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नूंह के मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार चरम पर, RTI से खुलासा - मेवात लेटेस्ट खबर

नूंह के सरकारी मेडिकल कॉलेज में नियुक्तियों के नाम पर भ्रष्टाचार का मामला सामना आया है. इस बात का खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है.

corruption in nuh medical college
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Published : Oct 30, 2019, 9:06 PM IST

नूंह: राजकीय शहीद राजा हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार की जड़ें दीमक की तरह फैलती जा रही हैं. छोटी-छोटी नौकरियों में भी यहां बड़ा लेनदेन होता रहा है. इसको लेकर कई बार शिकायते भी की गई लेकिन ये भी लेनदेन कर दबा दी गई. वहीं कुछ शिकायतें चंडीगढ़ में बैठे बाबू और अधिकारियों ने दबा दी.

'गब्बर' के महकमे में भ्रष्टाचार!

'गब्बर' के महकमे में मोटी कमाई के चक्कर में नियमों का खूब मखौल उड़ा और मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. नौकरी, ठेका, दवाई खरीद से लेकर हर काम में गबन की खबरें आती रही हैं, लेकिन कोई गंभीर दिखाई नहीं दिया. आरटीआई कानून का भी खूब मखौल उड़ा. समय पर जानकारी नहीं दी गई, दी गई तो आधी अधूरी जानकारी दी गई.

नूंह के मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार

जिसने शिकायत की उसे नौकरी से निकाला
जिसने भी इस भ्रष्टाचार के मकड़जाल के खिलाफ अपनी जुबान खोली उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा. गबन के पर्चे भी दर्ज हुए, लेकिन लेनदेन कर सबको निपटा दिया गया. मेडिकल कॉलेज नल्हड में करीब 5-6 साल नौकरी करने वाले युवक अनीस अहमद और उसके परिजनों ने आरटीआई से टेंडर की जानकारी मांगी तो उसे भी नौकरी से निकाल दिया गया.

आरटीआई में भ्रष्टाचार का खुलासा
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक टेंडर में जो शर्ते थी, उसे मेडिकल कॉलेज प्रशासन मोटे लेनदेन की वजह से अनदेखा कर मनमानी करता रहा. ठेकेदारों के साथ मिलकर सुरक्षा गार्ड लिमिट से ज्यादा लगाए गए. लाखों रुपये हर माह वेतन ज्यादा लिया गया. उसे मिल बांटकर खाते रहे. नियुक्तियों में उम्र का कोई ख्याल नहीं रखा गया. नौकरी में रिश्वत ली गई. बहुत सारी खामियां मेडिकल कॉलेज में आरटीआई में सामने आई हैं.

विधानसभा में उठ सकता है भ्रष्टाचार का मुद्दा
आरटीआई कार्यकर्ता अनीस अहमद ने एसपी संगीता कालिया से लेकर एसीएस चंडीगढ़ तक लिखित शिकायत देकर निदेशक, एमएस सहित डॉक्टरों, ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही है. अभी तक उसकी शिकायत पर कोई अमल होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन विधायक आफताब अहमद के आरटीआई कार्यकर्ता के सुर में सुर मिलने से उसकी शिकायत में जान पड़ गई है. इसके साथ ही आफताब अहमद ने इस बात को विधानसभा सत्र में उठाने की बात की है.

ये भी पढ़ें:-अलवर मॉब लिंचिंग केस: हाईकोर्ट ने पहलू खान के परिवार पर दाखिल FIR की खारिज

भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस सरकार की निकलती हवा!
अगर मनोहर सरकार में मेडिकल कॉलेज नल्हड प्रशासन और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो विधानसभा में भी कांग्रेस इस मुद्दे को जोरशोर से उठाकर बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की हवा निकाल सकती है. शिकायतकर्ता के मुताबिक ठेकेदारों से साज बाज होकर गार्ड भर्ती के लिए बनाई गई कमेटी में बहुत से लोग शामिल हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

नूंह: राजकीय शहीद राजा हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार की जड़ें दीमक की तरह फैलती जा रही हैं. छोटी-छोटी नौकरियों में भी यहां बड़ा लेनदेन होता रहा है. इसको लेकर कई बार शिकायते भी की गई लेकिन ये भी लेनदेन कर दबा दी गई. वहीं कुछ शिकायतें चंडीगढ़ में बैठे बाबू और अधिकारियों ने दबा दी.

