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कैसे होगी प्याज की बंपर पैदावार, किन किस्मों से मिलेगा जबरदस्त मुनाफा? जानें एक्सपर्ट की राय

हरियाणा में प्याज की फसल की बिजाई करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है. लेकिन खेती के गुर नहीं होने के चलते किसानों को प्याज की फसल (onion crop in Haryana) में नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में ईटीवी भारत ने प्याज की फसल की पैदावार करने के लिए एक्सपर्ट्स से राय ली. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

onion crop in Haryana
हरियाणा में प्याज की फसल की पैदावार अच्छी करने के लिए जानें एक्सपर्ट की राय
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Published : Jan 19, 2022, 8:09 PM IST

Updated : Jan 20, 2022, 10:57 PM IST

कुरुक्षेत्र: जहां एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है. वहीं किसान भी आय दोगुनी करने के उद्देश्य से गेहूं व धान की फसलों को छोड़कर अन्य फसलों की खेती की तरफ रूख करने लगी गए है. जिसके चलते किसान ऐसी फसलों की पैदावार कर रहे है, जिनके भाव काफी समय से अच्छे मिल रहे है. जिनमें प्याज की फसल भी (onion crop in Haryana) शामिल है. लेकिन किसान प्याज की फसल की बिजाई करते समय उचित प्रबंधन और जानकारी के अभाव में अच्छी पैदावार नहीं कर पाते है.

किसानों की समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने कुरुक्षेत्र के जिला बागवानी अधिकारी सत्यनारायण से खास बातचीत की. जिसमें बागवानी अधिकारी ने प्याज की फसल उगाने और प्याज की फसल की देखभाल करने संबंधी जानकारी साझा की. जिसमें बागवानी अधिकारी सत्यनारायण ने बताया कि प्याज की फसल लगाने का यह बिल्कुल सही समय है. क्योंकि दिसंबर के महीने में प्याज की नर्सरी तैयार की जाती है. किसान प्याज की नर्सरी को खेत में लगाने के लिए अपने खेत की जुताई कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- सरसों की फसल में बढ़ रही तना गलन व सफेद रतुआ की बीमारी, कैसे करें रोकथाम, जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय

हरियाणा में प्याज की किस्में

बागवानी अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में हरियाणा यूनिवर्सिटी द्वारा रिलीज की गई प्याज की मुख्यत: 3 किस्में है. हिसार वन ,हिसार टू, पूसा रेड यह तीन किस्में है, जो रबी की फसल में हरियाणा में लगाई जाती हैं और जिनसे किसान अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. सत्यनारायण ने बताया कि खेत में प्याज की नर्सरी लगाने के बाद कुछ दिन बाद पानी दिया जाता है और उसके 1 सप्ताह बाद खरपतवार के लिए किसी दवाई का चुनाव करके छिड़काव कर सकते हैं.

प्याज की फसल लगाने की विधि

बागवानी अधिकारी ने बताया कि प्याज की फसल बनाने के लिए प्याज के बीज की क्यारी बनाकर पनीरी तैयार की जाती है. जोकि दिसंबर के पहले सप्ताह में ये पनीरी तैयार कर ली जाती है और 15 जनवरी तक खेतों में इसे ट्रांसप्लांट कर दिया (Onion Harvesting Method in Haryana) जाता है. वहीं इस दौरान पौधे से पौधे की 6 इंच और लाइन से लाइन की दूरी 2 फीट के पास रखनी चाहिए. वहीं फसल को अच्छा बनाने के लिए फसल में FYM, 10 टन गोबर की खाद डाली जाती है. ध्यान रहे कि प्याज की फसल में डीएपी खाद का जितना कम प्रयोग किया जाए उतना ज्यादा फायदेमंद होगा. साथ ही प्याज की नर्सरी लगाने के कुछ दिन बाद पानी दिया जाता है और उसके 1 सप्ताह बाद खरपतवार के लिए दवाई का छिड़काव दिया जाता है. मुख्यत: देखने को मिलता है कि खरपतवार का प्रबंधन ना होने के कारण प्याज के उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ता है. इसलिए समय-समय पर प्याज के खेत में निराई-गुड़ाई करते रहना चाहिए ताकि अच्छी पैदावार हो सके.

