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सूरजमुखी की बुवाई के लिए सही बीजों का करें चयन, ऐसे करें फसल की देखरेख, कुछ ही दिनों में तैयार होगी फसल - SUNFLOWER CULTIVATION IN HARYANA

कम लागत और कम मेहनत वाली सूरजमुखी की खेती और बंपर पैदावार के लिए सूरजमुखी के सही बीजों का चयन जरूरी.

Sunflower cultivation in Haryana
Sunflower cultivation in Haryana (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 30, 2025, 12:43 PM IST

Updated : Jan 30, 2025, 12:49 PM IST

हिसार: सूरजमुखी की बुवाई के लिए यह उपयुक्त समय है. सूरजमुखी की खेती से किसान एक एकड़ में 30 क्विंटल तक पैदावार ले सकते हैं. किसान पहले प्रति दो एकड़ में बीज डालकर खेती कर सकते हैं. सूरजमुखी की बुवाई दूसरे पखवाड़े में शुरू कर सकते हैं. इसकी उत्पादन क्षमता 30 क्विंटल है. सूरजमुखी की बुवाई कुरुक्षेत्र, पंचकूला, करनाल और यमुनानगर में की जाती है. इसकी खेती करने से किसानों को काफी लाभ हो सकता है.

खेती के लिए सूरजमुखी के उत्तम बीज: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने बताया कि संकर किस्मों का 1.5 से 2 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ 8 घंटे पानी में भिगोकर फिर छाया में सुखाकर कतारों में 60 उन्नत किस्मों का चयन करें. उन्नत किस्मों में समय पर बुवाई के लिए संकर किस्मों केबीएसएच-1, पीएसी-36, एमएसएफएच-8, पीसीएसएच-234, केबीएसएच-44, पीएसएच-1962 और एचएसएफएच-848 का बीज इस्तेमाल करें.

कैसे करें बीज की बुवाई: पछेती बिजाई के लिए एमएसएफएच-17, पीएसी 1091, सनजीन 85 और एचएसएफएच-848 उपयुक्त हैं. कम्पोजिट किस्मों का 4 किलोग्राम व संकर किस्मों का 1.5 से 2 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ के हिसाब से 4-6 घंटे पानी में भिगोएं. इसे छाया में सुखाकर कतारों में 45 सेंटीमीटर व पौधों में 30 सेंटीमीटर के अंतर पर 3 से 5 सेंटीमीटर गहराई पर बोएं.

Sunflower cultivation in Haryana
ऐसे करें बीज की बुवाई (Etv Bharat)

सूरजमुखी के लाभ: सूरजमुखी इस्तेमाल पशुओं के चारे में किया गया है. खेती के लिए किसानों के लिए लाभदायक खेती है. सूरजमुखी बीज में कैल्शियम, प्रोटीन और फैटी एसिड्स पाए जाते हैं. इसके बीजों को भिगोकर या रोस्ट करके खाया जा सकता है. स्वास्थ्य के लिए सूरजमुखी का बीज काफी फायदेमंद माना गया है. सूरजमुखी के बीज रोजाना खाने से इम्यूनिटी, हार्ट हेल्थ, हड्डियों के स्वास्थ्य, थायराइड बाल और त्वचा के लिए भी वरदान माने गए हैं. शरीर में ऊर्जा बनी रहती है. ब्लड प्रेशर और शुगर का प्रबंधन करने में मदद मिलती है.

कटुआ सुंडी का आक्रमण: कटुआ सुंडी का आक्रमण हो तो खेत की सिंचाई करें. तिलहन अनुभाग के इंचार्ज डॉ. रामावतार के अनुसार डॉ. राजवीर गर्ग ने बताया कि 12 किलोग्राम नाइट्रोजन, 30 किलोग्राम यूरिया व 16 किलोग्राम फास्फोरस, 100 किलोग्राम सुपर फास्फेट या 35 किलोग्राम डीएपी प्रति एकड़ बुवाई के समय डालें. संकर किस्मों में 45 किलोग्राम यूरिया व 125 किलोग्राम एसएसपी डालें. कटुआ सुंडी का आक्रमण हो तो खेत की सिंचाई करें. 10 किलोग्राम फेनवलरेट 0.4 प्रतिशत प्रति एकड़ डालें. इसके अलावा, 80 मिली. फेनवलरेट 20 ईसी या 50 मिली. सायपरमेथ्रिन 25 ईसी. 150 मिली. डेकोमेथ्रिन 2.8 ईसी को 100 से 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें. सेंटीमीटर व पौधों में 30 सेंटीमीटर के फासले पर व 3-5 सेंटीमीटर की गहराई पर बोएं.