'गब्बर' के महकमे में भ्रष्टाचार!

'गब्बर' के महकमे में मोटी कमाई के चक्कर में नियमों का खूब मखौल उड़ा और मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. नौकरी, ठेका, दवाई खरीद से लेकर हर काम में गबन की खबरें आती रही हैं, लेकिन कोई गंभीर दिखाई नहीं दिया. आरटीआई कानून का भी खूब मखौल उड़ा. समय पर जानकारी नहीं दी गई, दी गई तो आधी अधूरी जानकारी दी गई.

नूंह के मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार

जिसने शिकायत की उसे नौकरी से निकाला
जिसने भी इस भ्रष्टाचार के मकड़जाल के खिलाफ अपनी जुबान खोली उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा. गबन के पर्चे भी दर्ज हुए, लेकिन लेनदेन कर सबको निपटा दिया गया. मेडिकल कॉलेज नल्हड में करीब 5-6 साल नौकरी करने वाले युवक अनीस अहमद और उसके परिजनों ने आरटीआई से टेंडर की जानकारी मांगी तो उसे भी नौकरी से निकाल दिया गया.

आरटीआई में भ्रष्टाचार का खुलासा
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक टेंडर में जो शर्ते थी, उसे मेडिकल कॉलेज प्रशासन मोटे लेनदेन की वजह से अनदेखा कर मनमानी करता रहा. ठेकेदारों के साथ मिलकर सुरक्षा गार्ड लिमिट से ज्यादा लगाए गए. लाखों रुपये हर माह वेतन ज्यादा लिया गया. उसे मिल बांटकर खाते रहे. नियुक्तियों में उम्र का कोई ख्याल नहीं रखा गया. नौकरी में रिश्वत ली गई. बहुत सारी खामियां मेडिकल कॉलेज में आरटीआई में सामने आई हैं.

विधानसभा में उठ सकता है भ्रष्टाचार का मुद्दा
आरटीआई कार्यकर्ता अनीस अहमद ने एसपी संगीता कालिया से लेकर एसीएस चंडीगढ़ तक लिखित शिकायत देकर निदेशक, एमएस सहित डॉक्टरों, ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही है. अभी तक उसकी शिकायत पर कोई अमल होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन विधायक आफताब अहमद के आरटीआई कार्यकर्ता के सुर में सुर मिलने से उसकी शिकायत में जान पड़ गई है. इसके साथ ही आफताब अहमद ने इस बात को विधानसभा सत्र में उठाने की बात की है.

ये भी पढ़ें:-अलवर मॉब लिंचिंग केस: हाईकोर्ट ने पहलू खान के परिवार पर दाखिल FIR की खारिज

भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस सरकार की निकलती हवा!
अगर मनोहर सरकार में मेडिकल कॉलेज नल्हड प्रशासन और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो विधानसभा में भी कांग्रेस इस मुद्दे को जोरशोर से उठाकर बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की हवा निकाल सकती है. शिकायतकर्ता के मुताबिक ठेकेदारों से साज बाज होकर गार्ड भर्ती के लिए बनाई गई कमेटी में बहुत से लोग शामिल हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- मेडिकल कालेज में चरम सीमा पर फैला भ्र्ष्टाचार , आरटीआई से हुआ खुलासा , विधायक आफ़ताब अहमद ने भी माना कि नियुक्तियों इत्यादि के नाम पर हो रहा गोलमाल
राजकीय शहीद राजा हसन खान मेवाती मेडिकल कालेज में भ्र्ष्टाचार की जड़ें दीमक की तरह फैल चुकी हैं। छोटी - छोटी नौकरियों में भी यहां बड़ा लेनदेन होता रहा है। शिकायतें भी खूब हुई कुछ लेनदेन कर दबा दी गई , तो कुछ पर चंडीगढ़ में बैठे बाबू और अधिकारी चौकड़ी मारकर बैठ गए। नियमों को दरकिनार कर गब्बर सिंह के महकमें में मोटी कमाई के चक्कर में नियमों का खूब मखौल उड़ा और मेडिकल कालेज प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। नौकरी , ठेका , दवाई खरीद से लेकर हर काम में गबन की खबरें आती रही , लेकिन कोई गंभीर दिखाई नहीं दिया। आरटीआई कानून का भी खूब मखौल उड़ा। समय पर जानकारी नहीं दी गई , दी गई तो आधी अधूरी जानकारी दी गई। जिसने इस भ्र्ष्टाचार के मकड़जाल के खिलाफ जबान खोली। उसी को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। गबन के पर्चे भी दर्ज हुए , लेकिन लेनदेन कर सबको निपटा दिया गया। मेडिकल कालेज नल्हड में करीब 5 - 6 ;साल नौकरी करने वाले युवक अनीस अहमद व उसके परिजनों ने आरटीआई से टेंडर इत्यादि की जानकारी मांगी तो उसे पिछले सप्ताह ही नौकरी से निकाल दिया गया। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक टेंडर में जो शर्ते थी , उसे मेडिकल कालेज प्रशासन मोटे लेनदेन की वजह से अनदेखा कर मनमानी करता रहा। ठेकेदारों के साथ मिलकर सुरक्षा गार्ड लिमिट से ज्यादा लगाए गए। लाखों रुपये हर माह वेतन ज्यादा लिया गया। उसे मिल बांटकर खाते रहे। नियुक्तियों में उम्र का कोई ख्याल नहीं रखा गया। नौकरी में रिश्वत ली गई। बहुत सारी खामियां मेडिकल कालेज में आरटीआई में सामने आई हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनीस अहमद ने एसपी संगीता कालिया से लेकर एसीएस चंडीगढ़ तक लिखित शिकायत देकर निदेशक , एमएस सहित डॉक्टरों - ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही है। अभी तक उसकी शिकायत पर कोई अमल होता हुआ दिखाई नहीं दिया , लेकिन विधायक के आरटीआई कार्यकर्ता के सुर में सुर मिलने से उसकी शिकायत में जान पड़ गई है। अगर मनोहर सरकार में मेडिकल कालेज नल्हड प्रशासन और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो विधानसभा में भी कांग्रेस इस मुद्दे को जोरशोर से उठाकर भाजपा के जीरो टॉलरेंस की हवा निकाल सकती है। शिकायतकर्ता के मुताबिक ठेकेदारों से साजबाज होकर गार्ड भर्ती के लिए बनाई गई कमेटी में बहुत से लोग शामिल हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
आफ़ताब अहमद विधायक नूह ने मेडिकल कालेज में नियुक्तियों के नाम पर हो रहे भ्र्ष्टाचार को लेकर कहा कि रक्षक की ही भक्षक को जाये , पूर्व विधायक की संलिप्ता थी , कौन इंसाफ दिलाएगा। अब कितना भी ताकतवर आदमी हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। छोटी - छोटी नौकरी गार्ड , लिफ्ट , वार्ड ब्यॉज इसमें बड़ी भारी रिश्वत का बोलबाला रहा है। ये सरकार कहती कुछ है , लेकिन करती कुछ है। जनता के सामने वास्तविकता लाने का काम कांग्रेस करेगी। सीएम खट्टर को बताएंगी की आपके राज में हो क्या रहा है। आपकी गोद में बैठने वाले नेता किस तरह का भ्र्ष्टाचार का खेल खेल रहे हैं। मेडिकल कालेज निदेशक डॉक्टर यामिनी से लेकर कोई डॉक्टर मीडिया के सामने आने से कतरा रहे हैं , लेकिन बुधवार को मेडिकल कालेज दौरा करने पहुंचे विधायक नूह भाजपा सरकार पर जरूर हमला करने से नहीं चूके।