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ये भी पढ़ें- दक्षिण हरियाणा के किसानों ने धान की जगह इस फसल की खेती पर दिया जोर, बढ़ी कमाई

प्याज की फसल में बीमारी

प्याज की फसल लगाने के बाद एक बड़ी समस्या आती है. जड़ गलन और पद गलन की. उसके लिए कैप्टन नामक दवाई का 1 लीटर पानी में 1 मिलीलीटर दवाई मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. इससे जड़ गलन और पद गलन की समस्या से निजात मिलेगी. पानी बचाने के लिए भी यह काफी अच्छी फसल मानी जाती है, क्योंकि इसमें दो या तीन बार पानी देने की आवश्यकता होती है और सबसे बड़ी बात इसको खेत में मेड बनाकर या बेड बनाकर लगाया जाता है. जिससे पानी की बचत होती है और फसल का उत्पादन भी अच्छा होता है।

सरकार द्वारा प्याज की फसल पर अनुदान

छोटे किसानों के लिए सरकार ने प्याज की फसल पर कुछ अनुदान भी दिया है. जब किसान प्याज की नर्सरी तैयार करते हैं तो 1 हेक्टेयर तक के किसान के लिए बीज पर 50 फीसदी रुपए तक का अनुदान सरकार देती है. जो 500 रूपये प्रति एकड़ बनता है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के दौरान इस फसल की खेती कर किसान बना लखपति

प्याज की फसल का भंडारण

किसानों के सामने एक बड़ी समस्या होती है कि जब प्याज की फसल तैयार होकर खेत से उखाड़ ली जाती है. उस समय अच्छा रेट नहीं होता और कुछ महीने बाद अच्छा भाव होने के कारण व्यापारी अच्छा मुनाफा लेते हैं. लेकिन अगर किसानों के लिए कोई भंडारण का प्रबंधन (onion crop storage in Haryana) किया जाए, तो किसान कम रेट के समय भंडारण कर सके और जब अच्छा भाव हो तब बेच सके. इसके लिए भी हरियाणा सरकार ने छोटे किसानों के लिए एक योजना शुरू की हुई है. इसमें किसानों को भंडारण के लिए 20 बाय 30 का एक स्टोर रूम प्याज रखने के लिए बनाया जाता है. जिसमें सरकार की तरफ से 78 हजार 500 यानी 50 फीसदी अनुदान दिया जाता है. इसपर लगभग डेढ़ से 2 लाख रुपये तक कि लागत आती है. जिसमें लगभग ढाई एकड़ के प्याज किसान भंडारण कर सकेंगे. जिसे किसान अपने प्याज को इसमें स्टोर कर सकेंगे और जब भाव अच्छे होंगे तब बेच सकेंगे.

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कुरुक्षेत्र: जहां एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है. वहीं किसान भी आय दोगुनी करने के उद्देश्य से गेहूं व धान की फसलों को छोड़कर अन्य फसलों की खेती की तरफ रूख करने लगी गए है. जिसके चलते किसान ऐसी फसलों की पैदावार कर रहे है, जिनके भाव काफी समय से अच्छे मिल रहे है. जिनमें प्याज की फसल भी (onion crop in Haryana) शामिल है. लेकिन किसान प्याज की फसल की बिजाई करते समय उचित प्रबंधन और जानकारी के अभाव में अच्छी पैदावार नहीं कर पाते है.

किसानों की समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने कुरुक्षेत्र के जिला बागवानी अधिकारी सत्यनारायण से खास बातचीत की. जिसमें बागवानी अधिकारी ने प्याज की फसल उगाने और प्याज की फसल की देखभाल करने संबंधी जानकारी साझा की. जिसमें बागवानी अधिकारी सत्यनारायण ने बताया कि प्याज की फसल लगाने का यह बिल्कुल सही समय है. क्योंकि दिसंबर के महीने में प्याज की नर्सरी तैयार की जाती है. किसान प्याज की नर्सरी को खेत में लगाने के लिए अपने खेत की जुताई कर रहे हैं.

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हरियाणा में प्याज की किस्में

बागवानी अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में हरियाणा यूनिवर्सिटी द्वारा रिलीज की गई प्याज की मुख्यत: 3 किस्में है. हिसार वन ,हिसार टू, पूसा रेड यह तीन किस्में है, जो रबी की फसल में हरियाणा में लगाई जाती हैं और जिनसे किसान अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. सत्यनारायण ने बताया कि खेत में प्याज की नर्सरी लगाने के बाद कुछ दिन बाद पानी दिया जाता है और उसके 1 सप्ताह बाद खरपतवार के लिए किसी दवाई का चुनाव करके छिड़काव कर सकते हैं.

