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2 माह से पेंशन नहीं मिलने से बुजुर्ग हुए नाराज, किया रोड जाम - mahendergarh

कॉपरेटिव बैंक के सामने पेंशन लेने वाले बुजुर्गों की लाइन लग गई. 5-7 बुजुर्ग एक साथ बैंक में घुसते ही कर्मचारी आक्रोशित हो गए तथा सख्त लहजे में डांटते हुए बाहर निकलने के निर्देश दिए. जिससे आक्रोशित बुजुर्ग अलवर-खेतड़ी सड़क मार्ग के बीचों बीच बैठ गए.

बुजुर्गों ने किया रोड जाम
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Published : Apr 2, 2019, 10:29 PM IST

नारनौल: 2 माह से पेंशन नहीं मिलने से बुजुर्गों ने जाम लगाया. विभिन्न गांवों के बुजुर्गों ने बताया कि शुरूआती चरण में बुढ़ापा पेंशन राजस्व विभाग के पटवारी वितरित करते थे. नंबरदार की तस्दीक पर बुजुर्गों को घर बैठे मिल जाती थी. उपस्थित नहीं होने पर लाभार्थी अगले दिन तहसील कार्यालय से प्राप्त कर लेते थे. इसके बाद पेंशन वितरण करने की जिम्मेदारी पंचायतों के सुपुर्द कर दी गई. धांधली की शिकायतें बढ़ने पर सरकार ने बैंकों की मार्फत वितरण के निर्देश जारी कर दिए. निर्देशानुसार लाभार्थी बुजुर्गों ने नजदीकी बैंकों में खाते खुलवा लिए.

बुजुर्गों ने किया रोड जाम

वर्कलोड होने के कारण कई बैंकों ने पंचायत स्तर पर वीएलसी नियुक्त कर दिए. जिन्हें घर-घर जाकर पेंशन देने के आदेश हैं. इधर सहकारिता बैंक में 11 गांवों के करीब 2500 बुजुर्गों ने खाते खुलवाए थे, लेकिन बैंक द्वारा गांवों में वीएलसीए की नियुक्ति नहीं की गई. बुजुर्गों को बैंक में पहुंचकर पेंशन लेनी पड़ती है. जल्दी पेंशन लेने के मकसद से मंगलवार सुबह करीब 200 बुजुर्ग सुबह बैंक के सामने एकत्रित हो गए. करीब 9.30 कर्मचारी ड्यूटी पर पहुंचे, 10 बजे उन्होंने गेट खोला. इसके बाद 5-7 बुजर्ग एकसाथ बैंक में घुस गए. आक्रोशित कर्मचारियों ने डांट लगाते हुए बाहर निकलने को कहा. जिससे आक्रोशित बुजुर्ग अलवर-खेतड़ी सड़क मार्ग के बीचोंबीच बैठ गए. सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे तथा कर्मचारियों पर जानबूझ कर परेशान करने के आरोप लगाए.

बैंक प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद

बैंक के प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि सर्वर डाउन होने की वजह से पेंशन विड्राल की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई. इसके अलावा बैंक में कर्मचारियों की किल्लत बड़ी समस्या है. केवल सेवादार समेत केवल दो कर्मचारी स्थाई हैं. जिस कारण उपभोक्ताओं की सुविधाएं बाधित रहती हैं.करीब आधे घंटे बाद नांगल चौधरी पुलिस मौके पर पहुंची. एएसआई जयप्रकाश ने जिला उपायुक्त के नाम ज्ञापन लेकर जल्द समाधान का भरोसा दिया. जिससे संतुष्ट लोगों ने यातायात मार्ग बहाल कर दिया.

नारनौल: 2 माह से पेंशन नहीं मिलने से बुजुर्गों ने जाम लगाया. विभिन्न गांवों के बुजुर्गों ने बताया कि शुरूआती चरण में बुढ़ापा पेंशन राजस्व विभाग के पटवारी वितरित करते थे. नंबरदार की तस्दीक पर बुजुर्गों को घर बैठे मिल जाती थी. उपस्थित नहीं होने पर लाभार्थी अगले दिन तहसील कार्यालय से प्राप्त कर लेते थे. इसके बाद पेंशन वितरण करने की जिम्मेदारी पंचायतों के सुपुर्द कर दी गई. धांधली की शिकायतें बढ़ने पर सरकार ने बैंकों की मार्फत वितरण के निर्देश जारी कर दिए. निर्देशानुसार लाभार्थी बुजुर्गों ने नजदीकी बैंकों में खाते खुलवा लिए.

