नूंह पुलिस ने नासिर-जुनैद हत्याकांड के मुख्य आरोपी बजरंग दल व गोरक्षा दल से जुड़े मोनू मानेसर को गुरुग्राम पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया है. मोनू मानेसर को मंगलवार सुबह 10 बजे के करीब गुरुग्राम के सेक्टर-1 की मार्केट से हिरासत में लिया गया. एक सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से इसकी सूचना सामने आई तो मीडिया में आग की तरह खबर फैल गई.
गुरुग्राम से मोनू मानेसर गिरफ्तार: मोनू मानेसर की गिरफ्तारी के बाद से हिंदू संगठनों ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए मानेसर में पंचायत का आह्वान किया है. मोनू मानेसर को कोर्ट में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है. मोनू मानेसर के पुलिस हिरासत में लिए जाने की खबर मिलते ही राजस्थान पुलिस भी हरकत में आ गई. जिसके चलते मंगलवार को ही एक गाड़ी नूंह कोर्ट परिसर में पहुंच गई.
भड़काऊ पोस्ट डालने का आरोपी: जानकारी के मुताबिक, नूंह में हिंसा के बाद 28 अगस्त को दोबारा निकाले जाने वाली जलाभिषेक यात्रा से पहले सोशल मीडिया पर आरोपी मोनू मानेसर ने कई भड़काऊ पोस्ट शेयर की थी. इस संबंध में पुलिस मुकदमा दर्ज किया गया. एडीजीपी ममता सिंह ने मोनू मानेसर की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए यह बयान दिया है. मोनू मानेसर की गिरफ्तारी के बाद नूंह पुलिस अलर्ट हो गई. नूंह कोर्ट परिसर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. भारी पुलिस बल की सुरक्षा में मोनू को कोर्ट परिसर में लाया गया.
मोनू मानेसर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत: जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस आधा दर्जन गाड़ियों के काफिले के साथ अदालत में उनके अधिवक्ता सोमनाथ शर्मा ने मोनू की जमानत मांगी. लेकिन कोर्ट से जमानत नहीं मिली. फिलहाल कोर्ट के आदेश पर मोनू मानेसर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. राजस्थान पुलिस का एक वाहन भी नूंह कोर्ट परिसर में पहुंच गया. इसके बाद ही भरतपुर पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा का बयान भी आ गया कि मीडिया के माध्यम से सूचना मिली है कि नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर को नूंह पुलिस ने हिरासत में लिया.
नूंह हिंसा का आरोपी मोनू मानेसर: बता दें कि फरवरी माह में राजस्थान मेवात के घाटमीका गांव के रहने वाले नासिर-जुनैद को जिंदा जलाकर मार दिया गया था. जिसका आरोप बजरंग दल के सदस्यों पर था. मोनू मानेसर भी उन्हीं आरोपियों में से एक था. इसको लेकर मेवात क्षेत्र में भारी गुस्सा था, तो वहीं गत 31 जुलाई को नूंह में जलाभिषेक यात्रा के दौरान हुई हिंसा के लिए कुछ लोग मोनू मानेसर की एक सोशल मीडिया पोस्ट को जिम्मेदार मान रहे थे.
नासिर-जुनैद हत्याकांड का मुख्य आरोपी: इसके अलावा नासिर-जुनैद हत्याकांड में गिरफ्तारी नहीं होने का कारण था. फिलहाल नूंह पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया के निर्देश पर मोनू मानेसर की गिरफ्तारी तो कर ली गई है. माना जा रहा है कि नूंह पुलिस पूरी सख्ती के मूड में है. अभी भी कई और बड़ी गिरफ्तारियां पुलिस कर सकती हैं.
न्यायिक हिरासत में मोनू मानेसर: सीआईए नूंह पुलिस द्वारा तकरीबन 4 बजे के बाद मोनू मानेसर को अदालत में पेश किया गया. जहां वकीलों की जिरह के बाद मोनू मानेसर को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस कार्रवाई के दौरान राजस्थान पुलिस भी वहां पहुंच गई और उन्होंने अपने दस्तावेज कोर्ट को सबमिट किए हैं. कोर्ट तय करेगा कि मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस के हवाले किया जाता है या नहीं. वैसे अदालत ने मोनू मानेसर को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दे दिए हैं. मोनू मानेसर के अधिवक्ता सोमदत्त शर्मा ने बताया कि मोनू मानेसर की तरफ से तीन वकील आज कोर्ट में पेश किए गए थे. अवैध हथियार की धाराओं में जमानत नहीं दी जा सकती थी. मुकदमा नंबर 37 नूंह पुलिस ने मोनू मानेसर के खिलाफ आज ही दर्ज किया था.
26 सितंबर को दोबारा कोर्ट में पेश होगा आरोपी: तकरीबन डेढ़ महीने बाद यह मुकदमा दर्ज किया गया है. सोमनाथ शर्मा वकील का कहना है कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत मोनू मानेसर को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने किसी प्रकार की सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं किया था. उन्होंने कहा कि अब मोनू मानेसर को आगामी 26 सितंबर को अदालत में पेश किया जाएगा. वकीलों की तरफ से उनकी जमानत नहीं लगाई गई थी. उनको अब कोर्ट ने भोंडसी जेल भेजने के आदेश दिए हैं.वकील ने कहा कि राजस्थान पुलिस नूंह कोर्ट परिसर में पहुंच चुकी है. उन्होंने अपने दस्तावेज कोर्ट के सम्मुख सबमिट कर दिए हैं. अब कोर्ट को तय करना है कि उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर राजस्थान पुलिस को दिया जाता है या नहीं.
कुल मिलाकर सोशल मीडिया पर अत्यधिक हथियारों की नुमाइश कर वीडियो वायरल करने वाले मोनू मानेसर की रात अब पुलिस की निगरानी में कटने वाली है. कुल मिलाकर कई राज्यों की पुलिस को मोनू मानेसर की तलाश है. पुलिस की पूछताछ में मोनू मानेसर के काले कारनामे उजागर हो सकते हैं.