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नूंह में राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम की बैठक में परिवार नियोजन पर दिया गया जोर - नूंह मे आयोजिक बैठक में परिवार नियोजन पर दिया जोर

नूंह में आयोजित राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरपंचों की बैठक बुलाकर परिवार नियोजन पर फोकस करने के साथ-साथ महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीरता से बात की.

national family welfare program
परिवार नियोजन की जानकारी देती महिला रोग विशेषज्ञ
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Published : Nov 27, 2019, 10:59 PM IST

नूंह: बुधवार को जिले में आयोजित राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग ने सरपंचों की बैठक बुलाकर परिवार नियोजन पर फोकस करने को लेकर महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीरता से बात की.

स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ उठाएं लोग
डॉक्टर मोनिका ने बताया कि लोगों को सरकार की ओर से चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए और परिवार नियोजन पर अपना ध्यान केंद्रीत करना चाहिए. उन्होंने आगे बताया कि बीडिपीओ, एसडीएम ऑफिस में कंडोम बॉक्स लगाए जाने पर भी जोर दिया जा रहा है. जिससे आपस में फैलने वाली बीमारियों को रोका जा सकता है.

परिवार नियोजन की जानकारी देती महिला रोग विशेषज्ञ

ये भी पढ़ें:वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से हुई ओलावृष्टि, किसानों को मौसम वैज्ञानिकों ने दी विशेष सलाह

अन्य जिलों के मुकाबले 5 फीसद नसबंदी
महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मोनिका का कहना है कि नूंह में और जिलों के तुलना में महिलाओं की नसबंदी के ऑपरेशन 5 फीसद हैं.

हर महीने बुलाई जाती है मीटिंग
अधिकारियों का कहना है कि हर महीने हर गांव में मीटिंग की जाती है और महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक किया जाता है. साथ ही गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है और खून की कमी वाली महिलाओं को दवा प्रदान कर सरकारी अस्पताल में डिलीवरी करने के लाभ के बारे में जानकारी दी जाती है.

ये भी पढ़ें:संसद भवन में प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने पर मचा हंगामा

नूंह: बुधवार को जिले में आयोजित राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग ने सरपंचों की बैठक बुलाकर परिवार नियोजन पर फोकस करने को लेकर महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीरता से बात की.

स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ उठाएं लोग
डॉक्टर मोनिका ने बताया कि लोगों को सरकार की ओर से चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए और परिवार नियोजन पर अपना ध्यान केंद्रीत करना चाहिए. उन्होंने आगे बताया कि बीडिपीओ, एसडीएम ऑफिस में कंडोम बॉक्स लगाए जाने पर भी जोर दिया जा रहा है. जिससे आपस में फैलने वाली बीमारियों को रोका जा सकता है.

परिवार नियोजन की जानकारी देती महिला रोग विशेषज्ञ

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अन्य जिलों के मुकाबले 5 फीसद नसबंदी
महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मोनिका का कहना है कि नूंह में और जिलों के तुलना में महिलाओं की नसबंदी के ऑपरेशन 5 फीसद हैं.

हर महीने बुलाई जाती है मीटिंग
अधिकारियों का कहना है कि हर महीने हर गांव में मीटिंग की जाती है और महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक किया जाता है. साथ ही गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है और खून की कमी वाली महिलाओं को दवा प्रदान कर सरकारी अस्पताल में डिलीवरी करने के लाभ के बारे में जानकारी दी जाती है.

