नूंह: किसानों और सरपंचों के बाद अब हरियाणा में मिड डे मील वर्करों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अपनी मांगों को लेकर नूंह में मिड डे मील वर्करों ने प्रदर्शन किया. मिड डे मील वर्कर्स समय पर वेतन अदायगी की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर उनकी वेतन की अदायगी समय पर नहीं हुई, तो इस बार सैकड़ों मिड डे मील वर्कर के घर की मीठी के बजाय फीकी ईद रह सकती है.
मिड डे मील वर्करों ने इस बात को लेकर खासी नाराजगी है कि उन्हें उनका वेतन समय पर नहीं मिल रहा. इसी मांग को लेकर गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में मिड डे मील वर्करों ने नूंह लघु सचिवालय परिसर में ना केवल प्रदर्शन किया, बल्कि अतिरिक्त उपायुक्त रेनू सौगन के माध्यम से उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. मिड डे मील वर्करों का कहना है कि उनका बकाया मानदेय तुरंत जारी करवाया जाए. उनका बढ़ाया गया मानदेय प्रत्येक महीने की 7 तारीख तक मिल जाना चाहिए.
मानदेय मिड डे मील वर्कर्स के खाते में डाला जाए. इसके अलावा मिड डे मील वर्कर की बेगार बंद हो, बच्चों के खाना खाने के बाद किसी भी मिड डे मील वर्कर पर स्कूल में रहने का कोई दबाव ना बनाया जाए. इस बारे सभी स्कूलों को पत्र जारी किया जाए. उन्होंने कहा कि वर्कर्स की वेरिफिकेशन बारे विभाग के खंड / जिला कार्यालय से जारी अवैध उगाही पर रोक लगे. इतना ही नहीं स्कूलों को मर्ज करना और उन्हें बंद करने का कदम वापस लिया जाए.
जिन वर्कर्स को हटाया जा रहा है, उन्हें काम पर वापस लिया जाए. कुल मिलाकर मिड डे मील वर्कर्स ना केवल बकाया वेतन को लेकर परेशान हैं, बल्कि शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर भी उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से इशारा कर दिया है. अब देखना ये है कि जिला प्रशासन इस मामले में कब तक सख्त कदम उठाता है. मिड डे मील वर्कर ने विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. उनका कहना है कि अगर सरकार और प्रशासन ने उनकी मांगे जल्द नहीं मानी तो वो बड़े आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे.