जींद: पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर शनिवार को किसान महापंचायत बुलाई गई. महापंचायत के दौरान सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए थे. दातासिंह वाला बॉर्डर पर पैरामिलिट्री फोर्स के साथ ही भारी संख्या में पुलिसबल तैनात रही. इस दौरान किसान नेता डल्लेवाल ने केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को ये जान लेना चाहिए कि ये मोर्चा किसान ही जीतेंगे.
10 जनवरी को फूकेंगे पीएम का पुतला: खनौरी बॉर्डर पर पिछले 40 दिनों से एमएसपी सहित किसानों की अन्य मांगों को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं. किसान महापंचायत को स्ट्रेचर से किसान नेता डल्लेवाल ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सरकार जितना चाहे जोर लगा लो, हम मोर्चा जीतकर रहेंगे. इस दौरान किसान नेता ने किसानों को बढ़-चढ़ कर आंदोलन में शामिल होने की अपील की. ताकि आंदोलन को और भी मजबूती मिल सके. किसान महापंचायत में के दौरान 10 जनवरी को पूरे देश में एमएसपी को लेकर विरोध प्रदर्शन के साथ ही पीएम का पुतला फूंकने का आह्वान किया गया.
डल्लेवाल को स्ट्रेचर से लाया गया मंच तक: पिछले 40 दिनों से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को स्ट्रेचर पर किसान महापंचायत के मंच पर लाया गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनसे सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आपका जीवन महत्वपूर्ण है, तब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को कहा था कि यह सही है कि जीवन महत्वपूर्ण है लेकिन वह किसान नेता हैं और उन्हें उन सात लाख किसानों के परिवारों की चिंता है, जिन्होंने आत्महत्या कर ली. वह चाहते हैं कि आगे कोई किसान आत्महत्या ना करें. उन्होंने कहा कि
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी ने इस बात को माना है कि देश में चार लाख किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन वास्तव में यह आंकड़ा सात लाख है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह जान लेना चाहिए कि यह मोर्चा किसान जीतेंगे और केंद्र सरकार उन्हें किसी भी सूरत में हरा नहीं सकती है. चाहे वह कितना भी जोर लगा ले. जब उन्होंने आमरण अनशन का फैसला किया तो उन्हें कहा गया कि यह काम बहुत कठिन है, लेकिन कठिन काम कहकर वह इस लड़ाई से पीछे नहीं हट सकते हैं. -जगजीत सिंह डल्लेवाल, किसान नेता
शहादत देना स्वीकार: आगे किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि जब पुलिस उन्हें उठाने के लिए आई तो हरियाणा और पंजाब से सैकड़ों की तादाद में नौजवानों ने आकर मोर्चा संभाल लिया. वह किसी भी सूरत में अस्पताल में भर्ती होने की बजाय किसानों की इस लड़ाई में अपनी शहादत देना स्वीकार करेंगे. दिल्ली में आंदोलन चला और तीन कानून वापस हुए तो दूसरे राज्यों के किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब तीन कानून वापस करवा कर वापस जा रहा है. हमने तब भी कहा था कि पंजाब किसी के साथ धोखा नहीं कर सकता. आज पंजाब लड़ाई लड़ रहा है. सभी प्रदेशों में हर कस्बे पर अब मोर्चे खुलने चाहिए, ताकि केंद्र सरकार को भी यह लगे कि यह लड़ाई केवल पंजाब की नहीं बल्कि पूरे देश की है. पूरे देश के किसानों को एमएसपी चाहिए.
किसान महापंचायत को लेकर दातासिंह वाला बॉर्डर खास सुरक्षा: किसान महापंचायत में किसानों की उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए दातासिंह वाला बार्डर पर भारी संख्या में पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस बल अलर्ट पर रहा. दाता सिंह वाला बॉर्डर छावनी में तब्दील नजर आया. सुरक्षा उपकरणों और संसाधनों के साथ फोर्स तैनात रही. जिला प्रशासन ने पहले की नागरिक संहिता लगाई हुई थी. पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के आला अधिकारी लगातार खनौरी बार्डर पर होने वाली हलचल और गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है. जिले की तरफ से भी किसान खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे, जिन्होंने लिंक मार्गों का प्रयोग किया. साथ ही खनौरी बॉर्डर पर जाने वाले किसानों पर भी नजर बनाए रखी.
ये भी पढ़ें: "पंजाब सरकार अनहोनी का इंतज़ार कर रही है, SC का आदेश भी नहीं मान रही", डल्लेवाल के अनशन पर बोले अनिल विज