नूंह: हरियाणा सरकार किसानों को कई अंतरराष्ट्रीय स्तर की मंडियां बनाने का सपना दिखा रही हैं. उनकी आय दोगुनी करने का दावा कर रही है, लेकिन जरा इन दावों के बीच नूंह की सड़कों पर अपनी फसल बेच रहे किसानों को भी देख लीजिए. जो सरकार से उनकी फसल का सही दाम मांग रहे हैं.
दरअसल, मेवात में इन दिनों चने की फसल काफी हो रही है, क्योंकि पानी कम आने की वजह से यहां के किसान चने की खेती ही कर पाते हैं. बता दें कि चने की फसल के दाम गेंहू जैसी फसलों से कम हैं. ऐसे में मंडियों में भी किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. जिस वजह से किसान सड़क किनारे चना बेचने को मजूबर हैं.
सड़क किनारे चना बेच रहे बच्चे
सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो ये है कि जो लोग सड़क किनारे चना बेच रहे हैं. उनमें ज्यादातर बच्चे हैं. जो स्कूल से आने के बाद चना बेच रहे हैं. बच्चों ने बताया कि वो अकेले नहीं हैं बल्कि उनके जैसे 100 से 150 बच्चे हर रोज चना बेचकर अपने परिवार की मदद करते हैं.
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वहीं जब इस बारे में किसानों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वो सड़क किनारे चना बेचने के लिए मजबूर हैं. उन्हें मंडियों में सही रेट नहीं मिल रहे हैं. जिस वजह से वो ना चाहते हुए भी सड़क किनारे बैठकर चना बेच रहे हैं. किसानों ने बताया कि सड़क किनारे चना बेचने से उन्हें 8 से 10 रुपये का प्रति गड्डी मुनाफा हो जाता है.