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अल्पसंख्यक मंत्रालय की छात्रवृत्ति के चलते सरकारी स्कूलों में बढ़ी लड़कियों की संख्या - Haryana News In Hindi

अल्पसंख्यक मंत्रालय के छात्रों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए बेगम हजरत नेशनल छात्रवृति (Hazrat National Scholarship) देने की योजना चलाई जा रही है. बेगम हजरत महल छात्रवृत्ति योजना को मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान के द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को प्रदान की जाती है.

Government Secondary School in Nuh
Government Secondary School in Nuh
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Published : Mar 20, 2022, 4:08 PM IST

नूंह: अल्पसंख्यक मंत्रालय के छात्रों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए बेगम हजरत नेशनल छात्रवृति (Hazrat National Scholarship) देने की योजना चलाई जा रही है. बेगम हजरत महल छात्रवृत्ति योजना को मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान के द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को प्रदान की जाती है. मुस्लिम, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन एवं पारसी धर्मों के बच्चों को भी इस योजना का लाभ मिल रहा है.अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए ताकि उन्हें बेहतर उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान किये जा सकें. जिससे वो उच्च शिक्षा प्राप्त करके रोजगार में वृद्धि पाएं.

यह योजना हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह में बेगम हजरत नेशनल स्कीम सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रही है. इसके तहत जिले में कई कार्यक्रम भी चलाये गए. यह कार्यक्रम धरातल में कितने कामयाब हुए. इसको जांचने के ईटीवी भारत की टीम ने नूंह मुख्यालय शहर में स्थित (Government Secondary School in Nuh) राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय का जायजा लिया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाने-बेटी पढ़ाने का नारा दिया था.

जिसके चलते अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी छात्रों के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय की तरफ से 4 छात्रवृत्ति योजनाएं के लिए चलाई जा रही हैं. वहीं हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह में बेगम हजरत नेशनल स्कीम सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रही है. इस छात्रवृत्ति योजना के बारे में लड़कियों और उनके अभिभावकों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जा रहा है. वहीं अल्पसंख्यक मंत्रालय ने जिले के स्कूल स्तर पर डॉ मोहम्मद जुनेद नोडल ऑफिसर नियुक्त किया है.

ये भी पढ़ें- 11 सौ बेटियों के लिए स्कूल में सिर्फ 4 कमरे, अध्यापक भी पूरे नहीं, ऐसे कैसे पढ़ेंगी बेटियां?

जिनका प्रमुख काम है की बच्चों को आवेदन करने से लेकर छात्रवृत्ति दिलाने तक कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े. इसके अलावा समाजसेवी डॉक्टर अशफाक खान भी गांव- गांव के स्कूलों जाकर छात्राओं औरअभिभावकों को अल्पसंख्यक मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से चलाई जा रही छात्रवृति योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं. नोडल अधिकारी डॉ मोहम्मद जुनेद ने कहा की कई साल पहले तक इन योजनाओं के बारे में छात्रों व अभिभावकों को कोई ज्ञान नहीं था. जब उन्होंने बेगम हजरत महल नेशनल स्कीम का लाभ लेने के लिए आवेदन करने शुरू किए तो शुरू में 102 छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ मिला.

वहीं अगले साल इनकी संख्या बढ़कर 296 छात्राओं तक पहुंच गई. वर्ष 2021 में इस योजना के तहत 400 छात्राओं को लाभ मिला है. वहीं इस वर्ष 500 छात्राओं ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया है. स्कूलों में वर्ष 2017 में छात्राओं की संख्या महज 540 थी, जो अब बढ़कर तकरीबन 1150 के करीब पहुंच गई है. वहीं 50 फीसदी छात्राओं को केंद्र सरकार की अल्पसंख्यक मंत्रालय की छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिल रहा है.


ये भी पढ़ें- हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने छठी से 10वीं तक की इतिहास की पुस्तक बदली

डॉक्टर जुनैद ने बताया कि छात्राओं को स्कूल ड्रेस, किताब, घर से स्कूल तक आने- जाने का किराये के भी बेगम हजरत महल नेशनल स्कीम से दिया जा रहा है. जिससे बच्चों के परिजनों को आर्थिक स्थिति ख़राब होने का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं छात्राओं के आवेदन स्कूल में मुफ्त की जाती है. नवी से दसवीं की छात्राओं को 5 हजार रुपये तथा 11वीं से 12वीं की छात्राओं को 6 हजार रुपये की छात्रवृत्ति केंद्र सरकार की तरफ से मिलती है.

