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जंगम जोगी जैसी प्रस्तुतियों के साथ सम्पन्न हुआ रत्नावली महोत्सव

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित रत्नावली महोत्सव के आखिरी दिन जंगम जोगी, बीन बांसुरी, जोगी धुन, गतका जैसी प्रस्तुतियां दी गईं. कलाकारों ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी छात्र छात्राओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया.

जंगम जोगी जैसी प्रस्तुतियों के साथ सम्पन्न हुआ रत्नावली महोत्सव
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Published : Nov 6, 2019, 2:18 AM IST

कुरुक्षेत्रः कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय रत्नावली महोत्सव का समापन हुआ. रत्नावली महोत्सव के आखरी दिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति कैलाश चंद्र शर्मा ने इस कार्यक्रम का समापन किया. इस महोत्सव में हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों से पहुंचे लगभग 2000 कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया.

रत्नावली के इस चार दिवसीय महोत्सव के आखिरी दिन सभी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर हरियाणा की संस्कृति को संरक्षित करने का एक काम किया. साथ ही देश का युवा जिस तरह अपनी संस्कृति को लगातार भूलता जा रहा था, ऐसे में इस तरह के महोत्सव युवाओं के अंदर पुरानी संस्कृति को जागृत करने का कार्य करता है.

जंगम जोगी जैसी प्रस्तुतियों के साथ सम्पन्न हुआ रत्नावली महोत्सव

रत्नावली महोत्सव के आखिरी दिन जंगम जोगी, बीन बांसुरी, जोगी धुन, गतका जैसी प्रस्तुतियां दी गईं. इन कलाकारों ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी छात्र छात्राओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया. जंगम जोगी द्वारा सुनाए गए शिव विवाह की प्रस्तुति में तमाम देवी देवता किस तरह शिव विवाह में पहुंचे थे इस का गुणगान किया.

कुरुक्षेत्रः कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय रत्नावली महोत्सव का समापन हुआ. रत्नावली महोत्सव के आखरी दिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति कैलाश चंद्र शर्मा ने इस कार्यक्रम का समापन किया. इस महोत्सव में हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों से पहुंचे लगभग 2000 कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया.

रत्नावली के इस चार दिवसीय महोत्सव के आखिरी दिन सभी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर हरियाणा की संस्कृति को संरक्षित करने का एक काम किया. साथ ही देश का युवा जिस तरह अपनी संस्कृति को लगातार भूलता जा रहा था, ऐसे में इस तरह के महोत्सव युवाओं के अंदर पुरानी संस्कृति को जागृत करने का कार्य करता है.

जंगम जोगी जैसी प्रस्तुतियों के साथ सम्पन्न हुआ रत्नावली महोत्सव

रत्नावली महोत्सव के आखिरी दिन जंगम जोगी, बीन बांसुरी, जोगी धुन, गतका जैसी प्रस्तुतियां दी गईं. इन कलाकारों ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी छात्र छात्राओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया. जंगम जोगी द्वारा सुनाए गए शिव विवाह की प्रस्तुति में तमाम देवी देवता किस तरह शिव विवाह में पहुंचे थे इस का गुणगान किया.

Intro:कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय मैं चार दिवसीय कार्यक्रम रत्नावली महोत्सव हरियाणा की कला एवं संस्कृति के सरंक्षण का का मंच बनता जा रहा है इस मंच पर युवाओं ने जिस तरह से समाज व देश की ज्वलंत समस्याओं को प्रस्तुत किया वह अपने आप में एक सराहनीय कार्य है

हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों से पहुंचे लगभग 2000 कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया और रत्नावली के इस चार दिवसीय महोत्सव के आज आखिरी दिन सभी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर हरियाणा की संस्कृति को संरक्षित करने का एक काम किया देश का युवा जिस तरह अपनी संस्कृति को लगातार भूलता जा रहा था रत्नावली महोत्सव एक ऐसा महोत्सव है जो युवाओं के अंदर पुरानी संस्कृति को जागृत करने का कार्य करता है रत्नावली के आखिरी दिन जंगम जोगी, बीन बांसुरी, जोगी धुन वह गतका का जैसी प्रस्तुति दिखाई कलाकारों ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी छात्र छात्राओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया जंगम जोगी द्वारा सुनाए गए शिव विवाह की प्रस्तुति 33 करोड़ देवी देवता किस तरह शिव विवाह में पहुंचे थे इस का गुणगान किया।
रत्नावली महोत्सव की आखरी दिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति कैलाश चंद्र शर्मा ने इस कार्यक्रम का समापन किया।

बाईट:-जंगम जोगी सत्यनारायण


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