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कोरोना के बीच मलेरिया से ऐसे निपटेगा नूंह प्रशासन

कोरोना महामारी के बीच दूसरी मौसमी बीमारियों को लेकर भी नूंह में स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट पर है. इनमें से एक बीमारी है मलेरिया, जिसके हर साल नूंह में कई मरीज मिलते हैं. इसी बीमारी के खात्‍मे को लेकर जिला मलेरिया विभाग ने पहल शुरू कर दी है.

nuh malaria awareness campaign
nuh malaria
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Published : Jun 3, 2020, 4:00 PM IST

Updated : Jun 3, 2020, 4:27 PM IST

नूंह: मलेरिया की रोकथाम के लिए नूंह जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लोगों को जागरूक करने, इलाके में छिड़काव करने, मच्छरदानियों का वितरण करने समेत कई काम शुरू कर दिए हैं. दरअसल, जून का महीना मलेरिया रोधी महीना होता है और 1 जून से 30 जून तक मलेरिया को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग कड़े कदम उठाता है.

मलेरिया को रोकने को लेकर काम शुरू

इस महीने में लोगों को जागरूक करने, स्प्रे करने, जलभराव में काला तेल इत्यादि डालने, मच्छरदानियों का वितरण करने सहित कई बड़े कदम उठाए जाते हैं, ताकि मच्छर का डंक लोगों के स्वास्थ्य पर भारी ना पड़ जाए. खास बात तो ये है कि इस बार स्वास्थ्य विभाग ने आशा तथा आंगनवाड़ी से जुड़ी महिलाओं को फीवर ट्रीटमेंट डिपो का कार्यभार दिया है.

मलेरिया जागरूकता अभियान को लेकर डिप्टी सिविल सर्जन और जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार ने दी जानकारी.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम में बैन के बाद भी खुला जिम, पुलिस ने छापा मारकर 17 को दबोचा

डिप्टी सिविल सर्जन और जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि गत वर्ष जिले में मलेरिया के 942 केस मिले थे. इस बार जिले में मलेरिया की रोकथाम के लिए सभी विभाग आपसी सामान्य से अपनी जिम्मेदारी निभाएं और सभी जिलावासी भी मच्छरों को पनपने पर रोक लगाने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें. कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए चलाए जा रहे अभियान के साथ-साथ डोर टू डोर मलेरिया उन्मूलन के संबंध में भी आमजन को जागरूक किया जा रहा है.

लोगों को जागरूक करने के लिए छपवाए 16 हजार पंपलेट

उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग को आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की हिदायतें भी दी गई हैं. पिछले वर्षों के मुकाबले डेंगू व मलेरिया के मामलों में कमी आई है, लेकिन जीरो का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हमें पूरी तरह से जागरूक होकर तथा आपसी तालमेल के साथ कार्य करना होगा. इसमें जिलावासियों का सहयोग अपेक्षित है. जिले के तालाबों में गंबूजिया मछलियों के बीज डालने का कार्य लगातार किया जा रहा है. कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 16 हजार पंपलेट भी छपवाए गए हैं.

मलेरिया रोकने में आम जनता भी दे साथ

डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि कोरोना रोग के मद्देनजर स्वास्थ विभाग पर पहले से ही काफी दबाव है इसलिए आगामी मानसून सीजन में पानी में पैदा होने वाले एनाफलीज व मच्छरों के पनपने पर रोक लगाना बहुत आवश्यक है ताकि डेंगू व मलेरिया न फैले. सभी अधिकारी अपने दफ्तरों की नियमित सफाई करवाएं. पानी की सैंपलिंग व वाटर टैंक की सफाई करवाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता तथा कनिष्ठा अभियंता को कहा गया है.

उन्होंने बताया कि कि जल आपूर्ति लाइन के लीकेज पर विशेष ध्यान दिया जाए. जीरो मलेरिया जिला बनाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने के लिए विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए आमजन से भी सहयोग का आह्वान किया है. आजकल कोरोना के चलते अधिकतर लोगों का ज्यादातर समय घरों में ही बीतता है इसलिए वे अपने खाली समय का सदुपयोग घर की साफ-सफाई जैसे कार्यों में कर सकते हैं और जिले को मलेरिया से बचाने में अपना योगदान दे सकते हैं.

