कुरुक्षेत्र: प्रदेश के सभी जिलों की आर्थिक स्थिति किसी ना किसी व्यवसाय पर निर्भर है. इसी प्रकार धर्मनगरी की आर्धिक स्थिति यहां आने वाले पर्यटकों पर निर्भर है. कुरुक्षेत्र हरियाणा प्रदेश का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है. हर साल यहां बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री आते हैं. कुरुक्षेत्र जिले में ज्यादा कारखाने नहीं है. यहां की आय सिर्फ यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं पर टिकी है.
देशभर में गया के बाद कुरुक्षेत्र ही एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां अकाल मृत्यु मरने वाले लोगों के पिंडदान और कर्मकांड करने की प्रथा सालों से चली आ रही है. कर्मकांड करवाने वाले पंडितों पर भी इस लॉकडाउन का गहरा असर पड़ा है. इनकी रोजी-रोटी पर भी ताला लग गया है.
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कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर, जनहित सरोवर और सरस्वती नदी के घाट तमाम पंडित बैठे रहते हैं. देश-विदेश से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के कर्म कांड से ही इन पंडितों की आजीविका चलती है. लॉकडाउन के कारण यहां सब कुछ बंद है. अब तो यहां कोई श्रद्धालु भी नहीं पहुंच रहा है. जिस कारण इन पंडितों को भी काफी परेशानी हो रही है.