नूंह: गेहूं उठान का टेंडर नहीं होने से डिपो होल्डर (Nuh depot holder demands) बेहद परेशान हैं. टेंडर नहीं होने के चलते आसपास के जिलों से वह स्वयं गेहूं उठान के रुपए वहन कर रहे थे, लेकिन अब रोहतक से नूंह खंड के डिपो होल्डर द्वारा गेहूं उठान में काफी परेशानी हो रही है. डिपो होल्डर के मुताबिक गेहूं उठान का टेंडर नहीं होने के चलते जिस गेहूं का उन्हें प्रति क्विंटल 37 रुपए किराया मिलता है. जबकि उन्हें अपनी जेब से तकरीबन 200 रुपए प्रति क्विंटल खर्च करना पड़ रहा है. इससे कमाई की बजाए डिपो होल्डर को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने जब खंड नूंह के डिपो होल्डर की इस मांग पर गंभीरता नहीं दिखाई, तो उन्हें मजबूरन बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर आला अधिकारियों से मुलाकात करनी पड़ी. लघु सचिवालय नूंह (mini secretariat Nuh) पहुंचे डिपो होल्डर ने कहा कि उनकी कांफेड व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. उनको गेहूं उठान का प्रति क्विंटल 37 रुपए किराया मिलता है, जबकि उन्हें 200 रुपए प्रति क्विंटल किराया अपनी जेब से देना पड़ रहा है.
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खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी अपनी मनमर्जी करने में लगे हुए हैं. उनका यह कहना है कि जब पलवल इत्यादि पड़ोस के जिलों से गेहूं उठान होता था, तब भी उन्हें काफी नुकसान होता था. इस बार रोहतक से उठाने में उनके पसीने छूट गए हैं. यह दिक्कत एक खंड के डिपो होल्डर की नही है, लंबे समय से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी डिपो होल्डर से ही किराया अदा करवाते आ रहे हैं.
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डिपो होल्डर संचालकों ने दो टूक कह दिया है कि अगर समय रहते गेहूं उठान का टेंडर नहीं किया गया या उन्हें पूरा भुगतान नहीं किया गया तो वे इस बार गेहूं उठान नहीं करेंगे. इस बारे में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया तो इस बार गरीबों को गेहूं मिलने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है.