कुरुक्षेत्र: अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में लगातार लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है. मेला देखने वाले लोगों की भीड़ दिन पर दिन बढ़ रही है. कुरुक्षेत्र संस्कृति और कला के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
ढोल नगाड़ों की थाप पर थिरके लोग
अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के दूसरे रविवार को लगभग 50,000 लोग ब्रह्मसरोवर पर पहुंचे. ब्रह्मसरोवर का मनमोहक नजारा और ढोल नगाड़ों की थाप ने भीड़ को थिरकने को मजबूर कर दिया.
50 लाख लोगों की पहुंचने की संभावना
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2018 में लगभग 40 लाख लोग यहां गीता जयंती महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे. इस बार यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ सकती है. अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब 50 लाख लोग पहुंच सकते हैं.
ये भी पढ़ें:- ब्रह्मसरोवर की महाआरती में पहुंचे पूंडरी विधायक, बोले- गीता के उपदेशों से जीवन सफल होता है
सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन 23 नवम्बर से किया जा रहा है और इस महोत्सव के कार्यक्रम 10 दिसम्बर तक चलेंगे. इस महोत्सव में प्रत्येक दिन महाआरती का आयोजन करना एक बहुत बड़ा काम है. इस महाआरती में रोजाना गणमान्य व्यक्ति और आम नागरिक भाग ले रहे है.
गुजरात हैंडलूम लोगों को कर रही आकर्षित
गुजरात से आये कारीगरों का हैंडलूम भी लोगों को काफी पसंद आ रहा है. हस्त कारीगर रेखा ने बताया कि वह गुजरात से यहां गीता जयंती में आई है और उनके द्वारा चादरों पर की गई डिजाइनिंग को भी पसंद किया जा रहा है और बढ़ती भीड़ के साथ उनके वेपर को अच्छा खासा मुनाफा मिल रहा है.
पश्चिम बंगाल की टेराकोटा की मूर्तियां
पश्चिम बंगाल के कारीगर पिछले कई सालों से यहां आ रहे हैं. उनके द्वारा बनाई गई टेराकोटा (पकाई गई मिट्टी) की मूर्तियों की बहुत मांग है और उनके द्वारा धान के दानों से बनाई गई मूर्ति भी लोगों को आकर्षित करती है. वो यहां काम के लिए आते ही है पर यह आने से उन्हें मन को भी शांति मिलती है ओर उन्हें काफी मुनाफा भी मिल जाता है.