नूंह: दहेज के कारण अब किसी गरीब माता-पिता को लड़की के हाथ पीले करने के लिए चिंता में डूबने की जरूरत नहीं है. जमीयत उलेमा ने गरीब लड़कियों की शादी करने का बीड़ा उठाया है. इससे पहले भी जमीयत उलेमा के सदस्य 15 गरीब लड़कियों की शादी कर चुके हैं.
उन्होंने ये भी ऐलान किया है कि आगामी 30 मई तक एक बड़ा सामूहिक विवाह सम्मेलन किया जाएगा. जिसमें आज के मुख्य अतिथि मुफ्ती सलीम जमीयत उलेमा गुरुग्राम को दावत दी जाएगी.
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जमीयत उलेमा से जुड़े लोगों का कहना है कि नूंह जिले में विवाह शादियों में फिजूलखर्ची बहुत ज्यादा है. जितने रुपये लोग बारात ले जाने में खर्च करते हैं उतने में ही एक गरीब लड़की के हाथ पीले हो सकते हैं. इसके अलावा दहेज का चलन हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा नूंह इलाके में है.
मौलाना मजाहिरी ने कहा कि जब वो शुरुआत में इस काम में लगे थे तो वो अकेले थे, लेकिन धीरे-धीरे उनके साथ लोग जुड़ते जा रहे हैं और उन्हें गरीब लड़कियों की शादी करवाने में कोई दिक्कत नहीं होती.