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NHM हड़ताल 23वें दिन भी जारी, कर्मचारियों ने मुंडन कराकर लिखवाया एनएचएम

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Published : Feb 28, 2019, 12:05 AM IST

एनएचएम कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर चल रही हड़ताल 23वें दिन में प्रवेश कर गई.

मुंडन कराकर एनएचएम लिखवाते कर्मचारी

नूंह: एनएचएम कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर चल रही हड़ताल 23वें दिन में प्रवेश कर गई. वहीं जिला अस्पताल मांडीखेड़ा में चल रहे धरने में एनएचएम कर्मचारियों ने धरना खत्म नहीं करने की शपथ ली. एक स्वर में धरने पर बैठे सभी कर्मचारियों ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी धरना बदस्तूर जारी रहेगा.

nhm workers strike
मुंडन कराकर एनएचएम लिखवाते कर्मचारी

कर्मचारियों ने कहा कि सरकार ने वोट लेते समय हमसे सेवा सुरक्षा का वायदा किया था उस वायदे को पूरा करें. हम आज ही अनिश्चित हड़ताल को रद्द करते हुए काम पर लौट आएंगे.

जानकारी के मुताबिक, धरने पर बैठे कर्मचारियों ने स्टाफ नर्स प्रमिला से अनशन तोड़ने का आग्रह किया, लेकिन वो नहीं मानी. अभी भी वो आईसीयू में भर्ती है. उधर सिविल सर्जन कार्यालय की तरफ से कोई बुलावा नहीं आया.

हड़ताली कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की. वहीं कुछ कर्मचारियों ने मुंडन कराकर एनएचएम लिखवाया. लगातार प्रदेश में विभिन्न पार्टियों के नेता आकर समर्थन दे रहे हैं. सामाजिक संगठनों के अलावा पंचायत प्रतिनिधि शिक्षाविद और बुद्धिजीवी हमारा सहयोग करने में जुटे हैं. हमें उम्मीद है कि एक-दो दिन में सरकार हमारी सेवा सुरक्षा की मांग को पूरा करें.

नूंह: एनएचएम कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर चल रही हड़ताल 23वें दिन में प्रवेश कर गई. वहीं जिला अस्पताल मांडीखेड़ा में चल रहे धरने में एनएचएम कर्मचारियों ने धरना खत्म नहीं करने की शपथ ली. एक स्वर में धरने पर बैठे सभी कर्मचारियों ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी धरना बदस्तूर जारी रहेगा.

nhm workers strike
मुंडन कराकर एनएचएम लिखवाते कर्मचारी

कर्मचारियों ने कहा कि सरकार ने वोट लेते समय हमसे सेवा सुरक्षा का वायदा किया था उस वायदे को पूरा करें. हम आज ही अनिश्चित हड़ताल को रद्द करते हुए काम पर लौट आएंगे.

जानकारी के मुताबिक, धरने पर बैठे कर्मचारियों ने स्टाफ नर्स प्रमिला से अनशन तोड़ने का आग्रह किया, लेकिन वो नहीं मानी. अभी भी वो आईसीयू में भर्ती है. उधर सिविल सर्जन कार्यालय की तरफ से कोई बुलावा नहीं आया.

हड़ताली कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की. वहीं कुछ कर्मचारियों ने मुंडन कराकर एनएचएम लिखवाया. लगातार प्रदेश में विभिन्न पार्टियों के नेता आकर समर्थन दे रहे हैं. सामाजिक संगठनों के अलावा पंचायत प्रतिनिधि शिक्षाविद और बुद्धिजीवी हमारा सहयोग करने में जुटे हैं. हमें उम्मीद है कि एक-दो दिन में सरकार हमारी सेवा सुरक्षा की मांग को पूरा करें.