बाइट;- आफ़ताब अहमद विधायक नूह कांग्रेस
बाइट;- अनीस अहमद आरटीआई कार्यकर्ता
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
Body:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- मेडिकल कालेज में चरम सीमा पर फैला भ्र्ष्टाचार , आरटीआई से हुआ खुलासा , विधायक आफ़ताब अहमद ने भी माना कि नियुक्तियों इत्यादि के नाम पर हो रहा गोलमाल
राजकीय शहीद राजा हसन खान मेवाती मेडिकल कालेज में भ्र्ष्टाचार की जड़ें दीमक की तरह फैल चुकी हैं। छोटी - छोटी नौकरियों में भी यहां बड़ा लेनदेन होता रहा है। शिकायतें भी खूब हुई कुछ लेनदेन कर दबा दी गई , तो कुछ पर चंडीगढ़ में बैठे बाबू और अधिकारी चौकड़ी मारकर बैठ गए। नियमों को दरकिनार कर गब्बर सिंह के महकमें में मोटी कमाई के चक्कर में नियमों का खूब मखौल उड़ा और मेडिकल कालेज प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। नौकरी , ठेका , दवाई खरीद से लेकर हर काम में गबन की खबरें आती रही , लेकिन कोई गंभीर दिखाई नहीं दिया। आरटीआई कानून का भी खूब मखौल उड़ा। समय पर जानकारी नहीं दी गई , दी गई तो आधी अधूरी जानकारी दी गई। जिसने इस भ्र्ष्टाचार के मकड़जाल के खिलाफ जबान खोली। उसी को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। गबन के पर्चे भी दर्ज हुए , लेकिन लेनदेन कर सबको निपटा दिया गया। मेडिकल कालेज नल्हड में करीब 5 - 6 ;साल नौकरी करने वाले युवक अनीस अहमद व उसके परिजनों ने आरटीआई से टेंडर इत्यादि की जानकारी मांगी तो उसे पिछले सप्ताह ही नौकरी से निकाल दिया गया। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक टेंडर में जो शर्ते थी , उसे मेडिकल कालेज प्रशासन मोटे लेनदेन की वजह से अनदेखा कर मनमानी करता रहा। ठेकेदारों के साथ मिलकर सुरक्षा गार्ड लिमिट से ज्यादा लगाए गए। लाखों रुपये हर माह वेतन ज्यादा लिया गया। उसे मिल बांटकर खाते रहे। नियुक्तियों में उम्र का कोई ख्याल नहीं रखा गया। नौकरी में रिश्वत ली गई। बहुत सारी खामियां मेडिकल कालेज में आरटीआई में सामने आई हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनीस अहमद ने एसपी संगीता कालिया से लेकर एसीएस चंडीगढ़ तक लिखित शिकायत देकर निदेशक , एमएस सहित डॉक्टरों - ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही है। अभी तक उसकी शिकायत पर कोई अमल होता हुआ दिखाई नहीं दिया , लेकिन विधायक के आरटीआई कार्यकर्ता के सुर में सुर मिलने से उसकी शिकायत में जान पड़ गई है। अगर मनोहर सरकार में मेडिकल कालेज नल्हड प्रशासन और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो विधानसभा में भी कांग्रेस इस मुद्दे को जोरशोर से उठाकर भाजपा के जीरो टॉलरेंस की हवा निकाल सकती है। शिकायतकर्ता के मुताबिक ठेकेदारों से साजबाज होकर गार्ड भर्ती के लिए बनाई गई कमेटी में बहुत से लोग शामिल हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
आफ़ताब अहमद विधायक नूह ने मेडिकल कालेज में नियुक्तियों के नाम पर हो रहे भ्र्ष्टाचार को लेकर कहा कि रक्षक की ही भक्षक को जाये , पूर्व विधायक की संलिप्ता थी , कौन इंसाफ दिलाएगा। अब कितना भी ताकतवर आदमी हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। छोटी - छोटी नौकरी गार्ड , लिफ्ट , वार्ड ब्यॉज इसमें बड़ी भारी रिश्वत का बोलबाला रहा है। ये सरकार कहती कुछ है , लेकिन करती कुछ है। जनता के सामने वास्तविकता लाने का काम कांग्रेस करेगी। सीएम खट्टर को बताएंगी की आपके राज में हो क्या रहा है। आपकी गोद में बैठने वाले नेता किस तरह का भ्र्ष्टाचार का खेल खेल रहे हैं। मेडिकल कालेज निदेशक डॉक्टर यामिनी से लेकर कोई डॉक्टर मीडिया के सामने आने से कतरा रहे हैं , लेकिन बुधवार को मेडिकल कालेज दौरा करने पहुंचे विधायक नूह भाजपा सरकार पर जरूर हमला करने से नहीं चूके।
बाइट;- आफ़ताब अहमद विधायक नूह कांग्रेस
