नूंहः सरकार की फसल खरीद के लिए बनाई गई योजना किसानों के गले की फांसी बनते जा रही है. सरकारी खरीद के लिए अभी भी आवेदन ही हो रहे हैं, लेकिन कुछ किसानों के आवेदन के बाद भी सरसों की फसल नहीं खरीदी गई.
इतना ही नहीं मार्केट कमेटी के दफ्तर में अधिकारियों-कर्मचारियों का भी भारी टोटा है. सचिव का पद रिक्त है. तावड़ू मार्केट कमेटी के सचिव को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा हुआ है, जो कभी कभार ही मंडी में दिखाई देते हैं. किसान योजना और आढ़तियों से परेशान है, लेकिन सरकारी खरीद के लिए जो नियम भाजपा सरकार ने बनाए हैं. वे इतने कठिन हैं , उन्हें पूरा करना किसान के बस की बात नहीं है.
किसानों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन कराने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अनाज मंडी से 2 किलोमीटर दूर आईटीआई कॉलेज में रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाया हुआ है, जिससे इधर उधर आने में काफी परेशानी होती है. पटवारी से लेकर फरद निकलवाने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1 एकड़ फसल पर 6 क्विंटल फसल को सरकार खरीद कर रही है जबकि 1 एकड़ में 12 से 14 क्वंटल सरसों पैदा हो रही है.
किसानों के मताबिक मेवात जिले में पानी ना होते हुए भी इस बार अच्छी फसल पैदावार हुई है, लेकिन खरीदारी का सिस्टम ठीक नहीं है जिससे किसान परेशान है.