय के बाहर भिड़े लोग , बीच बचाव करने वालों की ही कर दी धुनाई
लघु सचिवालय नूंह के बाहर नूंह - होडल मार्ग झगड़े का अखाडा बनता जा रहा है। लघु सचिवालय तथा कोर्ट केसों की वजह से रोजाना यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। जब दोनों पक्ष कोर्ट परिसर तथा लघु सचिवालय परिसर से बाहर आते हैं , तो सड़क पर आते ही खूनी संघर्ष शुरू हो जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार शुक्रवार दोपहर तीन बजे के बाद सालाहेड़ी तथा कोटला गांव के लोग नूंह - होडल मार्ग पर सचिवालय के ठीक सामने एक दूसरे पर टूट पड़े। बीचबचाव करने के लिए चाय की होटल चलाने वाला हसन फिरोजपुर नमक कूद गया। सालाहेड़ी गांव के लोगों पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस जवान की मौजूदगी में बीचबचाव कर रहे हसन , आमिर , आजाद , नौशाद के अलावा एक महिला को भी पीटा। कई लोगों सिर से खून बहने लगा। हद तो तब हो गई जब मामले की लाइव कवरेज कर रहे पत्रकार का मोबाइल तो पुलिस जवान ने छीन लिया और पहचान पत्र देखने के बाद वापस भी कर दिया , लेकिन वह झगड़े के दौरान महज तमाशबीन बनकर देखता रह गया। सवाल लाख टके का यह है कि जिस जगह पर डीसी , एसपी , सेशन जज सहित तमाम बड़े अधिकारी बैठते हों , वहां पर भी हमलावर झगड़ा करने से बाज नहीं आ रहे। कुछ दिन पहले भी इसी जगह पर अपहरण से लेकर गाड़ी में तोड़फोड़ जैसी घटना सामने आ चुकी है। वीआईपी जगह होने के बावजूद इस जगह पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद नहीं होना। खाकी की कार्यशैली पर सवालिया निशान जरूर खड़ा करती है। समाचार लिखे जाने तक कोई क़ानूनी कार्रवाई तीनों पक्षों की तरफ से सामने नहीं आई , लेकिन किसी दिन यहां झगड़े में किसी की जान भी जाने से इंकार नहीं किया जा सकता।
बाइट;- हसन पीड़ित
बाइट;- नौशाद पीड़ित
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Body:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- लघु सचिवालय के बाहर भिड़े लोग , बीच बचाव करने वालों की ही कर दी धुनाई
लघु सचिवालय नूंह के बाहर नूंह - होडल मार्ग झगड़े का अखाडा बनता जा रहा है। लघु सचिवालय तथा कोर्ट केसों की वजह से रोजाना यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। जब दोनों पक्ष कोर्ट परिसर तथा लघु सचिवालय परिसर से बाहर आते हैं , तो सड़क पर आते ही खूनी संघर्ष शुरू हो जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार शुक्रवार दोपहर तीन बजे के बाद सालाहेड़ी तथा कोटला गांव के लोग नूंह - होडल मार्ग पर सचिवालय के ठीक सामने एक दूसरे पर टूट पड़े। बीचबचाव करने के लिए चाय की होटल चलाने वाला हसन फिरोजपुर नमक कूद गया। सालाहेड़ी गांव के लोगों पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस जवान की मौजूदगी में बीचबचाव कर रहे हसन , आमिर , आजाद , नौशाद के अलावा एक महिला को भी पीटा। कई लोगों सिर से खून बहने लगा। हद तो तब हो गई जब मामले की लाइव कवरेज कर रहे पत्रकार का मोबाइल तो पुलिस जवान ने छीन लिया और पहचान पत्र देखने के बाद वापस भी कर दिया , लेकिन वह झगड़े के दौरान महज तमाशबीन बनकर देखता रह गया। सवाल लाख टके का यह है कि जिस जगह पर डीसी , एसपी , सेशन जज सहित तमाम बड़े अधिकारी बैठते हों , वहां पर भी हमलावर झगड़ा करने से बाज नहीं आ रहे। कुछ दिन पहले भी इसी जगह पर अपहरण से लेकर गाड़ी में तोड़फोड़ जैसी घटना सामने आ चुकी है। वीआईपी जगह होने के बावजूद इस जगह पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद नहीं होना। खाकी की कार्यशैली पर सवालिया निशान जरूर खड़ा करती है। समाचार लिखे जाने तक कोई क़ानूनी कार्रवाई तीनों पक्षों की तरफ से सामने नहीं आई , लेकिन किसी दिन यहां झगड़े में किसी की जान भी जाने से इंकार नहीं किया जा सकता।
बाइट;- हसन पीड़ित
बाइट;- नौशाद पीड़ित
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- लघु सचिवालय के बाहर भिड़े लोग , बीच बचाव करने वालों की ही कर दी धुनाई
लघु सचिवालय नूंह के बाहर नूंह - होडल मार्ग झगड़े का अखाडा बनता जा रहा है। लघु सचिवालय तथा कोर्ट केसों की वजह से रोजाना यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। जब दोनों पक्ष कोर्ट परिसर तथा लघु सचिवालय परिसर से बाहर आते हैं , तो सड़क पर आते ही खूनी संघर्ष शुरू हो जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार शुक्रवार दोपहर तीन बजे के बाद सालाहेड़ी तथा कोटला गांव के लोग नूंह - होडल मार्ग पर सचिवालय के ठीक सामने एक दूसरे पर टूट पड़े। बीचबचाव करने के लिए चाय की होटल चलाने वाला हसन फिरोजपुर नमक कूद गया। सालाहेड़ी गांव के लोगों पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस जवान की मौजूदगी में बीचबचाव कर रहे हसन , आमिर , आजाद , नौशाद के अलावा एक महिला को भी पीटा। कई लोगों सिर से खून बहने लगा। हद तो तब हो गई जब मामले की लाइव कवरेज कर रहे पत्रकार का मोबाइल तो पुलिस जवान ने छीन लिया और पहचान पत्र देखने के बाद वापस भी कर दिया , लेकिन वह झगड़े के दौरान महज तमाशबीन बनकर देखता रह गया। सवाल लाख टके का यह है कि जिस जगह पर डीसी , एसपी , सेशन जज सहित तमाम बड़े अधिकारी बैठते हों , वहां पर भी हमलावर झगड़ा करने से बाज नहीं आ रहे। कुछ दिन पहले भी इसी जगह पर अपहरण से लेकर गाड़ी में तोड़फोड़ जैसी घटना सामने आ चुकी है। वीआईपी जगह होने के बावजूद इस जगह पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद नहीं होना। खाकी की कार्यशैली पर सवालिया निशान जरूर खड़ा करती है। समाचार लिखे जाने तक कोई क़ानूनी कार्रवाई तीनों पक्षों की तरफ से सामने नहीं आई , लेकिन किसी दिन यहां झगड़े में किसी की जान भी जाने से इंकार नहीं किया जा सकता।
बाइट;- हसन पीड़ित
बाइट;- नौशाद पीड़ित
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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