नूंह: अरावली पर्वतमाला की तलहटी में स्थित हजरत शेख मूसा की दरगाह पर 712वां सालाना उर्स मनाया गया. इस उर्स में भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. इस मौके पर अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि हमने यहां आकर मुल्क के अमन- शांति, तरक्की के लिए दुआ की है. इसके अलावा उर्स में पहुंचे बड़े धार्मिक उलेमाओं ने कहा कि नूंह जिले में सामाजिक बुराइयां बड़ी तेजी से फैल रही हैं.
इन बुराइयों में ऑनलाइन ठगी के अलावा विवाह-शादियों में ज्यादा दहेज का चलन समाज को लगातार खोखला करता जा रहा है. इसके अलावा और नई-नई बुराइयां समाज में तेजी से बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि पूरे मुल्क में अमन व शांति बरकरार रहे. खासकर नूंह जिले में नूंह हिंसा के बाद फिर से पुराना भाईचारा बहाल हो सके, इसको लेकर पूरी कोशिश की जा रही है. 31 जुलाई को नल्हड़ेश्वर मंदिर शोभायात्रा में जहां हिंसा हुई थी. वहां से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर ये हजरत शेख मूसा की दरगाह है.
जहां पुलिस प्रशासन व सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, लेकिन 712वां सालाना उर्स बहुत ही अमन-शांति के साथ मनाया गया. आपको बता दें कि हजरत शेख मूसा निजामुद्दीन औलिया के खलीफा थे और जब वो अरावली पर्वत से गुजर रहे थे, तो उनका पल्लू झाड़ियों में अटक गया था और वो यहीं पर रुक गए थे. उसी दिन से इस जगह पर पल्ला गांव स्थित है और वहीं पर उनकी दरगाह है.
इस दरगाह में एक पानी का गड्ढा है. माना जाता है कि अगर उस गड्ढे के पानी से शरीर के मस्सों पर लगाया जाए तो मस्से खत्म हो जाते हैं. दूसरा इस मजार पर दो मीनार हैं. माना जाता है कि एक मीनार को हिलाने पर दूसरी मीनार अपने आप हिलती है. ये ऐतिहासिक धरोहर आज भी इलाके में कायम है और लोग दूर-दराज से लोग इसे देखने के लिए भी आते हैं. इसी हजरत शेख मूसा की दरगाह पर 712वां सालाना उर्स मनाया गया.
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