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नूंह में कांग्रेस ने निकाली किसान अधिकार यात्रा

बुधवार को नूंह में विधायक आफताब अहमद के नेतृत्व में कांग्रेस ने किसान अधिकार यात्रा निकाली. इस दौरान आफताब अहमद ने सरकार पर जमकर निशाना साधा.

congress kisan yatra in nuh
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Published : Feb 10, 2021, 8:17 PM IST

नूंह: हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के उप नेता और नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद बुधवार को किसान अधिकार यात्रा लेकर नूंह जिले के मालब गांव पहुंचे. जहां उन्होंने गांव के आसपास के किसानों को तीन कृषि कानूनों के नुकसान के बारे में समझाया. इस दौरान मालब गांव के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया.

विधायक ने कहा कि जब तक तीन काले कानून वापस नहीं हो जाते तब तक उनकी किसान अधिकार यात्रा जारी रहेगी. आफताब अहमद ने कहा कि ये काला कानून निकट भविष्य में सरकारी कृषि मंडियों को शून्य कर देगा.

ये भी पढ़ें- युवती ने सीएम को ट्वीट कर लगाई गुहार, '16 को मेरी शादी है, कैसी आएगी बारात'

आफताब अहमद ने कहा कि इस कानून से किसानों को विवाद की स्थिति में सिविल कोर्ट जाने से रोका गया है. कान्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून की वजह से देश में भूमिहीन किसानों के एक बहुत बड़े वर्ग के जीवन पर गहरा संकट आने वाला है.

उन्होंने कहा कि देश में कुल 26.3 करोड़ परिवार खेती कार्य में लगे हुए हैं. इनमें से महज 11.9 करोड़ किसानों के पास खुद की जमीन है, जबकि 14.43 करोड किसान भूमिहीन हैं. ये कृषि कानून सिर्फ किसान विरोधी ही नहीं बल्कि आम इंसान के लिए भी नुकसानदायक है क्योंकि फल, सब्जी, खाने-पीने की चीजों में बहुत महंगी हो जाएंगी. इसलिए समय रहते सरकार को चाहिए कि इन तीनों कानूनों को रद्द करें.

ये भी पढ़ें- कैसे एसटीएफ के फर्जी एनकाउंटर में हुई बेकसूर ही हत्या, क्या है पूरा मामला? देखिए

नूंह: हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के उप नेता और नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद बुधवार को किसान अधिकार यात्रा लेकर नूंह जिले के मालब गांव पहुंचे. जहां उन्होंने गांव के आसपास के किसानों को तीन कृषि कानूनों के नुकसान के बारे में समझाया. इस दौरान मालब गांव के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया.

विधायक ने कहा कि जब तक तीन काले कानून वापस नहीं हो जाते तब तक उनकी किसान अधिकार यात्रा जारी रहेगी. आफताब अहमद ने कहा कि ये काला कानून निकट भविष्य में सरकारी कृषि मंडियों को शून्य कर देगा.

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आफताब अहमद ने कहा कि इस कानून से किसानों को विवाद की स्थिति में सिविल कोर्ट जाने से रोका गया है. कान्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून की वजह से देश में भूमिहीन किसानों के एक बहुत बड़े वर्ग के जीवन पर गहरा संकट आने वाला है.

उन्होंने कहा कि देश में कुल 26.3 करोड़ परिवार खेती कार्य में लगे हुए हैं. इनमें से महज 11.9 करोड़ किसानों के पास खुद की जमीन है, जबकि 14.43 करोड किसान भूमिहीन हैं. ये कृषि कानून सिर्फ किसान विरोधी ही नहीं बल्कि आम इंसान के लिए भी नुकसानदायक है क्योंकि फल, सब्जी, खाने-पीने की चीजों में बहुत महंगी हो जाएंगी. इसलिए समय रहते सरकार को चाहिए कि इन तीनों कानूनों को रद्द करें.

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