ETV Bharat / state

सरकारी योजना बनी किसानों के 'गले की फांस', आवेदन के बाद भी नहीं हुई फसलों की खरीदी

सरकार की फसल खरीद के लिए बनाई गई योजना किसानों के गले की फांसी बनते जा रही है. सरकारी खरीद के लिए अभी भी आवेदन ही हो रहे हैं, लेकिन कुछ किसानों के आवेदन के बाद भी सरसों की फसल नहीं खरीदी गई.

फसलों को लेकर किसान परेशान
author img

By

Published : Apr 2, 2019, 11:44 PM IST

नूंहः सरकार की फसल खरीद के लिए बनाई गई योजना किसानों के गले की फांसी बनते जा रही है. सरकारी खरीद के लिए अभी भी आवेदन ही हो रहे हैं, लेकिन कुछ किसानों के आवेदन के बाद भी सरसों की फसल नहीं खरीदी गई.

अपनी समस्या बताता किसान

इतना ही नहीं मार्केट कमेटी के दफ्तर में अधिकारियों-कर्मचारियों का भी भारी टोटा है. सचिव का पद रिक्त है. तावड़ू मार्केट कमेटी के सचिव को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा हुआ है, जो कभी कभार ही मंडी में दिखाई देते हैं. किसान योजना और आढ़तियों से परेशान है, लेकिन सरकारी खरीद के लिए जो नियम भाजपा सरकार ने बनाए हैं. वे इतने कठिन हैं , उन्हें पूरा करना किसान के बस की बात नहीं है.

फसलों को लेकर किसान परेशान

किसानों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन कराने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अनाज मंडी से 2 किलोमीटर दूर आईटीआई कॉलेज में रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाया हुआ है, जिससे इधर उधर आने में काफी परेशानी होती है. पटवारी से लेकर फरद निकलवाने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1 एकड़ फसल पर 6 क्विंटल फसल को सरकार खरीद कर रही है जबकि 1 एकड़ में 12 से 14 क्वंटल सरसों पैदा हो रही है.

किसानों के मताबिक मेवात जिले में पानी ना होते हुए भी इस बार अच्छी फसल पैदावार हुई है, लेकिन खरीदारी का सिस्टम ठीक नहीं है जिससे किसान परेशान है.

नूंहः सरकार की फसल खरीद के लिए बनाई गई योजना किसानों के गले की फांसी बनते जा रही है. सरकारी खरीद के लिए अभी भी आवेदन ही हो रहे हैं, लेकिन कुछ किसानों के आवेदन के बाद भी सरसों की फसल नहीं खरीदी गई.

अपनी समस्या बताता किसान

इतना ही नहीं मार्केट कमेटी के दफ्तर में अधिकारियों-कर्मचारियों का भी भारी टोटा है. सचिव का पद रिक्त है. तावड़ू मार्केट कमेटी के सचिव को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा हुआ है, जो कभी कभार ही मंडी में दिखाई देते हैं. किसान योजना और आढ़तियों से परेशान है, लेकिन सरकारी खरीद के लिए जो नियम भाजपा सरकार ने बनाए हैं. वे इतने कठिन हैं , उन्हें पूरा करना किसान के बस की बात नहीं है.

फसलों को लेकर किसान परेशान

किसानों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन कराने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अनाज मंडी से 2 किलोमीटर दूर आईटीआई कॉलेज में रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाया हुआ है, जिससे इधर उधर आने में काफी परेशानी होती है. पटवारी से लेकर फरद निकलवाने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1 एकड़ फसल पर 6 क्विंटल फसल को सरकार खरीद कर रही है जबकि 1 एकड़ में 12 से 14 क्वंटल सरसों पैदा हो रही है.

किसानों के मताबिक मेवात जिले में पानी ना होते हुए भी इस बार अच्छी फसल पैदावार हुई है, लेकिन खरीदारी का सिस्टम ठीक नहीं है जिससे किसान परेशान है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात।

