नूंहः प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भले ही बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन यहां हकीकत कुछ और ही बयां करती है. करीब चार साल पहले अगस्त 2014 में जिला नागरिक अस्पताल मांडीखेड़ा में जीएनएम ट्रेनिंग कॉलेज और हॉस्टल नर्सिंग कोर्स के लिए नींव रखी गई थी.
करीब 2 करोड़ की लागत से दो साल पहले यह कॉलेज व हॉस्टल बनकर तैयार भी हो गया, लेकिन यहां आज तक क्लास नहीं लगी है. यहां क्लास लगने के बजाए सीएमओ का कार्यालय चलाया जा रहा है. इतना ही नहीं पुन्हाना में बनाए जाने वाला एएनएम कॉलेज भी सिरे नहीं चढ़ पाया है. एएनएम कॉलेज के लिए यहां एक ईंट भी अभी तक नहीं लग पाई है.
दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज नलहड़ में बनाए जाने वाले डेंटल कॉलेज की योजना भी ठंडे बस्ते में है. इस ओर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. ऐसे में कहा जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग की ये योजनाएं जिले में सिरे नहीं चढ़ पाई है. जिला नागरिक अस्पताल में बिल्डिंग बनाए जाने के बावजूद भी क्लास नहीं लग पा रही है. यहां मेवात की बेटियों को स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.
वहीं पूर्व परिवहन मंत्री आफताब अहमद का कहना है कि कांग्रेस सरकार के शासनकाल में अगस्त 2014 में मांडीखेड़ा में जीएनएम ट्रेनिंग कॉलेज और हॉस्टल नर्सिंग कोर्स को लेकर पत्थर रखा गया था. यहां बिल्डिंग भी बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन भाजपा के कार्यकाल में अभी तक क्लास नहीं लगी है. यहां क्लास लगने के बजाए सीएमओ का कार्यालय चल रहा है.
ये प्रदेश सरकार की अनदेखी और उदासनीता को दर्शाता है. पुन्हाना में बनाए जाने वाले एएनएम कॉलेज व मेडिकल कॉलेज में बनाए जाने वाले डेंटल कॉलेज की योजनाएं प्रदेश सरकार के कार्यकाल में सिरे तक नहीं चढ़ पाई है. ये सरकार के काम की विफलता को दर्शाता है.