ये भी पढ़ें- गर्भवती महिला समेत नूंह में मिले 5 नए कोरोना मरीज

नूंह: मलेरिया की रोकथाम के लिए नूंह जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लोगों को जागरूक करने, इलाके में छिड़काव करने, मच्छरदानियों का वितरण करने समेत कई काम शुरू कर दिए हैं. दरअसल, जून का महीना मलेरिया रोधी महीना होता है और 1 जून से 30 जून तक मलेरिया को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग कड़े कदम उठाता है.

मलेरिया को रोकने को लेकर काम शुरू

इस महीने में लोगों को जागरूक करने, स्प्रे करने, जलभराव में काला तेल इत्यादि डालने, मच्छरदानियों का वितरण करने सहित कई बड़े कदम उठाए जाते हैं, ताकि मच्छर का डंक लोगों के स्वास्थ्य पर भारी ना पड़ जाए. खास बात तो ये है कि इस बार स्वास्थ्य विभाग ने आशा तथा आंगनवाड़ी से जुड़ी महिलाओं को फीवर ट्रीटमेंट डिपो का कार्यभार दिया है.

मलेरिया जागरूकता अभियान को लेकर डिप्टी सिविल सर्जन और जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार ने दी जानकारी.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम में बैन के बाद भी खुला जिम, पुलिस ने छापा मारकर 17 को दबोचा

डिप्टी सिविल सर्जन और जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि गत वर्ष जिले में मलेरिया के 942 केस मिले थे. इस बार जिले में मलेरिया की रोकथाम के लिए सभी विभाग आपसी सामान्य से अपनी जिम्मेदारी निभाएं और सभी जिलावासी भी मच्छरों को पनपने पर रोक लगाने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें. कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए चलाए जा रहे अभियान के साथ-साथ डोर टू डोर मलेरिया उन्मूलन के संबंध में भी आमजन को जागरूक किया जा रहा है.

लोगों को जागरूक करने के लिए छपवाए 16 हजार पंपलेट

उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग को आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की हिदायतें भी दी गई हैं. पिछले वर्षों के मुकाबले डेंगू व मलेरिया के मामलों में कमी आई है, लेकिन जीरो का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हमें पूरी तरह से जागरूक होकर तथा आपसी तालमेल के साथ कार्य करना होगा. इसमें जिलावासियों का सहयोग अपेक्षित है. जिले के तालाबों में गंबूजिया मछलियों के बीज डालने का कार्य लगातार किया जा रहा है. कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 16 हजार पंपलेट भी छपवाए गए हैं.

मलेरिया रोकने में आम जनता भी दे साथ

डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि कोरोना रोग के मद्देनजर स्वास्थ विभाग पर पहले से ही काफी दबाव है इसलिए आगामी मानसून सीजन में पानी में पैदा होने वाले एनाफलीज व मच्छरों के पनपने पर रोक लगाना बहुत आवश्यक है ताकि डेंगू व मलेरिया न फैले. सभी अधिकारी अपने दफ्तरों की नियमित सफाई करवाएं. पानी की सैंपलिंग व वाटर टैंक की सफाई करवाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता तथा कनिष्ठा अभियंता को कहा गया है.

उन्होंने बताया कि कि जल आपूर्ति लाइन के लीकेज पर विशेष ध्यान दिया जाए. जीरो मलेरिया जिला बनाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने के लिए विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए आमजन से भी सहयोग का आह्वान किया है. आजकल कोरोना के चलते अधिकतर लोगों का ज्यादातर समय घरों में ही बीतता है इसलिए वे अपने खाली समय का सदुपयोग घर की साफ-सफाई जैसे कार्यों में कर सकते हैं और जिले को मलेरिया से बचाने में अपना योगदान दे सकते हैं.

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Last Updated : Jun 3, 2020, 4:27 PM IST
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