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नूंह के अल आफिया अस्पताल में मशीन नहीं होने से सात माह से बंद है आंखों का ऑपरेशन - अल आफिया अस्पताल में आंखों का ऑपरेशन

नूंह के अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में पिछले सात महीने से आंखों का ऑपरेशन नहीं हो रहा है. अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि मशीनों के खराब होने के कारण ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है. अस्पताल की मशीन खराब होने की वजह से तकरीबन सात माह से बुजुर्गों को आंखों के ऑपरेशन कराने के लिए जगह-जगह धक्के खाने पड़ रहे हैं.

eye operation closed for seven months in nun's al aafia hospital
नूंह के अल आफिया अस्पताल में मशीन नहीं होने से सात माह से बंद है आंखों का आपरेशन
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Published : Jan 11, 2020, 12:50 PM IST

नूंह: जिले के अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा में आंखों के ऑपरेशन की मशीन के खराब होने की वजह से अस्पताल में आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक सात माह से यह मशीन खराब पड़ी है. जिसके चलते आंखों के ऑपरेशन कराने के लिए मरीजों को जगह-जगह धक्के खाने पड़ रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग के उदासीनता के कारण मरीजों को हो रही परेशानी
अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा में जो मशीन पिछले करीब सात महीने से खराब पड़ी है. उसकी कीमत मार्केट में करीब चार से साढ़े चार लाख रुपये बताई जा रही है. स्वास्थ्य विभाग नूंह में सामान खरीद के लिए जो कमेटी बनाई हुई है, वह सिर्फ दो लाख रुपये तक की मशीन इत्यादि सामान खरीद सकती है. जिसके कारण अस्पताल प्रशासन इस मशीन को नहीं खरीद रहा है. वहीं अस्पताल प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को कई बार इसके बारे में पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग से इस बारे में ना तो कोई उत्तर आया है और ना ही मशीन.

नूंह के अल आफिया अस्पताल में मशीन नहीं होने से सात माह से बंद है आंखों का आपरेशन

इसे भी पढ़ें: सऊदी अरब की बच्ची को गुरुग्राम में मिला नया जीवन, डॉक्टर्स ने लगाई गाय की नस

धूल फांक रही मशीनें
अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बलजिंदर सैनी का कार्यकाल बेहद सराहनीय रहा है. उन्होंने बड़े पैमाने पर बुजुर्गों के आंखों के ऑपरेशन किए हैं. लेकिन अब न केवल डॉक्टर बलजिंदर सैनी रिटायर्ड हो चुके हैं, बल्कि ऑपरेशन के समय इस्तेमाल होने वाली मशीन भी धूल फांक रही है.

स्वास्थ्य विभाग भले ही कागजों में लोगों के स्वास्थ्य को लेकर लंबे चौड़े दावे कर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है. सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब बुजुर्गों के आंखों के ऑपरेशन में चार-पांच लाख की मशीन के बगैर पिछले कई माह से ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं तो बाकी महंगे इलाज की कल्पना किसी सपने से कम नहीं है.

स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली से नाराज हैं मरीज
जिले के लोग स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली से बेहद नाराज हैं. बुजुर्गों ने जल्द से जल्द सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में आंखों का ऑपरेशन और आंखों के रोगों की जांच के लिए डॉक्टर की तत्काल नियुक्ति की मांग की.वहीं उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से मांग की कि खराब हुए मशीनों को जल्द से जल्द बदला जाए.

इस बारे में एसएमओ एवं डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर लोकबीर ने कहा कि हमने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर मामले के बारे में अवगत कराया है. जल्द ही समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि डॉ. सैनी के रिटायर्ड होने के बाद स्वास्थ्य विभाग को नए सर्जन को नियुक्त करने के बारे में भी पत्र लिखा जा चुका है.

नूंह: जिले के अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा में आंखों के ऑपरेशन की मशीन के खराब होने की वजह से अस्पताल में आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक सात माह से यह मशीन खराब पड़ी है. जिसके चलते आंखों के ऑपरेशन कराने के लिए मरीजों को जगह-जगह धक्के खाने पड़ रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग के उदासीनता के कारण मरीजों को हो रही परेशानी
अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा में जो मशीन पिछले करीब सात महीने से खराब पड़ी है. उसकी कीमत मार्केट में करीब चार से साढ़े चार लाख रुपये बताई जा रही है. स्वास्थ्य विभाग नूंह में सामान खरीद के लिए जो कमेटी बनाई हुई है, वह सिर्फ दो लाख रुपये तक की मशीन इत्यादि सामान खरीद सकती है. जिसके कारण अस्पताल प्रशासन इस मशीन को नहीं खरीद रहा है. वहीं अस्पताल प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को कई बार इसके बारे में पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग से इस बारे में ना तो कोई उत्तर आया है और ना ही मशीन.