प्याज की फसल लगाने की विधि

बागवानी अधिकारी ने बताया कि प्याज की फसल बनाने के लिए प्याज के बीज की क्यारी बनाकर पनीरी तैयार की जाती है. जोकि दिसंबर के पहले सप्ताह में ये पनीरी तैयार कर ली जाती है और 15 जनवरी तक खेतों में इसे ट्रांसप्लांट कर दिया (Onion Harvesting Method in Haryana) जाता है. वहीं इस दौरान पौधे से पौधे की 6 इंच और लाइन से लाइन की दूरी 2 फीट के पास रखनी चाहिए. वहीं फसल को अच्छा बनाने के लिए फसल में FYM, 10 टन गोबर की खाद डाली जाती है. ध्यान रहे कि प्याज की फसल में डीएपी खाद का जितना कम प्रयोग किया जाए उतना ज्यादा फायदेमंद होगा. साथ ही प्याज की नर्सरी लगाने के कुछ दिन बाद पानी दिया जाता है और उसके 1 सप्ताह बाद खरपतवार के लिए दवाई का छिड़काव दिया जाता है. मुख्यत: देखने को मिलता है कि खरपतवार का प्रबंधन ना होने के कारण प्याज के उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ता है. इसलिए समय-समय पर प्याज के खेत में निराई-गुड़ाई करते रहना चाहिए ताकि अच्छी पैदावार हो सके.

कैसे होगी प्याज की बंपर पैदावार, किन किस्मों से मिलेगा जबरदस्त मुनाफा? जानें एक्सपर्ट की राय

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प्याज की फसल में बीमारी

प्याज की फसल लगाने के बाद एक बड़ी समस्या आती है. जड़ गलन और पद गलन की. उसके लिए कैप्टन नामक दवाई का 1 लीटर पानी में 1 मिलीलीटर दवाई मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. इससे जड़ गलन और पद गलन की समस्या से निजात मिलेगी. पानी बचाने के लिए भी यह काफी अच्छी फसल मानी जाती है, क्योंकि इसमें दो या तीन बार पानी देने की आवश्यकता होती है और सबसे बड़ी बात इसको खेत में मेड बनाकर या बेड बनाकर लगाया जाता है. जिससे पानी की बचत होती है और फसल का उत्पादन भी अच्छा होता है।

सरकार द्वारा प्याज की फसल पर अनुदान

छोटे किसानों के लिए सरकार ने प्याज की फसल पर कुछ अनुदान भी दिया है. जब किसान प्याज की नर्सरी तैयार करते हैं तो 1 हेक्टेयर तक के किसान के लिए बीज पर 50 फीसदी रुपए तक का अनुदान सरकार देती है. जो 500 रूपये प्रति एकड़ बनता है.

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प्याज की फसल का भंडारण

किसानों के सामने एक बड़ी समस्या होती है कि जब प्याज की फसल तैयार होकर खेत से उखाड़ ली जाती है. उस समय अच्छा रेट नहीं होता और कुछ महीने बाद अच्छा भाव होने के कारण व्यापारी अच्छा मुनाफा लेते हैं. लेकिन अगर किसानों के लिए कोई भंडारण का प्रबंधन (onion crop storage in Haryana) किया जाए, तो किसान कम रेट के समय भंडारण कर सके और जब अच्छा भाव हो तब बेच सके. इसके लिए भी हरियाणा सरकार ने छोटे किसानों के लिए एक योजना शुरू की हुई है. इसमें किसानों को भंडारण के लिए 20 बाय 30 का एक स्टोर रूम प्याज रखने के लिए बनाया जाता है. जिसमें सरकार की तरफ से 78 हजार 500 यानी 50 फीसदी अनुदान दिया जाता है. इसपर लगभग डेढ़ से 2 लाख रुपये तक कि लागत आती है. जिसमें लगभग ढाई एकड़ के प्याज किसान भंडारण कर सकेंगे. जिसे किसान अपने प्याज को इसमें स्टोर कर सकेंगे और जब भाव अच्छे होंगे तब बेच सकेंगे.

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Last Updated : Jan 20, 2022, 10:57 PM IST
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