नूंह: शहर के राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज में बॉन्ड पॉलिसी (Bond policy dispute) के विरोध में MBBS छात्रों का धरना-प्रदर्शन ( MBBS students protest in Nuh) पिछले 39 दिनों से जारी है. धरना-प्रदर्शन के कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है, लेकिन एमबीबीएस छात्रों ने अब इस लड़ाई को आर-पार की लड़ाई मान लिया है. छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार (Bond policy in Haryana) उनकी मांगों को लिखित में नहीं मानती, तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा.
बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में कुछ दिनों तक छात्रों ने भूख हड़ताल भी की थी. इस दौरान MBBS छात्रों के प्रतिनिधिमंडल की अधिकारियों व मुख्यमंत्री से भी मुलाकात हुई, लेकिन उनकी मांगों को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी. MBBS छात्रों का कहना है कि उनकी सभी मांगों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण उनका धरना-प्रदर्शन लगातार जारी है. हालांकि 8 दिसंबर को ही एमबीबीएस वर्ष 2018 -19 बैच के छात्रों ने अपना समर्थन धरना-प्रदर्शन से वापस ले लिया था. परीक्षाओं को देखते हुए वे धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं हो रहे हैं.
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सीनियर छात्रों ने कहा है कि जब भी उनके जूनियर साथियों को उनकी जरूरत पड़ेगी, वो उनके साथ खड़े हैं. MBBS छात्रों को जूनियर रेजिडेंट के अलावा उनके टीचर के साथ-साथ कई छात्र इकाइयों का भी समर्थन मिला है. छात्रों का विरोध अब लंबा खींचता दिखाई दे रहा है और अभी कोई हल भी निकलता दिखाई नहीं दे रहा है. सरकार की तरफ से छात्र नेताओं को बातचीत के लिए नहीं बुलाया गया है. हालांकि MBBS छात्रों के अनुसार पहले हुई बातचीत के दौरान सरकार का नरम रुख दिखा है, लेकिन सरकार छात्रों की सभी मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है.
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