नूंह के अल आफिया अस्पताल में मशीन नहीं होने से सात माह से बंद है आंखों का आपरेशन

इसे भी पढ़ें: सऊदी अरब की बच्ची को गुरुग्राम में मिला नया जीवन, डॉक्टर्स ने लगाई गाय की नस

धूल फांक रही मशीनें
अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बलजिंदर सैनी का कार्यकाल बेहद सराहनीय रहा है. उन्होंने बड़े पैमाने पर बुजुर्गों के आंखों के ऑपरेशन किए हैं. लेकिन अब न केवल डॉक्टर बलजिंदर सैनी रिटायर्ड हो चुके हैं, बल्कि ऑपरेशन के समय इस्तेमाल होने वाली मशीन भी धूल फांक रही है.

स्वास्थ्य विभाग भले ही कागजों में लोगों के स्वास्थ्य को लेकर लंबे चौड़े दावे कर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है. सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब बुजुर्गों के आंखों के ऑपरेशन में चार-पांच लाख की मशीन के बगैर पिछले कई माह से ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं तो बाकी महंगे इलाज की कल्पना किसी सपने से कम नहीं है.

स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली से नाराज हैं मरीज
जिले के लोग स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली से बेहद नाराज हैं. बुजुर्गों ने जल्द से जल्द सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में आंखों का ऑपरेशन और आंखों के रोगों की जांच के लिए डॉक्टर की तत्काल नियुक्ति की मांग की.वहीं उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से मांग की कि खराब हुए मशीनों को जल्द से जल्द बदला जाए.

इस बारे में एसएमओ एवं डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर लोकबीर ने कहा कि हमने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर मामले के बारे में अवगत कराया है. जल्द ही समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि डॉ. सैनी के रिटायर्ड होने के बाद स्वास्थ्य विभाग को नए सर्जन को नियुक्त करने के बारे में भी पत्र लिखा जा चुका है.

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी :- 7 माह से बुजुर्गों के आंखों के ऑपरेशन हुए बंद
जिले के अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में पिछले करीब 7 महीने से बुजुर्गों के आंखों के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं । आंखों के ऑपरेशन नहीं होने के पीछे मशीन की खराबी सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है , तो दिसंबर माह में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बलजिंदर सैनी सेवानिवृत्त हो चुके हैं । जिसके चलते तकरीबन 7 माह से बुजुर्गों को आंखों के ऑपरेशन के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं ।Body:प्राप्त जानकारी के अनुसार अल आफ़िया अस्पताल मांडीखेड़ा में जो मशीन पिछले करीब छह - सात महीने से खराब पड़ी है । उसकी कीमत मार्केट में करीब चार - साढ़े चार लाख रुपये बताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग नूह में सामान खरीद के लिए जो कमेटी बनाई हुई है , वह सिर्फ दो लाख रुपये तक की मशीन इत्यादि सामान खरीद सकती है । स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में न केवल स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को पत्र लिखा है , बल्कि मेवात विकास अभिकरण (एमडीए) से भी मशीन खरीदने का आग्रह किया है । ताकि बुजुर्गों के आंखों के ऑपरेशन किए जा सके । ध्यान रहे की अल आफ़िया अस्पताल मांडीखेड़ा में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बलजिंदर सैनी का कार्यकाल बेहद सराहनीय रहा है । उन्होंने बड़े पैमाने पर बुजुर्गों के आंखों के ऑपरेशन किए हैं । अब न केवल डॉक्टर बलजिंदर सैनी रिटायर्ड हो चुके हैं , बल्कि ऑपरेशन के समय इस्तेमाल होने वाली मशीन भी धूल फांक रही है ।स्वास्थ्य विभाग भले ही कागजों में लोगों के स्वास्थ्य को लेकर लंबे चौड़े दावे कर रहा हो , लेकिन जमीनी हकीकत का इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब बुजुर्गों के आंखों के ऑपरेशन में चार - पांच लाख की मशीन के बगैर पिछले कई माह से ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं , तो बाकी महंगे इलाज की कल्पना किसी सपने से कम नहीं है । कुल मिलाकर जिले के लोग स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली से बेहद नाराज हैं । बुजुर्गों ने जल्द से जल्द सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में आंखों का ऑपरेशन इत्यादि आंखों के रोगों की जांच के लिए डॉक्टर की तत्काल नियुक्ति की मांग करते हुए जल्द से जल्द खराब मशीन को बदलने की मांग स्वास्थ्य विभाग से की है ।Conclusion:बाइट :- डॉक्टर लोकबीर एसएमओ एवं डिप्टी सिविल सर्जन
बाइट ;- सरफुद्दीन बुजुर्ग
बाइट ;- दीनू बुजुर्ग
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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