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नारनौल: ननिहाल की वो गलियां, जहां बीता सुषमा स्वराज का बचपन

सुषमा स्वराज के निधन के बाद से उनकी ननिहाल के लोग भी बहुत दुखी हैं. लोगों ने सुषमा स्वराज की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. यहीं पर सुषमा स्वराज का बचपन बीता था.

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Published : Aug 7, 2019, 3:24 PM IST

Updated : Aug 7, 2019, 5:37 PM IST

सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते ननिहाली जन

महेंद्रगढ़: सुषमा स्वराज के निधन पर पूरे देश में दुख का माहौल है, वहीं सुषमा स्वराज के निधन पर उनकी ननिहाल में भी मातम पसरा हुआ है. लोगों ने सुषमा स्वराज की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. गांव के लोग सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हैं.

सुषमा स्वराज की ननिहाल

गांव के लोग बताते हैं कि देश के विभाजन के समय सुषमा स्वराज के नाना पाकिस्तान के लाहौर में रहते थे. बाद में गांव मांदी में आ गए थे. नाना के कोई अन्य संतान नहीं थी. नाना ने ही सुषमा स्वराज को गोद ले लिए था. सुषमा स्वराज की शिक्षा नारनौल कॉलेज में पूरी हुई और बाद में एलएलबी के बाद राजनीति में कदम रखा.

ये भी पढ़ें:-BJP मुख्यालय लाया गया सुषमा का पार्थिव शरीर, अंतिम दर्शन को उमड़े कार्यकर्ता

गांव में बना ठाकुर जी महाराज का मंदिर, पीने के पानी का जलाशय सब सुषमा स्वराज की ही जायदाद है. जो सुषमा स्वराज नें गांव की भलाई के लिए दे रखी है. जिले का दूसरा सीनियर सेकेंड्री स्कूल का उद्धाटन सुषमा स्वराज ने शिक्षा मंत्री रहते किया था.

महेंद्रगढ़: सुषमा स्वराज के निधन पर पूरे देश में दुख का माहौल है, वहीं सुषमा स्वराज के निधन पर उनकी ननिहाल में भी मातम पसरा हुआ है. लोगों ने सुषमा स्वराज की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. गांव के लोग सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हैं.

सुषमा स्वराज की ननिहाल

गांव के लोग बताते हैं कि देश के विभाजन के समय सुषमा स्वराज के नाना पाकिस्तान के लाहौर में रहते थे. बाद में गांव मांदी में आ गए थे. नाना के कोई अन्य संतान नहीं थी. नाना ने ही सुषमा स्वराज को गोद ले लिए था. सुषमा स्वराज की शिक्षा नारनौल कॉलेज में पूरी हुई और बाद में एलएलबी के बाद राजनीति में कदम रखा.

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गांव में बना ठाकुर जी महाराज का मंदिर, पीने के पानी का जलाशय सब सुषमा स्वराज की ही जायदाद है. जो सुषमा स्वराज नें गांव की भलाई के लिए दे रखी है. जिले का दूसरा सीनियर सेकेंड्री स्कूल का उद्धाटन सुषमा स्वराज ने शिक्षा मंत्री रहते किया था.

Intro:ननिहाल में मातम

जिले का दूसरा उच्च विद्यालय सुषमा की देन


नारनौल। सुषमा स्वराज के निधन की ख़बर से जहा पूरे देश मे दुख की लहर है तो वही उनके ननिहाल नारनौल के गांव मांदी में भी मातम पसरा है ।


नारनौल से करीब 8- 10 किलोमीटर दूर गांव मांदी में पसरा सन्नाटा ओर गाँव की सूनी गलियां इस बात की गवाह है कि गांव में सुषमा स्वराज के निधन की ख़बर पहुच चुकी है । गांव की चौपाल में इकट्ठा ये गांव वाले सुषमा स्वराज के निधन की बात को गले से नही उतार पा रहे है ।और दुःखी मन से गांव की नातिन को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे है गांव के बुजुर्ग और नारनौल मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन राव रणवीर सिंह बताते है कि देश के विभाजन के समय सुषमा स्वराज के नाना पाकिस्तान के लाहौर में रहते थे बाद में गांव मांदी में आ गए नाना को कोई अन्य संतान न होने के कारण नाना ने अपनी नातिन सुषमा स्वराज को गोद ले लिया और सुषमा स्वराज की शिक्षा नारनौल कॉलेज में पूरी हुई और बाद में एलएलबी के बाद राजनीति में कदम रखा।


बाइट राव रणवीर सिंह ग्रामीण




Body:
गांव में ठाकुर जी का ये मंदिर और खंडर मकान पीने के पानी के जलाशय सब सुषमा स्वराज की जायदाद है जिले का दूसरा सीनियर सेकेंडरी स्कूल भी सुषमा स्वराज ने हरियाणा की शिक्षा मंत्री रहते हुए उद्धघाटन किया था।


बाइट --प्रवंती यादव सरपंच ,नरेंद्र सिंह पूर्व सरपंच




Conclusion:
गांव वालों ने सर्वसम्मति से सुषमा स्वराज की याद में एक पार्क और वहीं पर एक प्रतिमा लगाने का फैसला लिया है


बाइट राजेश यादव पार्षद 

Last Updated : Aug 7, 2019, 5:37 PM IST
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