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सुधर रही है नूंह के सरकारी स्कूलों की दशा, करोड़ों रुपये होंगे खर्च

शिक्षा अधिकारी ने कहा कि दो साल के भीतर जिले में एक भी स्कूल ऐसा नहीं बचेगा, जहां पर पेंटिंग इत्यादि की बेहतर व्यवस्था दिखाई नहीं देगी.

Government schools of Nuh
Government schools of Nuh
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Published : Nov 18, 2020, 6:17 PM IST

नूंह: हरियाणा में शैक्षणिक ऐतबार से सबसे पिछड़े जिले नूंह के सरकारी स्कूलों की दशा सुधरने लगी है. शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों में करोड़ों रुपये पेंटिंग और साज-सज्जा पर खर्च किए हैं.

जिला शिक्षा अधिकारी अनूप सिंह जाखड़ ने बताया कि सीनियर सेकेंडरी स्कूल और हाई स्कूल को पेंटिंग इत्यादि के लिए 1 लाख 40 हजार रुपये, मिडिल व प्राइमरी स्कूल को 75000 की राशि दी है. ये राशि जिले के कुछ ही स्कूलों को दी गई है.

सुधर रही है नूंह के सरकारी स्कूलों की दशा, क्लिक कर देखें वीडियो

जिन स्कूलों को इस साल राशि नहीं दी जा सकी है. उनको अगले साल जिला परिषद की मदद से राशि उपलब्ध करवाई जाएगी. शिक्षा अधिकारी ने कहा कि दो साल के भीतर जिले में एक भी स्कूल ऐसा नहीं बचेगा, जहां पर पेंटिंग इत्यादि की बेहतर व्यवस्था दिखाई नहीं देगी. अब अंदर से ही नहीं जिले के स्कूलों के भवन बाहर से भी सुंदर दिखाई देंगे. सुंदर वातावरण से बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ेगा और अच्छे नतीजे सामने आएंगे.

ये भी पढ़ें- 8 महीने बाद खुली कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दो बैच में दिए जा रहे लेक्चर

अभी तक सरकारी स्कूलों में भवन से लेकर कई प्रकार की खामियां देखने को मिलती थी. जिन्हें अब तेजी से दूर किया जा रहा है. इसके पीछे सिर्फ एक ही मकसद है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों का पढ़ाई में मन लगे और वो निजी स्कूलों के बच्चों की तरह अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सके.

नूंह: हरियाणा में शैक्षणिक ऐतबार से सबसे पिछड़े जिले नूंह के सरकारी स्कूलों की दशा सुधरने लगी है. शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों में करोड़ों रुपये पेंटिंग और साज-सज्जा पर खर्च किए हैं.

जिला शिक्षा अधिकारी अनूप सिंह जाखड़ ने बताया कि सीनियर सेकेंडरी स्कूल और हाई स्कूल को पेंटिंग इत्यादि के लिए 1 लाख 40 हजार रुपये, मिडिल व प्राइमरी स्कूल को 75000 की राशि दी है. ये राशि जिले के कुछ ही स्कूलों को दी गई है.

सुधर रही है नूंह के सरकारी स्कूलों की दशा, क्लिक कर देखें वीडियो

जिन स्कूलों को इस साल राशि नहीं दी जा सकी है. उनको अगले साल जिला परिषद की मदद से राशि उपलब्ध करवाई जाएगी. शिक्षा अधिकारी ने कहा कि दो साल के भीतर जिले में एक भी स्कूल ऐसा नहीं बचेगा, जहां पर पेंटिंग इत्यादि की बेहतर व्यवस्था दिखाई नहीं देगी. अब अंदर से ही नहीं जिले के स्कूलों के भवन बाहर से भी सुंदर दिखाई देंगे. सुंदर वातावरण से बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ेगा और अच्छे नतीजे सामने आएंगे.

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अभी तक सरकारी स्कूलों में भवन से लेकर कई प्रकार की खामियां देखने को मिलती थी. जिन्हें अब तेजी से दूर किया जा रहा है. इसके पीछे सिर्फ एक ही मकसद है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों का पढ़ाई में मन लगे और वो निजी स्कूलों के बच्चों की तरह अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सके.

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