उन्होंने कहा कि इस योजना का फायदा जिले के अन्य स्कूलों में भी हजारों लड़कियां इस योजना का लाभ उठा रही है. जिसकी वजह से स्कूलों में लड़कियों की संख्या घटने के बजाय अब तेजी से बढ़ रही है. कुछ साल पहले तक इस जिले में लड़कियों का ड्रॉपआउट शिक्षा विभाग के साथ-साथ अभिभावकों के लिए भी चिंता का विषय था, लेकिन अल्पसंख्यक मंत्रालय की छात्रवृत्ति योजना ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने का काम किया है.

ये भी पढ़ें- वार्षिक परीक्षा के नकल-मुक्त संचालन के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए निर्देश


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नूंह: अल्पसंख्यक मंत्रालय के छात्रों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए बेगम हजरत नेशनल छात्रवृति (Hazrat National Scholarship) देने की योजना चलाई जा रही है. बेगम हजरत महल छात्रवृत्ति योजना को मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान के द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को प्रदान की जाती है. मुस्लिम, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन एवं पारसी धर्मों के बच्चों को भी इस योजना का लाभ मिल रहा है.अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए ताकि उन्हें बेहतर उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान किये जा सकें. जिससे वो उच्च शिक्षा प्राप्त करके रोजगार में वृद्धि पाएं.

यह योजना हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह में बेगम हजरत नेशनल स्कीम सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रही है. इसके तहत जिले में कई कार्यक्रम भी चलाये गए. यह कार्यक्रम धरातल में कितने कामयाब हुए. इसको जांचने के ईटीवी भारत की टीम ने नूंह मुख्यालय शहर में स्थित (Government Secondary School in Nuh) राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय का जायजा लिया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाने-बेटी पढ़ाने का नारा दिया था.

जिसके चलते अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी छात्रों के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय की तरफ से 4 छात्रवृत्ति योजनाएं के लिए चलाई जा रही हैं. वहीं हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह में बेगम हजरत नेशनल स्कीम सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रही है. इस छात्रवृत्ति योजना के बारे में लड़कियों और उनके अभिभावकों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जा रहा है. वहीं अल्पसंख्यक मंत्रालय ने जिले के स्कूल स्तर पर डॉ मोहम्मद जुनेद नोडल ऑफिसर नियुक्त किया है.

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जिनका प्रमुख काम है की बच्चों को आवेदन करने से लेकर छात्रवृत्ति दिलाने तक कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े. इसके अलावा समाजसेवी डॉक्टर अशफाक खान भी गांव- गांव के स्कूलों जाकर छात्राओं औरअभिभावकों को अल्पसंख्यक मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से चलाई जा रही छात्रवृति योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं. नोडल अधिकारी डॉ मोहम्मद जुनेद ने कहा की कई साल पहले तक इन योजनाओं के बारे में छात्रों व अभिभावकों को कोई ज्ञान नहीं था. जब उन्होंने बेगम हजरत महल नेशनल स्कीम का लाभ लेने के लिए आवेदन करने शुरू किए तो शुरू में 102 छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ मिला.

वहीं अगले साल इनकी संख्या बढ़कर 296 छात्राओं तक पहुंच गई. वर्ष 2021 में इस योजना के तहत 400 छात्राओं को लाभ मिला है. वहीं इस वर्ष 500 छात्राओं ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया है. स्कूलों में वर्ष 2017 में छात्राओं की संख्या महज 540 थी, जो अब बढ़कर तकरीबन 1150 के करीब पहुंच गई है. वहीं 50 फीसदी छात्राओं को केंद्र सरकार की अल्पसंख्यक मंत्रालय की छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिल रहा है.


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डॉक्टर जुनैद ने बताया कि छात्राओं को स्कूल ड्रेस, किताब, घर से स्कूल तक आने- जाने का किराये के भी बेगम हजरत महल नेशनल स्कीम से दिया जा रहा है. जिससे बच्चों के परिजनों को आर्थिक स्थिति ख़राब होने का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं छात्राओं के आवेदन स्कूल में मुफ्त की जाती है. नवी से दसवीं की छात्राओं को 5 हजार रुपये तथा 11वीं से 12वीं की छात्राओं को 6 हजार रुपये की छात्रवृत्ति केंद्र सरकार की तरफ से मिलती है.

उन्होंने कहा कि इस योजना का फायदा जिले के अन्य स्कूलों में भी हजारों लड़कियां इस योजना का लाभ उठा रही है. जिसकी वजह से स्कूलों में लड़कियों की संख्या घटने के बजाय अब तेजी से बढ़ रही है. कुछ साल पहले तक इस जिले में लड़कियों का ड्रॉपआउट शिक्षा विभाग के साथ-साथ अभिभावकों के लिए भी चिंता का विषय था, लेकिन अल्पसंख्यक मंत्रालय की छात्रवृत्ति योजना ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने का काम किया है.

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