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Intro:संवाददाता नूह मेवात 
स्टोरी ;- परिवार नियोजन पर स्वास्थ्य विभाग दे रहा जोर 
राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत पंच - सरपंचों की बैठक बुलाकर स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन पर फोकस करने से लेकर महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नजर आ रहा है। शहरों में ही नहीं गांवों में भी स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए लोग जागरूक हो इसलिए सरपंचों , आंगनवाड़ी वर्करों , आशा इत्यादि को साथ लेकर काम किया जा रहा है। डॉक्टर मोनिका ने बताया कि बीडीपीओ , एसडीएम ऑफिस में कंडोम बॉक्स लगाये जाने पर जोर दिया जा रहा है। कार्यक्रम सफल रहा तो इसे गांव के स्तर तक ले जाया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं में काला पीलिया , एड्स जैसी बीमारियां देखने को मिल रहे हैं। सफ़ेद पानी की समस्या 90 फीसदी महिलाओं में पाई जाती है। कंडोम से आपस में फैलने वाली बिमारियों को रोका जा सकता है। गर्भवती महिला जांच नहीं कराती , जब गांव में हर माह मीटिंग बुलाई जाती है , उसमें महिला या उनके परिवार के लोगों को जरूर बताये , ताकि लोगों में जागरूकता लाई जा सके। खून की कमी वाली महिलाओं को दवाई दी जा सके , साथ ही डिलीवरी सरकारी संस्थान में करवाने बारे जानकारी दी जा सके। मुफ्त डिलीवरी , जांच , दवाई मुफ्त हैं। लोग इन सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। कॉपरटी लगता है , वो सही ढंग से नहीं हो रहा है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि डिलीवरी होने के दो माह बाद ही महिला गर्भ धारण कर लेती है। जिससे शुगर , थाइराइड इत्यादि बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मोनिका यादव ने कहा कि संबंध के दौरान कंडोम यूज करने से बिमारियों से  बचा जा सकता है। दूसरे बच्चे की पैदाइश में समय का ख्याल हो। पुरुष नसबंदी या नलबंदी में न के बराबर दिलचस्पी लेती हैं , महिलाओं के नलबंदी के ऑपरेशन दूसरे जिलों की तुलना में महज 5 फीसदी हैं। डॉक्टर के मुताबिक पुरुष अगर नलबंदी कराते हैं , तो किसी प्रकार की कोई कमजोरी सामने नहीं आती। उन्होंने कहा कि जिनके बच्चे अधिक हैं , उन्हें परिवार नियोजन अपनाना चाहिए। महिलाओं को घर के काम करने होते हैं , खून की कमी , महिलाओं में इंफेक्शन भी यहां ज्यादा है। लिहाजा पुरुषों को आगे आना चाहिए। 
बाइट ;- डॉक्टर मोनिका यादव महिला रोग विशेषज्ञ नूह 
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Body:संवाददाता नूह मेवात 
स्टोरी ;- परिवार नियोजन पर स्वास्थ्य विभाग दे रहा जोर 
राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत पंच - सरपंचों की बैठक बुलाकर स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन पर फोकस करने से लेकर महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नजर आ रहा है। शहरों में ही नहीं गांवों में भी स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए लोग जागरूक हो इसलिए सरपंचों , आंगनवाड़ी वर्करों , आशा इत्यादि को साथ लेकर काम किया जा रहा है। डॉक्टर मोनिका ने बताया कि बीडीपीओ , एसडीएम ऑफिस में कंडोम बॉक्स लगाये जाने पर जोर दिया जा रहा है। कार्यक्रम सफल रहा तो इसे गांव के स्तर तक ले जाया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं में काला पीलिया , एड्स जैसी बीमारियां देखने को मिल रहे हैं। सफ़ेद पानी की समस्या 90 फीसदी महिलाओं में पाई जाती है। कंडोम से आपस में फैलने वाली बिमारियों को रोका जा सकता है। गर्भवती महिला जांच नहीं कराती , जब गांव में हर माह मीटिंग बुलाई जाती है , उसमें महिला या उनके परिवार के लोगों को जरूर बताये , ताकि लोगों में जागरूकता लाई जा सके। खून की कमी वाली महिलाओं को दवाई दी जा सके , साथ ही डिलीवरी सरकारी संस्थान में करवाने बारे जानकारी दी जा सके। मुफ्त डिलीवरी , जांच , दवाई मुफ्त हैं। लोग इन सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। कॉपरटी लगता है , वो सही ढंग से नहीं हो रहा है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि डिलीवरी होने के दो माह बाद ही महिला गर्भ धारण कर लेती है। जिससे शुगर , थाइराइड इत्यादि बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मोनिका यादव ने कहा कि संबंध के दौरान कंडोम यूज करने से बिमारियों से  बचा जा सकता है। दूसरे बच्चे की पैदाइश में समय का ख्याल हो। पुरुष नसबंदी या नलबंदी में न के बराबर दिलचस्पी लेती हैं , महिलाओं के नलबंदी के ऑपरेशन दूसरे जिलों की तुलना में महज 5 फीसदी हैं। डॉक्टर के मुताबिक पुरुष अगर नलबंदी कराते हैं , तो किसी प्रकार की कोई कमजोरी सामने नहीं आती। उन्होंने कहा कि जिनके बच्चे अधिक हैं , उन्हें परिवार नियोजन अपनाना चाहिए। महिलाओं को घर के काम करने होते हैं , खून की कमी , महिलाओं में इंफेक्शन भी यहां ज्यादा है। लिहाजा पुरुषों को आगे आना चाहिए। 
बाइट ;- डॉक्टर मोनिका यादव महिला रोग विशेषज्ञ नूह 
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Conclusion:संवाददाता नूह मेवात 
स्टोरी ;- परिवार नियोजन पर स्वास्थ्य विभाग दे रहा जोर 
राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत पंच - सरपंचों की बैठक बुलाकर स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन पर फोकस करने से लेकर महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नजर आ रहा है। शहरों में ही नहीं गांवों में भी स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए लोग जागरूक हो इसलिए सरपंचों , आंगनवाड़ी वर्करों , आशा इत्यादि को साथ लेकर काम किया जा रहा है। डॉक्टर मोनिका ने बताया कि बीडीपीओ , एसडीएम ऑफिस में कंडोम बॉक्स लगाये जाने पर जोर दिया जा रहा है। कार्यक्रम सफल रहा तो इसे गांव के स्तर तक ले जाया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं में काला पीलिया , एड्स जैसी बीमारियां देखने को मिल रहे हैं। सफ़ेद पानी की समस्या 90 फीसदी महिलाओं में पाई जाती है। कंडोम से आपस में फैलने वाली बिमारियों को रोका जा सकता है। गर्भवती महिला जांच नहीं कराती , जब गांव में हर माह मीटिंग बुलाई जाती है , उसमें महिला या उनके परिवार के लोगों को जरूर बताये , ताकि लोगों में जागरूकता लाई जा सके। खून की कमी वाली महिलाओं को दवाई दी जा सके , साथ ही डिलीवरी सरकारी संस्थान में करवाने बारे जानकारी दी जा सके। मुफ्त डिलीवरी , जांच , दवाई मुफ्त हैं। लोग इन सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। कॉपरटी लगता है , वो सही ढंग से नहीं हो रहा है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि डिलीवरी होने के दो माह बाद ही महिला गर्भ धारण कर लेती है। जिससे शुगर , थाइराइड इत्यादि बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मोनिका यादव ने कहा कि संबंध के दौरान कंडोम यूज करने से बिमारियों से  बचा जा सकता है। दूसरे बच्चे की पैदाइश में समय का ख्याल हो। पुरुष नसबंदी या नलबंदी में न के बराबर दिलचस्पी लेती हैं , महिलाओं के नलबंदी के ऑपरेशन दूसरे जिलों की तुलना में महज 5 फीसदी हैं। डॉक्टर के मुताबिक पुरुष अगर नलबंदी कराते हैं , तो किसी प्रकार की कोई कमजोरी सामने नहीं आती। उन्होंने कहा कि जिनके बच्चे अधिक हैं , उन्हें परिवार नियोजन अपनाना चाहिए। महिलाओं को घर के काम करने होते हैं , खून की कमी , महिलाओं में इंफेक्शन भी यहां ज्यादा है। लिहाजा पुरुषों को आगे आना चाहिए। 
बाइट ;- डॉक्टर मोनिका यादव महिला रोग विशेषज्ञ नूह 
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात 

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