स्टोरी ;- फसल खरीद योजना बनी किसानों की गले की फ़ांस

सरकार की फसल खरीद के लिए बनाई गई योजना किसानों के गले की फ़ांस बनती जा रही है। सरकारी खरीद के लिए अभी भी आवेदन ही हो रहे हैं ,लेकिन कुछ किसानों के आवेदन के बाद भी सरसों की फसल नहीं खरीदी गई। पुन्हाना अनाज मंडी से दो किलो मीटर दूर रजिस्ट्रेशन सेंटर आईटीआई में बनाया हुआ है जिससे किसानों को फरद से लेकर पटवारी ,मार्केट ,कमेठी पुन्हाना तक चक्कर लगाने पड़ रहे है। किसान की अनपढ़ता - अज्ञानता का लाभ उठाने में आढ़ती भी पीछे नहीं हैं। सरसों गीली होने की बात कहकर तोल से लेकर भाव तक में उनके साथ धोखा हो रहा है। मजबूरन किसानों को ओने -पौने दामों में सरसों की फसल को बेचने पर मजबूर है। इतना ही नहीं मार्केट कमेटी के दफ्तर में अधिकारियों - कर्मचारियों का भारी टोटा है। सचिव का पद रिक्त है। तावडू मार्केट कमेटी के सचिव को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा हुआ है , जो कभी कभार ही मंडी में दिखाई देते हैं । किसान योजना और आढ़तियों से परेशान है ,लेकिन सरकारी खरीद के लिए जो नियम भाजपा सरकार ने बनाये हैं। वे इतने कठिन हैं , जिन्हें पूरा करना किसान के बस की बात नहीं है।
किसानों ने कहा कि रजिस्ट्रेशन कराने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है अनाज मंडी से 2 किलोमीटर दूर आईटीआई कॉलेज में रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाया हुआ है ,जिससे इधर उधर आने में काफी परेशानी होती है। पटवारी से लेकर फरद निकलवाने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1 एकड़ फसल पर 6 क्विंटल फसल को सरकार खरीद कर रही है जबकि 1 एकड़ में 12 से 14 क्वंटल सरसों पैदा हो रही है।
किसानों के मताबिक मेवात जिले में पानी ना होते हुए भी इस बार अच्छी फसल पैदावार हुई है लेकिन खरीदारी का सिस्टम ठीक नहीं है किसान परेशान वह हताश है इतना ही नहीं किसानों को सरसों में फसल की नमी को लेकर भी लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कम से कम 1 एकड़ पर 14 क्वंटल फसल को खरीदा जाए ।
दर्जनों किसानों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि इस समय रुपयों की सख्त जरूरत है किसान कर्ज तले दबा हुआ है। किसी को बच्चों के पीले हाथ करने है तो किसी को कर्ज चुकाना है
फसल का तुरंत भुगतान करने की मांग की है। इतना ही नहीं जिन किसानों के रजिस्ट्रेशन नहीं हुए हैं वह तो परेशान हैं ही लेकिन जिनके रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं वह भी उनसे ज्यादा परेशान दिखाई दे रहे है। रजिस्ट्रेशन के नाम पर भी किसानों से रकम वसूली जा रही है।

बाइट ;- बशीर अहमद किसान।
बाइट ;- नियामत खान किसान।
बाइट ;- याकूब खान किसान।
बाइट ;- रसीद समाजसेवी।
बाइट ;- रियाज खान किसान।
बाइट ;- सद्दीक किसान।
बाइट तौफीक किसान।

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Body:संवाददाता नूंह मेवात।

स्टोरी ;- फसल खरीद योजना बनी किसानों की गले की फ़ांस

सरकार की फसल खरीद के लिए बनाई गई योजना किसानों के गले की फ़ांस बनती जा रही है। सरकारी खरीद के लिए अभी भी आवेदन ही हो रहे हैं ,लेकिन कुछ किसानों के आवेदन के बाद भी सरसों की फसल नहीं खरीदी गई। पुन्हाना अनाज मंडी से दो किलो मीटर दूर रजिस्ट्रेशन सेंटर आईटीआई में बनाया हुआ है जिससे किसानों को फरद से लेकर पटवारी ,मार्केट ,कमेठी पुन्हाना तक चक्कर लगाने पड़ रहे है। किसान की अनपढ़ता - अज्ञानता का लाभ उठाने में आढ़ती भी पीछे नहीं हैं। सरसों गीली होने की बात कहकर तोल से लेकर भाव तक में उनके साथ धोखा हो रहा है। मजबूरन किसानों को ओने -पौने दामों में सरसों की फसल को बेचने पर मजबूर है। इतना ही नहीं मार्केट कमेटी के दफ्तर में अधिकारियों - कर्मचारियों का भारी टोटा है। सचिव का पद रिक्त है। तावडू मार्केट कमेटी के सचिव को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा हुआ है , जो कभी कभार ही मंडी में दिखाई देते हैं । किसान योजना और आढ़तियों से परेशान है ,लेकिन सरकारी खरीद के लिए जो नियम भाजपा सरकार ने बनाये हैं। वे इतने कठिन हैं , जिन्हें पूरा करना किसान के बस की बात नहीं है।
किसानों ने कहा कि रजिस्ट्रेशन कराने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है अनाज मंडी से 2 किलोमीटर दूर आईटीआई कॉलेज में रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाया हुआ है ,जिससे इधर उधर आने में काफी परेशानी होती है। पटवारी से लेकर फरद निकलवाने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1 एकड़ फसल पर 6 क्विंटल फसल को सरकार खरीद कर रही है जबकि 1 एकड़ में 12 से 14 क्वंटल सरसों पैदा हो रही है।
किसानों के मताबिक मेवात जिले में पानी ना होते हुए भी इस बार अच्छी फसल पैदावार हुई है लेकिन खरीदारी का सिस्टम ठीक नहीं है किसान परेशान वह हताश है इतना ही नहीं किसानों को सरसों में फसल की नमी को लेकर भी लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कम से कम 1 एकड़ पर 14 क्वंटल फसल को खरीदा जाए ।
दर्जनों किसानों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि इस समय रुपयों की सख्त जरूरत है किसान कर्ज तले दबा हुआ है। किसी को बच्चों के पीले हाथ करने है तो किसी को कर्ज चुकाना है
फसल का तुरंत भुगतान करने की मांग की है। इतना ही नहीं जिन किसानों के रजिस्ट्रेशन नहीं हुए हैं वह तो परेशान हैं ही लेकिन जिनके रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं वह भी उनसे ज्यादा परेशान दिखाई दे रहे है। रजिस्ट्रेशन के नाम पर भी किसानों से रकम वसूली जा रही है।