बुजुर्गों ने किया रोड जाम

वर्कलोड होने के कारण कई बैंकों ने पंचायत स्तर पर वीएलसी नियुक्त कर दिए. जिन्हें घर-घर जाकर पेंशन देने के आदेश हैं. इधर सहकारिता बैंक में 11 गांवों के करीब 2500 बुजुर्गों ने खाते खुलवाए थे, लेकिन बैंक द्वारा गांवों में वीएलसीए की नियुक्ति नहीं की गई. बुजुर्गों को बैंक में पहुंचकर पेंशन लेनी पड़ती है. जल्दी पेंशन लेने के मकसद से मंगलवार सुबह करीब 200 बुजुर्ग सुबह बैंक के सामने एकत्रित हो गए. करीब 9.30 कर्मचारी ड्यूटी पर पहुंचे, 10 बजे उन्होंने गेट खोला. इसके बाद 5-7 बुजर्ग एकसाथ बैंक में घुस गए. आक्रोशित कर्मचारियों ने डांट लगाते हुए बाहर निकलने को कहा. जिससे आक्रोशित बुजुर्ग अलवर-खेतड़ी सड़क मार्ग के बीचोंबीच बैठ गए. सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे तथा कर्मचारियों पर जानबूझ कर परेशान करने के आरोप लगाए.

बैंक प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद

बैंक के प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि सर्वर डाउन होने की वजह से पेंशन विड्राल की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई. इसके अलावा बैंक में कर्मचारियों की किल्लत बड़ी समस्या है. केवल सेवादार समेत केवल दो कर्मचारी स्थाई हैं. जिस कारण उपभोक्ताओं की सुविधाएं बाधित रहती हैं.करीब आधे घंटे बाद नांगल चौधरी पुलिस मौके पर पहुंची. एएसआई जयप्रकाश ने जिला उपायुक्त के नाम ज्ञापन लेकर जल्द समाधान का भरोसा दिया. जिससे संतुष्ट लोगों ने यातायात मार्ग बहाल कर दिया.

Intro:नारनौल। कोप्रेटिव बैंक के सामने सुबह 7 बजे ही पेंशन लेने वाले बुजुर्गों की लाइन लग गई। करीब 9.30 कर्मचारी पहुंचे, आधे घंटे गपशप मारने के बाद गेट खोला गया। 5-7 बुजुर्ग एक साथ बैंक में घुसते ही कर्मचारी आक्रोशित हो गए तथा सख्त लहजे में डांटते हुए बाहर निकलने के निर्देश दिए। जिससे आक्रोशित बुजुर्ग अलवर-खेतड़ी सड़क मार्ग के बीचों बीच बैठ गए। करीब आधे घंटे बाद नांगल चौधरी पुलिस मौके पर पहुंची। एएसआई जयप्रकाश ने जिला उपायुक्त के नाम ज्ञापन लेकर जल्द समाधान का भरोसा दिया। जिससे संतुष्ट लोगों ने यातायात मार्ग बहाल कर दिया। 


Body:विभिन्न गांवों के बुजुर्गों ने बताया कि शुरूआती चरण में बुढ़ापा पेंशन राजस्व विभाग के पटवारी वितरित करते थे। नंबरदार की तस्दीक पर बुजुर्गों को घर बैठे मिल जाती थी। उपस्थित नहीं होने पर लाभार्थी अगले दिन तहसील कार्यालय से प्राप्त कर लेते थे। इसके बाद पेंशन वितरण करने की जिम्मेदारी पंचायतों के सुपुर्द कर दी गई। धांधली की शिकायतें बढ़ने पर सरकार ने बैंकों की मार्फत वितरण के निर्देश जारी कर दिए। निर्देशानुसार लाभार्थी बुजुर्गों ने नजदीकी बैंकों में खाते खुलवा लिए। वर्कलोड होने के कारण कई बैंकों ने पंचायत स्तर पर वीएलसी नियुक्त कर दिए। जिन्हें घर-घर जाकर पेंशन देने के आदेश हैं। इधर सहकारिता बैंक में 11 गांवों के करीब 2500 बुजुर्गों ने खाते खुलवाए थे। लेकिन बैंक द्वारा गांवों में वीएलसीए की नियुक्ति नहीं की गई। बुजुर्गों को बैंक में पहुंचकर पेंशन लेनी पड़ती है। जल्दी पेंशन लेने के मकसद से मंगलवार सुबह करीब 200 बुजुर्ग सुबह सात बजे ही बैंक के सामने एकत्रित हो गए। करीब 9.30 कर्मचारी ड्यूटी पर पहुंचे, 10 बजे उन्होंने गेट खोला। इसके बाद 5-7 बुजर्ग एकसाथ बैंक में घुस गए, आक्रोशित कर्मचारियों ने डांट लगाते हुए बाहर निकलने को कहा। जिससे आक्रोशित बुजुर्ग 10.15 बजे अलवर-खेतड़ी सड़क मार्ग के बीचोंबीच बैठ गए। सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे तथा कर्मचारियों पर जानबूझ कर परेशान करने के आरोप लगाए।    


Conclusion:सर्वर डाउन होने से हुई असुविधा

बैंक के प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि सर्वर डाउन होने की वजह से पेंशन विड्राल की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। इसके अलावा बैंक में कर्मचारियों की किल्लत बड़ी समस्या है। केवल सेवादार समेत केवल दो कर्मचारी स्थाई हैं। जिस कारण उपभोक्ताओं की सुविधाएं बाधित रहती हैं। स्थिति से उच्चाधिकारी अवगत हैं।

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