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Farmers Protest In Nuh: बाजरे की खरीद नहीं होने से फूटा किसानों का गुस्सा, रोड जाम कर किया प्रदर्शन, हैफेड प्रबंधक पर गंभीर आरोप

Farmers Protest In Nuh: मंगलवार को नूंह में किसानों ने रोड जाम कर सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बाजरे की सरकारी खरीद नहीं होने से परेशान किसानों ने जमकर हंगामा किया.

farmers protest in nuh
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 26, 2023, 7:06 PM IST

नूंह: तावडू अनाज मंडी में मंगलवार को बाजरे की खरीद नहीं होने से गुस्साए किसानों ने हंगामा कर जाम लगा दिया. करीब 2 घंटे तक खरीद एजेंसी हैफेड प्रबंधक के खिलाफ किसानों ने जमकर नारेबाजी की. कई किसान नेता भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए. जाम की सूचना मिलते ही एसडीएम और तहसीलदार मौके पर पहुंचे. जिन्होंने पुलिस की मदद से स्थिति पर नियंत्रण करते हुए किसानों को समझा कर शांत कराया.

ये भी पढ़ें- Paddy Procurement In Haryana: सिरसा में शुरू नहीं हुई धान की सरकारी खरीद, शेड का काम भी अधूरा, किसानों का मंडी अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप

किसानों का कहना था कि वो सुबह से भूखे-प्यासे बाजरे की फसल बेचने के लिए लाइन में खड़े थे, लेकिन खरीद एजेंसी हैफेड प्रबंधक नीरज कुमार ने फसल के नमूने को जानबूझकर फेल कर दिया. आरोप है कि प्रबंधक मनमर्जी के मुताबिक किसानों की साथ जानबूझकर ऐसा कर रहा है. इसके बाद किसानों ने रोड जाम कर प्रदर्शन का फैसला किया. पुलिस ने जबरन किसानों को हटाने की कोशिश की, तो झड़प हो गई.

पुलिस से झड़प के बाद किसानों का विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया. सभी किसान गिरफ्तारी देने के लिए अनाज मंडी में ही स्थित शहर थाना परिसर में पहुंच गए. मौके की नजाकत को समझते हुए तावडू एसडीएम संजीव कुमार और तहसीलदार भी पहुंचे. जहां पर हल्की नोक झोक के बाद दोनों प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों से माफी मांगते हुए उन्हें शांत कर दिया. करीब दो घंटे तक मंडी में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद खरीद शुरू हो पाई.

वहीं मौके पर पहुंचे वरिष्ठ अधिवक्ता एवं किसान नेता रमजान चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों की जमीन हड़पने के लिए शोषण कर रही है, ताकि वो जमीन बेचने के लिए मजबूर हो जाए. किसानों ने कहा कि अगर बाजरे की सरकारी खरीद नहीं की गई, तो वो आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे. इसके लिए सीधे तौर पर सरकार और प्रशासन जिम्मेदार होगा. किसानों का कहना था कि हर साल इसी तरह मंडी में उनका शोषण किया जाता है, चाहे फसल बाजरे की हो या सरसों की.

ये भी पढ़ें- Paddy Procurement In Haryana update: हरियाणा में आज धान की सरकारी खरीद, प्रदेश में 211 धान खरीद केंद्र

किसानों ने कहा कि जब भी हम फसलें बेचने आते हैं, तो ऐसे ही प्रताड़ित किया जाता है. इस बारे में तावडू एसडीएम संजीव कुमार ने बताया कि फिलहाल फसल खरीद शुरू कर दी गई है. बारदाना भी उपलब्ध करा दिया गया है. सब कुछ सुचारू रूप से चालू है. किसानों के हितों का विशेष ख्याल रखा जाएगा. वहीं खरीद एजेंसी प्रबंधक नीरज कुमार ने बताया कि उनपर लगाए गए आरोप निराधार हैं. वो सरकारी मापदंडों के आधार पर ही फसल की खरीद कर रहे हैं. मंडी में बारदाने की कमी जरूर आई थी. फिलहाल इस कमी को भी दूर किया गया है.

नूंह: तावडू अनाज मंडी में मंगलवार को बाजरे की खरीद नहीं होने से गुस्साए किसानों ने हंगामा कर जाम लगा दिया. करीब 2 घंटे तक खरीद एजेंसी हैफेड प्रबंधक के खिलाफ किसानों ने जमकर नारेबाजी की. कई किसान नेता भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए. जाम की सूचना मिलते ही एसडीएम और तहसीलदार मौके पर पहुंचे. जिन्होंने पुलिस की मदद से स्थिति पर नियंत्रण करते हुए किसानों को समझा कर शांत कराया.

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किसानों का कहना था कि वो सुबह से भूखे-प्यासे बाजरे की फसल बेचने के लिए लाइन में खड़े थे, लेकिन खरीद एजेंसी हैफेड प्रबंधक नीरज कुमार ने फसल के नमूने को जानबूझकर फेल कर दिया. आरोप है कि प्रबंधक मनमर्जी के मुताबिक किसानों की साथ जानबूझकर ऐसा कर रहा है. इसके बाद किसानों ने रोड जाम कर प्रदर्शन का फैसला किया. पुलिस ने जबरन किसानों को हटाने की कोशिश की, तो झड़प हो गई.

पुलिस से झड़प के बाद किसानों का विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया. सभी किसान गिरफ्तारी देने के लिए अनाज मंडी में ही स्थित शहर थाना परिसर में पहुंच गए. मौके की नजाकत को समझते हुए तावडू एसडीएम संजीव कुमार और तहसीलदार भी पहुंचे. जहां पर हल्की नोक झोक के बाद दोनों प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों से माफी मांगते हुए उन्हें शांत कर दिया. करीब दो घंटे तक मंडी में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद खरीद शुरू हो पाई.

वहीं मौके पर पहुंचे वरिष्ठ अधिवक्ता एवं किसान नेता रमजान चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों की जमीन हड़पने के लिए शोषण कर रही है, ताकि वो जमीन बेचने के लिए मजबूर हो जाए. किसानों ने कहा कि अगर बाजरे की सरकारी खरीद नहीं की गई, तो वो आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे. इसके लिए सीधे तौर पर सरकार और प्रशासन जिम्मेदार होगा. किसानों का कहना था कि हर साल इसी तरह मंडी में उनका शोषण किया जाता है, चाहे फसल बाजरे की हो या सरसों की.

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किसानों ने कहा कि जब भी हम फसलें बेचने आते हैं, तो ऐसे ही प्रताड़ित किया जाता है. इस बारे में तावडू एसडीएम संजीव कुमार ने बताया कि फिलहाल फसल खरीद शुरू कर दी गई है. बारदाना भी उपलब्ध करा दिया गया है. सब कुछ सुचारू रूप से चालू है. किसानों के हितों का विशेष ख्याल रखा जाएगा. वहीं खरीद एजेंसी प्रबंधक नीरज कुमार ने बताया कि उनपर लगाए गए आरोप निराधार हैं. वो सरकारी मापदंडों के आधार पर ही फसल की खरीद कर रहे हैं. मंडी में बारदाने की कमी जरूर आई थी. फिलहाल इस कमी को भी दूर किया गया है.

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