ये भी पढ़ें: करनाल के पधाना का टमाटर है खास, पाकिस्तान भी है दिवाना, रिलायंस जैसी कंपनी आती है खेत तक माल खरीदने

ये भी पढ़ें: करनाल में इंजीनियर बना किसान, नौकरी के साथ कर रहा आधुनिक खेती, दूसरे किसानों के लिए बना मिसाल

हिसार: सूरजमुखी की बुवाई के लिए यह उपयुक्त समय है. सूरजमुखी की खेती से किसान एक एकड़ में 30 क्विंटल तक पैदावार ले सकते हैं. किसान पहले प्रति दो एकड़ में बीज डालकर खेती कर सकते हैं. सूरजमुखी की बुवाई दूसरे पखवाड़े में शुरू कर सकते हैं. इसकी उत्पादन क्षमता 30 क्विंटल है. सूरजमुखी की बुवाई कुरुक्षेत्र, पंचकूला, करनाल और यमुनानगर में की जाती है. इसकी खेती करने से किसानों को काफी लाभ हो सकता है.

खेती के लिए सूरजमुखी के उत्तम बीज: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने बताया कि संकर किस्मों का 1.5 से 2 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ 8 घंटे पानी में भिगोकर फिर छाया में सुखाकर कतारों में 60 उन्नत किस्मों का चयन करें. उन्नत किस्मों में समय पर बुवाई के लिए संकर किस्मों केबीएसएच-1, पीएसी-36, एमएसएफएच-8, पीसीएसएच-234, केबीएसएच-44, पीएसएच-1962 और एचएसएफएच-848 का बीज इस्तेमाल करें.

कैसे करें बीज की बुवाई: पछेती बिजाई के लिए एमएसएफएच-17, पीएसी 1091, सनजीन 85 और एचएसएफएच-848 उपयुक्त हैं. कम्पोजिट किस्मों का 4 किलोग्राम व संकर किस्मों का 1.5 से 2 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ के हिसाब से 4-6 घंटे पानी में भिगोएं. इसे छाया में सुखाकर कतारों में 45 सेंटीमीटर व पौधों में 30 सेंटीमीटर के अंतर पर 3 से 5 सेंटीमीटर गहराई पर बोएं.

Sunflower cultivation in Haryana
ऐसे करें बीज की बुवाई (Etv Bharat)

सूरजमुखी के लाभ: सूरजमुखी इस्तेमाल पशुओं के चारे में किया गया है. खेती के लिए किसानों के लिए लाभदायक खेती है. सूरजमुखी बीज में कैल्शियम, प्रोटीन और फैटी एसिड्स पाए जाते हैं. इसके बीजों को भिगोकर या रोस्ट करके खाया जा सकता है. स्वास्थ्य के लिए सूरजमुखी का बीज काफी फायदेमंद माना गया है. सूरजमुखी के बीज रोजाना खाने से इम्यूनिटी, हार्ट हेल्थ, हड्डियों के स्वास्थ्य, थायराइड बाल और त्वचा के लिए भी वरदान माने गए हैं. शरीर में ऊर्जा बनी रहती है. ब्लड प्रेशर और शुगर का प्रबंधन करने में मदद मिलती है.

कटुआ सुंडी का आक्रमण: कटुआ सुंडी का आक्रमण हो तो खेत की सिंचाई करें. तिलहन अनुभाग के इंचार्ज डॉ. रामावतार के अनुसार डॉ. राजवीर गर्ग ने बताया कि 12 किलोग्राम नाइट्रोजन, 30 किलोग्राम यूरिया व 16 किलोग्राम फास्फोरस, 100 किलोग्राम सुपर फास्फेट या 35 किलोग्राम डीएपी प्रति एकड़ बुवाई के समय डालें. संकर किस्मों में 45 किलोग्राम यूरिया व 125 किलोग्राम एसएसपी डालें. कटुआ सुंडी का आक्रमण हो तो खेत की सिंचाई करें. 10 किलोग्राम फेनवलरेट 0.4 प्रतिशत प्रति एकड़ डालें. इसके अलावा, 80 मिली. फेनवलरेट 20 ईसी या 50 मिली. सायपरमेथ्रिन 25 ईसी. 150 मिली. डेकोमेथ्रिन 2.8 ईसी को 100 से 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें. सेंटीमीटर व पौधों में 30 सेंटीमीटर के फासले पर व 3-5 सेंटीमीटर की गहराई पर बोएं.

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Last Updated : Jan 30, 2025, 12:49 PM IST
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