नूंह: मेवात जिले की अनाज मंडियों में सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से आढ़ती और किसान दोनों परेशान हैं. स्थानीय किसानों का कहना है कि रमजान भी चल रहा है और ईद भी आने वाली है, जिसके चलते किसानों को पैसों की सख्त जरूरत है. उन्होंने कहा कि किसान साल भर से आस लगाते हैं कि खेतों में फसल होगी और उसकी बिक्री कर बच्चों का पालन पोषण होगा, लेकिन कुदरत की मार के आगे किसकी चलती है.
बता दें कि इस बार हरियाणा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ने का काम किया था. किसानों का कहना है कि रही सही कसर अब सरकारी खरीद नहीं होने से पूरी हो रही है. अनाज मंडी में फसल लेकर आ रहे किसानों ने बताया कि रमजान के महीने में सुबह से शाम तक मंडी में खड़ा रहना पड़ता है, तब जाकर फसल की तुलाई होती है. तुलाई के बाद फसल को अनाज मंडी में राम भरोसे खाली कर, खाली हाथ ही घर जाना पड़ता है. क्या पता फसल का पैसा मिलेगा या नहीं.
किसानों ने कहा कि सरकार की ओर से पहले किसानों की गेहूं की फसल के दाने-दाने को उचित दाम पर खरीदने की बात कही गई थी, लेकिन अब सरकार किसानों से लस्टरलेस के नाम पर कटौती करने की बात कर रही है. किसानों ने कहा कि सरकारी खरीद नहीं होने से भारी परेशानी हो रही है. किसानों ने बताया कि ईद के लिए बच्चों को कपड़े व अन्य सामग्री भी खरीदनी है. लेकिन, फसल का पैसा नहीं मिलने से बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है. पहले 1 एकड़ में गेहूं की फसल 70 मन होती थी, लेकिन इस बार 35 से 40 मन फसल हुई है, जिससे किसानों को भारी घाटा हुआ है.
वहीं, अनाज मंडी में आढ़तियों का कहना है कि सरकारी खरीद नहीं होने से किसानों के साथ-साथ आढ़तियों को भी भारी परेशानी हो रही है. आढ़तियों ने बताया की आढ़ती किसानों से फसल को कांटा कराकर अनाज मंडी में रखवा रहे हैं, जिससे अनाज मंडियों में गेहूं की फसल के भारी ढेर लगे हुए हैं. अगर बारिश हो गई तो सारा अनाज भीग जाएगा. सरकारी एजेंसियों की तरफ से अनाज मंडियों में बारदान भी नहीं दिए गए हैं. अगर बरसात हुई तो आढ़तियों को लाखों रुपए का नुकसान होगा, लेकिन सरकार को किसी की कोई परवाह नहीं है. उन्होंने कार को जल्द से जल्द सरकारी खरीद शुरू करनी चाहिए ताकि किसान आढ़तियों को परेशानी न हो.
क्या कहते हैं वेयरहाउस कमेटी इंचार्ज: वहीं, सरकारी खरीद को वेयर हाउस कमेटी इंचार्ज आकिल खान ने कहा कि सरकारी खरीद नहीं हो पाई है. क्योंकि बरसात के कारण फसल में काफी नमी थी जिसके कारण सरकारी खरीद नहीं हो सकी. जल्द ही सरकारी खरीद की जाएगी और किसानों के दाने-दाने खरीदा जाएगा यही सरकार का प्रयास है.
उन्होंने कहा कि जब सरकारी खरीद शुरू होगी, तभी आढ़तियों को बारदान दिया जाएगा. उससे पहले नहीं. इससे यह स्पष्ट होता है कि अगर सरकारी खरीद शुरू होने से पहले बरसात आती है तो टीन शेड के बाहर पड़ा हजारों क्विंटल गेहूं की फसल भीगने से आढ़तियों और किसानों का नुकसान होगा.
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