नूंह: बसई खानजादा गांव में दो पक्षों का विवाद धीरे-धीरे राजनीतिक रंग लेता जा रहा है. दलित युवक रूप चंद ने चारपाई पर बैठने पर पिटाई करने और पानी तक नहीं भरने देने का आरोप लगाते हुए नगीना पुलिस में जातिसूचक शब्द इत्यादि धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करा चुका है तो अब आरोपी पक्ष ने इस झगड़े को पंचायत चुनाव से जोड़ दिया.
हद तो तब हो गई जब पीड़ित दलित युवक का पिता भी आरोपी पक्ष के साथ खड़ा दिखाई दिया. नगीना पुलिस को भी इस विवाद को सुलझाना एक चुनौती बन सकता है.
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आरोपी पक्ष के मुताबिक पंचायत चुनावों में सरपंच को वोट न देने का खामियाजा बसई खानजादा के एक ब्राह्मण परिवार को भुगतना पड़ रहा है. सरपंच के इशारे पर गांव के अनुसूचित जाति के युवक ने ब्राह्मण परिवार पर जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल के साथ मारपीट का आरोप लगाया है.
नगीना पुलिस ने बेशक बिना जांच पड़ताल के मुकदमा दर्ज कर लिया हो, लेकिन मुकदमा दर्ज कराने वाले युवक के परिजन भी युवक की गलती को स्वीकार कर रहे हैं. मामले की जांच फिरोजपुर झिरका के डीएसपी को सौंपी गई है. गांव के अधिकतर लोग ब्राह्मण परिवार के साथ हो रही नाइंसाफी को लेकर चिंतित हैं.
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आपको बता दें कि आरोप हैं कि कुछ दिनों पहले पुलिस को शिकायत देने वाला युवक शराब के नशे में ब्राह्मण परिवार के घर गया और वहां पर मौजूद महिलाओं के साथ गाली गलौच करने के अलावा बदतमीजी करने लगा. परिवार के लोगों से सहन नहीं हुआ तो उन्होंने इस युवक को हाथ पकड़कर बाहर निकाल दिया. गांव के मौजूदा सरपंच गुट ने घटना के बाद इस पर राजनीति शुरू कर दी.
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पुलिस में शिकायत दी साथ ही ब्राह्मण परिवार के दर्जनों लोगों पर एससी-एसटी एक्ट लगवा दिया. जबकि शिकायतकर्ता रूप चंद के परिजन स्वयं युवक की गलती मान रहे हैं. शराब के आदि इस युवक की करतूत पहले भी ग्रामीण सहते रहे हैं.
इतना ही नहीं एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने वाले इस युवक ने पहले भी अपने पिता से मारपीट कर उसे शारीरिक चोट पहुंचाई है. गांव के पूर्व सरपंच के अलावा अन्य ग्रामीण युवक की इस हरकत को चुनावी रंजिश का नतीजा मान रहे हैं. मामला दर्ज हुए करीब 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस ने इस विवाद में कोई कार्रवाई नहीं की है.