---------- Forwarded message ---------
From: BHUPINDER KUMAR <bjishtu@gmail.com>
Date: Wed 27 Feb, 2019, 19:12
Subject: Fwd: 27,2,19 news kasim khan mewat -photo 1
To: BHUPINDER KUMAR JISHTU <bhupinderkumar@etvbharat.com>



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From: Kasim Khan <kasim.khan.mewat@gmail.com>
Date: Wed 27 Feb, 2019, 19:03
Subject: 27,2,19 news kasim khan mewat -photo 1
To: Haryana Desk <haryanadesk@etvbharat.com>
Cc: BHUPINDER KUMAR <bjishtu@gmail.com>



एनएचएम कर्मचारियों ने नहीं झुकेंगे ली शपथ ,, 23वें दिन पूरी तरह चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं
कासिम खान 
नूंह। जिला अस्पताल मांडीखेड़ा में चल रहे धरने के 23वें दिन एनएचएम कर्मचारियों ने धरना खत्म नहीं करने की शपथ ली। एक स्वर में धरने पर बैठे सभी कर्मचारियों ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी धरना बदस्तूर जारी रहेगा। हमें जो वेतन मिलता है उसमें सम्मानजनक जीवन नहीं जिया जा सकता। अगर सरकार यह चाहती है कि हमारे बच्चे अच्छे स्कूलों में नहीं पढे़ं, हमें अच्छा स्वास्थ्य पोषण नहीं मिले, हमें कुछ नहीं बचे तो ऐसी नौकरी हमें कतई बर्दाश्त नहीं हैं। सरकार ने वोट लेते समय हमसे सेवा सुरक्षा का वायदा किया था उस वायदे को पूरा करें। हम आज ही अनिश्चित हड़ताल को रद्द करते हुए काम पर लौट आएंगे। जिला प्रधान अनुपमा, कमला देवी, आरिफ खान, अरशद हुसैन, हारिश, अनिल, प्रोमिला श्यामवती, इंदिरा ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई है लोगों की जांच और इलाज अच्छे से नहीं हो रहा। हमें बड़ा दुख हो रहा है लेकिन सरकार के इस रवैया रवैया के कारण मरीजों का बड़ा नुकसान हो रहा है। कम से कम मरीजों की बेहतरी के मुख्यमंत्री को आगे आकर बड़प्पन दिखाना होगा। हमने तो सरकार को बता कर हड़ताल की थी लेकिन हड़ताल को सरकार ने हल्के में लिया है। उसी का नतीजा है कि आज 23वें दिन मुझे हड़ताल जारी है। हमें दुख इस बात का है कि गेस्ट टीचरों को सरकार पक्का करने का बिल विधानसभा में ला चुकी है लेकिन एनएचएम के कर्मचारियों के लिए कोई विकल्प नहीं ढूंढा। जबकि गेस्ट टीचरों से पहले हमारे कर्मचारी काम करते आ रहे हैं। हमें गेस्ट टीचरों से कम वेतन मिलता है। चाहे डिलीवरी या टीकाकरण हो इसे सुधारने में हमारी बहनों का बड़ा योगदान रहा है। जिले में संस्थागत डिलीवरी का आंकड़ा 80 फीसदी तक पहुंच चुका है लेकिन यही आंकड़ा फरवरी में केवल 10 फीसद पर आकर टिक गया। इसे साफ जाहिर होता है कि हमारी ही मेहनत से संस्थागत प्रसव बढ़ता और घटता है। एकजुट होकर सैकड़ों कर्मचारियों ने शपथ ली। धरने पर बैठे कर्मचारियों ने स्टाफ नर्स प्रमिला से अनशन तोड़ने का आग्रह किया लेकिन वह नहीं मानी। अभी भी वह है आईसीयू में भर्ती है। उधर सिविल सर्जन कार्यालय की तरफ से कोई बुलावा नहीं आया। हड़ताली कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की। वहीं कुछ कर्मचारियों ने मुंडन कराकर एनएचएम लिखवाया। लगातार प्रदेश में विभिन्न पार्टियों के नेता आकर समर्थन दे रहे हैं। सामाजिक संगठनों के अलावा पंचायत प्रतिनिधि शिक्षाविद और बुद्धिजीवी हमारा सहयोग करने में जुटे हैं। हमें उम्मीद है कि एक-दो दिन में सरकार हमारी सेवा सुरक्षा की मांग को पूरा करें।
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कैप्शन :-  मुंडन कराकर एनएचएम लिखवाते कर्मचारी। 
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