कुरुक्षेत्र: कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों के साथ-साथ कांग्रेस भी पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार का ये कृषि विधेयक किसानों को उनके ही खेतों में मजदूर बना देगा. इसलिए इसे निरस्त किया जाए. वहीं बीजेपी का कहना है कि ये बिल किसानों के हित में है. उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता देने के लिए ही इस बिल को लाया गया है.
सोमवार को कांग्रेस ने कृषि विधेयकों के खिलाफ कुरुक्षेत्र के जिला सचिवालय पर प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस ने ज्ञापन में मांग की है कि जो कृषि विधेयक जारी किए गए हैं. उन्हें वापस लिया जाए. ये किसान, मजदूर और मंडी के हित में नहीं है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हरमिंदर सिंह चठ्ठा ने कहा कि ये कृषि विधेयक किसानों के हित में नहीं है. इस विधेयक से किसान पूंजीपतियों के हाथों की कठपुतली बन जाएगा. इसलिए किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार इस बिल को वापस लें. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इस किसान बिल को वापस नहीं लेती. कांग्रेस इसके खिलाफ लगातार सड़कों पर रहेगी.
वहीं पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि सत्ता पक्ष का काम होता है कि वो जनता की भलाई के लिए कानून बनाए, लेकिन बीजेपी ने अपने बहुमत का अपमान करते हुए जनता को पूंजीपतियों के हवाले करना चाहती है. उन्होंने कहा कि जैसे ही कोरोना महामारी खत्म होती है. कांग्रेस बीजेपी सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन चलाएगी और इस किसान विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकेगी.
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