बाइट;- अनीस अहमद आरटीआई कार्यकर्ता
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
Conclusion:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- मेडिकल कालेज में चरम सीमा पर फैला भ्र्ष्टाचार , आरटीआई से हुआ खुलासा , विधायक आफ़ताब अहमद ने भी माना कि नियुक्तियों इत्यादि के नाम पर हो रहा गोलमाल
राजकीय शहीद राजा हसन खान मेवाती मेडिकल कालेज में भ्र्ष्टाचार की जड़ें दीमक की तरह फैल चुकी हैं। छोटी - छोटी नौकरियों में भी यहां बड़ा लेनदेन होता रहा है। शिकायतें भी खूब हुई कुछ लेनदेन कर दबा दी गई , तो कुछ पर चंडीगढ़ में बैठे बाबू और अधिकारी चौकड़ी मारकर बैठ गए। नियमों को दरकिनार कर गब्बर सिंह के महकमें में मोटी कमाई के चक्कर में नियमों का खूब मखौल उड़ा और मेडिकल कालेज प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। नौकरी , ठेका , दवाई खरीद से लेकर हर काम में गबन की खबरें आती रही , लेकिन कोई गंभीर दिखाई नहीं दिया। आरटीआई कानून का भी खूब मखौल उड़ा। समय पर जानकारी नहीं दी गई , दी गई तो आधी अधूरी जानकारी दी गई। जिसने इस भ्र्ष्टाचार के मकड़जाल के खिलाफ जबान खोली। उसी को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। गबन के पर्चे भी दर्ज हुए , लेकिन लेनदेन कर सबको निपटा दिया गया। मेडिकल कालेज नल्हड में करीब 5 - 6 ;साल नौकरी करने वाले युवक अनीस अहमद व उसके परिजनों ने आरटीआई से टेंडर इत्यादि की जानकारी मांगी तो उसे पिछले सप्ताह ही नौकरी से निकाल दिया गया। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक टेंडर में जो शर्ते थी , उसे मेडिकल कालेज प्रशासन मोटे लेनदेन की वजह से अनदेखा कर मनमानी करता रहा। ठेकेदारों के साथ मिलकर सुरक्षा गार्ड लिमिट से ज्यादा लगाए गए। लाखों रुपये हर माह वेतन ज्यादा लिया गया। उसे मिल बांटकर खाते रहे। नियुक्तियों में उम्र का कोई ख्याल नहीं रखा गया। नौकरी में रिश्वत ली गई। बहुत सारी खामियां मेडिकल कालेज में आरटीआई में सामने आई हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनीस अहमद ने एसपी संगीता कालिया से लेकर एसीएस चंडीगढ़ तक लिखित शिकायत देकर निदेशक , एमएस सहित डॉक्टरों - ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही है। अभी तक उसकी शिकायत पर कोई अमल होता हुआ दिखाई नहीं दिया , लेकिन विधायक के आरटीआई कार्यकर्ता के सुर में सुर मिलने से उसकी शिकायत में जान पड़ गई है। अगर मनोहर सरकार में मेडिकल कालेज नल्हड प्रशासन और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो विधानसभा में भी कांग्रेस इस मुद्दे को जोरशोर से उठाकर भाजपा के जीरो टॉलरेंस की हवा निकाल सकती है। शिकायतकर्ता के मुताबिक ठेकेदारों से साजबाज होकर गार्ड भर्ती के लिए बनाई गई कमेटी में बहुत से लोग शामिल हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
आफ़ताब अहमद विधायक नूह ने मेडिकल कालेज में नियुक्तियों के नाम पर हो रहे भ्र्ष्टाचार को लेकर कहा कि रक्षक की ही भक्षक को जाये , पूर्व विधायक की संलिप्ता थी , कौन इंसाफ दिलाएगा। अब कितना भी ताकतवर आदमी हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। छोटी - छोटी नौकरी गार्ड , लिफ्ट , वार्ड ब्यॉज इसमें बड़ी भारी रिश्वत का बोलबाला रहा है। ये सरकार कहती कुछ है , लेकिन करती कुछ है। जनता के सामने वास्तविकता लाने का काम कांग्रेस करेगी। सीएम खट्टर को बताएंगी की आपके राज में हो क्या रहा है। आपकी गोद में बैठने वाले नेता किस तरह का भ्र्ष्टाचार का खेल खेल रहे हैं। मेडिकल कालेज निदेशक डॉक्टर यामिनी से लेकर कोई डॉक्टर मीडिया के सामने आने से कतरा रहे हैं , लेकिन बुधवार को मेडिकल कालेज दौरा करने पहुंचे विधायक नूह भाजपा सरकार पर जरूर हमला करने से नहीं चूके।
बाइट;- आफ़ताब अहमद विधायक नूह कांग्रेस
बाइट;- अनीस अहमद आरटीआई कार्यकर्ता
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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