कुरुक्षेत्र: दिल्ली के अंदर किसान आंदोलन में राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद बदले माहौल पर अब बीजेपी के नेता भी बयानबाजी करने लगे हैं. इसी कड़ी में लाडवा से पूर्व विधायक रहे पवन सैनी ने ईटीवी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने किसान परेड के दौरान दिल्ली में हुए घटनाक्रम को एक उपद्रव बताया. उन्होंने कहा कि अब ये आंदोलन किसानों का नहीं बल्कि ये आंदोलन नेताओं का जमावड़ा हो गया है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से आंदोलन को लीड कर रहे नेता राकेश टिकैत के पास नेताओं के फोन आ रहे हैं या लगातार समर्थन की बातें की जा रही हैं. इससे ये स्पष्ट हो जाता है कि इस आंदोलन में राजनीतिक दलों की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि ये आंदोलन अपने राह से भटक चुका है.
किसानों के बीच बैठे राजनीतिक लोग सेंक रहे अपनी रोटियां: पवन सैनी
पवन सैनी ने विपक्ष पर भी कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को बहुत मौके दिए. किसान सरकार की बात सुनने को तैयार है, पर जो उनके बीच में नेता बैठे हैं और राजनीति कर रहे हैं. वो लोग बात मानने को तैयार नहीं हैं. वो इस मामले में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं.
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अभय चौटाला पर बोले पवन सैनी
पवन सैनी ने अभय चौटाला के इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो अभय चौटाला को तब मानेंगे जब वो अपने इस्तीफे के बाद अपनी पार्टी से उस सीट पर किसी और नेता को चुनाव ना लड़ाएं. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता लोगों के बीच जाकर उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं.
'आंदोलन के माध्यम से विपक्ष मोदी सरकार को करना चाहता है अस्थिर'
उन्होंने कहा कि ये आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक हाथों में चला गया है. सभी विपक्षी दल इस आंदोलन के माध्यम से नरेंद्र मोदी की सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं. वो इस आंदोलन को पूरी तरह से राजनीतिक आंदोलन मानते हैं.