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नूंह: राजकीय महाविद्यालय नगीना में स्टूडेंट्स को नहीं मिल पा रहा पानी - drinking water shortage government college

राजकीय महाविद्यालय नगीना में स्टाफ और कमरों की कमी को तो प्रशासन ने सुधार लिया है, लेकिन पानी की कमी प्रशासन के लिए सिरदर्द बनती जा रही है. पानी की कमी होने की वजह से छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

drinking water shortage
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Published : Feb 19, 2020, 9:06 AM IST

नूंह: क्षेत्र के सबसे पुराने राजकीय महाविद्यालय नगीना के दिन अब बहुरने लगे हैं. कॉलेज में न केवल स्टाफ की कमी पूरी तरह से दूर हो चुकी है, बल्कि दो साल से पीजी क्लासेज भी कॉलेज में शुरू हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी इस कॉलेज में पानी की सुविधा न होने के वजह से छात्र-छात्राएं और स्टाफ को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

कॉलेज में पानी की कमी

कॉलेज में शौचालय, भवन, खेल परिसर, बिजली इत्यादि की कमी नहीं है, लेकिन पानी की कमी की वजह से कॉलेज में हरियाली दिखाई नहीं देती. पीने के पानी तक के लाले पड़े हैं. पीने की पानी की कमी को दूर करने के लिए प्रिंसिपल ने उच्च अधिकारियों को बार-बार अवगत कराया है लेकिन समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है.

राजकीय महाविद्यालय नगीना में पानी की कमी बनी मुसीबत

पानी की कमी से परेशान छात्र

पानी की समस्या सिर्फ राजकीय महाविद्यालय नगीना में ही नहीं बल्कि नगीना खंड के तकरीबन 50-60 गांव में बनी हुई है. यहां का भूजल बेहद गहरा और खारा है. इस इलाके में नहरी पानी की सुविधा भी नहीं है. जिसकी वजह से पानी की समस्या साल दर साल भीषण होती जा रही है. गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत से अध्यापकों और छात्र दोनों को बहुत परेशानी होती है.

कॉलेज को जल्द मिलेंगे 12 नए कमरे

कॉलेज में अगर कमरों की बात करें तो लोक निर्माण विभाग जल्द ही 12 कमरों का एक भवन तैयार करने जा रहा है. जिससे कमरों की परेशानी पूरी तरह दूर हो जाएगी.

राजकीय महाविद्यालय नगीना

आपको बता दें कि राजकीय महाविद्यालय नगीना 1969 में शुरू हुआ था. शुरुआत में ये कॉलेज एक प्राइवेट कॉलेज था. राजकीय महाविद्यालय नगीना में तकरीबन 1182 छात्र इस समय शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. जिनमें 205 छात्राएं भी शामिल हैं. कॉलेज में इस समय 22 लेक्चरर, प्रिंसिपल, दो लाइब्रेरी स्टाफ के अलावा नॉन टीचिंग स्टाफ में 12 कर्मचारी कार्यरत हैं.

कई दशक तक स्टाफ की कमी से जूझने वाले इस कॉलेज में इस समय कोई पद रिक्त नहीं है. कॉलेज में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रिंसिपल डॉ. रमेश कुमार गर्ग पूरी मेहनत कर रहे हैं. वर्ष 2018-19 में बीएससी तथा एमए हिस्ट्री की कक्षाएं भी इस कॉलेज में सुचारू रूप से चल रही हैं. इसके अच्छे नतीजे भी सामने आए हैं.

ये भी पढ़ें- बॉक्सर अमित पंघाल को टोक्यो ओलंपिक से उम्मीदें, बोले- इस बार भारत जीतेगा ज्यादा मेडल

सबसे खास बात तो ये है कि एमए हिस्ट्री फर्स्ट ईयर की छात्रा पूजा साहू ने एमडीयू रोहतक में टॉप करके गोल्ड मेडल हासिल कर इस कॉलेज का रुतबा सूबे में बढ़ाने का काम किया है. इतना ही नहीं छात्रा ने नेट की परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली है.

नूंह: क्षेत्र के सबसे पुराने राजकीय महाविद्यालय नगीना के दिन अब बहुरने लगे हैं. कॉलेज में न केवल स्टाफ की कमी पूरी तरह से दूर हो चुकी है, बल्कि दो साल से पीजी क्लासेज भी कॉलेज में शुरू हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी इस कॉलेज में पानी की सुविधा न होने के वजह से छात्र-छात्राएं और स्टाफ को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

कॉलेज में पानी की कमी

कॉलेज में शौचालय, भवन, खेल परिसर, बिजली इत्यादि की कमी नहीं है, लेकिन पानी की कमी की वजह से कॉलेज में हरियाली दिखाई नहीं देती. पीने के पानी तक के लाले पड़े हैं. पीने की पानी की कमी को दूर करने के लिए प्रिंसिपल ने उच्च अधिकारियों को बार-बार अवगत कराया है लेकिन समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है.

राजकीय महाविद्यालय नगीना में पानी की कमी बनी मुसीबत

पानी की कमी से परेशान छात्र

पानी की समस्या सिर्फ राजकीय महाविद्यालय नगीना में ही नहीं बल्कि नगीना खंड के तकरीबन 50-60 गांव में बनी हुई है. यहां का भूजल बेहद गहरा और खारा है. इस इलाके में नहरी पानी की सुविधा भी नहीं है. जिसकी वजह से पानी की समस्या साल दर साल भीषण होती जा रही है. गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत से अध्यापकों और छात्र दोनों को बहुत परेशानी होती है.

कॉलेज को जल्द मिलेंगे 12 नए कमरे

कॉलेज में अगर कमरों की बात करें तो लोक निर्माण विभाग जल्द ही 12 कमरों का एक भवन तैयार करने जा रहा है. जिससे कमरों की परेशानी पूरी तरह दूर हो जाएगी.

राजकीय महाविद्यालय नगीना

आपको बता दें कि राजकीय महाविद्यालय नगीना 1969 में शुरू हुआ था. शुरुआत में ये कॉलेज एक प्राइवेट कॉलेज था. राजकीय महाविद्यालय नगीना में तकरीबन 1182 छात्र इस समय शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. जिनमें 205 छात्राएं भी शामिल हैं. कॉलेज में इस समय 22 लेक्चरर, प्रिंसिपल, दो लाइब्रेरी स्टाफ के अलावा नॉन टीचिंग स्टाफ में 12 कर्मचारी कार्यरत हैं.

कई दशक तक स्टाफ की कमी से जूझने वाले इस कॉलेज में इस समय कोई पद रिक्त नहीं है. कॉलेज में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रिंसिपल डॉ. रमेश कुमार गर्ग पूरी मेहनत कर रहे हैं. वर्ष 2018-19 में बीएससी तथा एमए हिस्ट्री की कक्षाएं भी इस कॉलेज में सुचारू रूप से चल रही हैं. इसके अच्छे नतीजे भी सामने आए हैं.

ये भी पढ़ें- बॉक्सर अमित पंघाल को टोक्यो ओलंपिक से उम्मीदें, बोले- इस बार भारत जीतेगा ज्यादा मेडल

सबसे खास बात तो ये है कि एमए हिस्ट्री फर्स्ट ईयर की छात्रा पूजा साहू ने एमडीयू रोहतक में टॉप करके गोल्ड मेडल हासिल कर इस कॉलेज का रुतबा सूबे में बढ़ाने का काम किया है. इतना ही नहीं छात्रा ने नेट की परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली है.

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