बाइट ;- बशीर अहमद किसान।
बाइट ;- नियामत खान किसान।
बाइट ;- याकूब खान किसान।
बाइट ;- रसीद समाजसेवी।
बाइट ;- रियाज खान किसान।
बाइट ;- सद्दीक किसान।
बाइट तौफीक किसान।

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात।

स्टोरी ;- फसल खरीद योजना बनी किसानों की गले की फ़ांस

सरकार की फसल खरीद के लिए बनाई गई योजना किसानों के गले की फ़ांस बनती जा रही है। सरकारी खरीद के लिए अभी भी आवेदन ही हो रहे हैं ,लेकिन कुछ किसानों के आवेदन के बाद भी सरसों की फसल नहीं खरीदी गई। पुन्हाना अनाज मंडी से दो किलो मीटर दूर रजिस्ट्रेशन सेंटर आईटीआई में बनाया हुआ है जिससे किसानों को फरद से लेकर पटवारी ,मार्केट ,कमेठी पुन्हाना तक चक्कर लगाने पड़ रहे है। किसान की अनपढ़ता - अज्ञानता का लाभ उठाने में आढ़ती भी पीछे नहीं हैं। सरसों गीली होने की बात कहकर तोल से लेकर भाव तक में उनके साथ धोखा हो रहा है। मजबूरन किसानों को ओने -पौने दामों में सरसों की फसल को बेचने पर मजबूर है। इतना ही नहीं मार्केट कमेटी के दफ्तर में अधिकारियों - कर्मचारियों का भारी टोटा है। सचिव का पद रिक्त है। तावडू मार्केट कमेटी के सचिव को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा हुआ है , जो कभी कभार ही मंडी में दिखाई देते हैं । किसान योजना और आढ़तियों से परेशान है ,लेकिन सरकारी खरीद के लिए जो नियम भाजपा सरकार ने बनाये हैं। वे इतने कठिन हैं , जिन्हें पूरा करना किसान के बस की बात नहीं है।
किसानों ने कहा कि रजिस्ट्रेशन कराने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है अनाज मंडी से 2 किलोमीटर दूर आईटीआई कॉलेज में रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाया हुआ है ,जिससे इधर उधर आने में काफी परेशानी होती है। पटवारी से लेकर फरद निकलवाने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1 एकड़ फसल पर 6 क्विंटल फसल को सरकार खरीद कर रही है जबकि 1 एकड़ में 12 से 14 क्वंटल सरसों पैदा हो रही है।
किसानों के मताबिक मेवात जिले में पानी ना होते हुए भी इस बार अच्छी फसल पैदावार हुई है लेकिन खरीदारी का सिस्टम ठीक नहीं है किसान परेशान वह हताश है इतना ही नहीं किसानों को सरसों में फसल की नमी को लेकर भी लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कम से कम 1 एकड़ पर 14 क्वंटल फसल को खरीदा जाए ।
दर्जनों किसानों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि इस समय रुपयों की सख्त जरूरत है किसान कर्ज तले दबा हुआ है। किसी को बच्चों के पीले हाथ करने है तो किसी को कर्ज चुकाना है
फसल का तुरंत भुगतान करने की मांग की है। इतना ही नहीं जिन किसानों के रजिस्ट्रेशन नहीं हुए हैं वह तो परेशान हैं ही लेकिन जिनके रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं वह भी उनसे ज्यादा परेशान दिखाई दे रहे है। रजिस्ट्रेशन के नाम पर भी किसानों से रकम वसूली जा रही है।

बाइट ;- बशीर अहमद किसान।
बाइट ;- नियामत खान किसान।
बाइट ;- याकूब खान किसान।
बाइट ;- रसीद समाजसेवी।
बाइट ;- रियाज खान किसान।
बाइट ;- सद्दीक किसान।
बाइट तौफीक किसान।

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.