हिसार: हरियाणा में हुक्के का चलन आम है. यहां के लोग हुक्का पीने का शौक रखते हैं. हरियाणा के हर गांव-चौपाल और विवाहों में हुक्का रखा मिल जाएगा. हुक्का मानमनुहार का प्रतीक भी रहा है. हिसार के पुराने राजकीय मैदान में आयोजित स्वदेशी मेले में विशालकाय हुक्का और खाट लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा है.
ऋषि नगर के अजय और दीक्षांत ने बताया कि उन्होंने ये खाट और हुक्का तैयार करवाया है. इनको लेने के लिए उनके पास आर्डर आ रहे हैं. खाट के लिए दो आर्डर आए हैं. हुक्के के लिए तीन-चार आर्डर आए हैं. फिलहाल वो अभी तक चालीस से अधिक हुक्के बेच चुके हैं. नौ चिलम के हुक्के को शादियों में किराए पर दिया जाता है. हिसार फतेहाबाद, सिरसा, गुरुग्राम, झज्जर, चंडीगढ़, दिल्ली, यूपी के लोग हुक्के को किराए पर लेकर जाते हैं.
हरियाणवी हुक्के की खासियत : हरियाणवी हुक्के की चौड़ाई 6 फीट और वजन पचास किलोग्राम है. हुक्के में नौ चिलम लगने के बाद ये आकर्षक दिखता है. लोगों को देखते ही पंसद आता है. लोग इसके साथ अपनी सेल्फी लेते हैं. हुक्के में चालीस लीटर पानी भरा जाता है और नौ चिलम लगाई जाती है. यह रोहिड़े की लकड़ी से बना हुआ है. मार्केट में नौ चिलम के हुक्के की कीमत कीमत नब्बे हजार रुपये है. पांच चिलम का हुक्का पचास हजार रुपये और तीन चिलम का हुक्का चालीस हजार का रुपये का मिलता है. इसे स्पेशल तैयार करवाना पड़ता है. अजय ने बताया कि हुक्के को तैयार करवाने में उसे डेढ़ महीने का समय लगा था. इसके रोहिड़े की लकड़ी राजस्थान से मंगवाई गई थी.
500 किलो की हरियाणवी खाट : दीक्षांत पूनिया के पिता सुखबीर ने बताया कि हरियाणवी खाट पंद्रह फीट लंबी और छह फीट चौड़ी है. इसे बनाने में पांच महीने लग गए थे. इसकी कीमत सवा लाख रुपये है. खाट को लोहे और स्टील से बनाया गया है. इसका वजन पांच सौ किलोग्राम है. खाट भरने के लिए राजस्थान से सूत मंगवाई गई थी. पंद्रह फीट लंबी और छह फीट चौड़ी खाट बनाने में चार से पांच महीनों का समय लग गया था. इस खाट पर हरियाणा के बाइस जिलों के नाम लिखे हुए हैं. लोगों ने कहा कि इस प्रकार की खाट मेले में पहली बार देखी है जो काफी अच्छी और बैठने में आरामदायक है.
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