कुरूक्षेत्र: कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की धूम मची हुई है. कलाकार, शिल्पकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्हें महोत्सव के दौरान अपनी कला को प्रदर्शित करने के लिए बहुत बड़ा मंच मिल जाता है. दिलीप कोठारी तो सोने की पानी से बनी पेंटिंग को लेकर बहुत चर्चा में है.
कौन है दिलीप कोठारी: दिलीप कोठारी राजस्थान के अजमेर जिले के रहने वाले हैं. दिलीप पिछले तीस पैंतीस सालों से पेंटिंग बनाने का काम कर रहे हैं. इन्होंने सोने के पानी से बनी हुई पेंटिंग की प्रदर्शनी लगायी है. इनकी पेंटिंग की कीमत लाखों रुपये में होती हैं. हालांकि प्रदर्शनी में उन्होंने एक लाख तक की पेंटिंग लायी है लेकिन ऑर्डर मिलने पर और ज्यादा महंगी पेटिंग बनाते हैं. दिलीप के अनुसार जब उन्होंने पेंटिंग बनाने की शुरुआत की तो घरवालों ने सोने के पानी से पेंटिंग बनाने का सुझाव दिया क्योंकि ऐसी पेंटिंग बनाने वाले कम लोग थे.
कैसे बनती है सोने के पानी से पेंटिंग? : दिलीप बताते हैं कि नेचुरल रंगों से पहले पेंटिंग बनायी जाती है फिर उस पर सोने का पानी चढ़ाया जाता है. इसको बनाने में तकरीबन एक महीने का समय लगता है. क्योंकि पेंटिंग पर बहुत धीरे-धीरे सोने का पानी चढ़ाया जाता है. साइज के आधार पर पेंटिंग की कीमत तय होती है. फिलहाल प्रदर्शनी में दिलीप पचीस हजार रुपये से लेकर एक लाख तक की कीमत वाली पेंटिंग लाये हैं. अगर कोई ग्राहक और महंगी पेंटिंग चाहता है तो ऑर्डर मिलने पर वह बना कर देते हैं.
सोने के पानी से बनी पेंटिंग की खासियत: सोने के पानी से बनी पेंटिंग खराब नहीं होती है. कलाकार दिलीप कोठारी के अनुसार पेंटिंग कभी काली नहीं पड़ती है. बहुत दिनों तक पेंटिंग की चमक एक जैसी रहती है. दिलीप तो यहां तक कहते हैं अगर कोई इंसान एक बार सोने के पानी से बनी हुई पेंटिंग अपने घर लेकर जाता है तो वह 100 साल से ज्यादा समय तक या यूं कहें कि पूरी जिंदगी तक खराब नहीं होती. इसकी खास बात यह है कि इसमें प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है. दिलीप बताते हैं कि वह वैसे तो हर प्रकार की पेंटिंग बनाते हैं लेकिन जिस पेंटिंग पर सोने के पानी से काम किया जाता है वह ज्यादातर श्री कृष्ण भगवान से संबंधित होती है. उनकी लीलाओं को पेंटिंग के जरिए दर्शाने का काम किया जाता है. कृष्ण भगवान की पेंटिंग लोग खूब पसंद कर रहे हैं.