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हरियाणा: कोर्ट के आदेश पर 21 साल बाद बीच सड़क मिला जमीन मालिक को कब्जा, शहर का ट्रैफिक बंद

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Published : Apr 27, 2022, 8:08 AM IST

Updated : Apr 27, 2022, 1:13 PM IST

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है. 21 साल पहले सरकारी विभाग ने जमीन कब्जा करके उस पर सड़क बना दी थी. लेकिन कोर्ट के आदेश पर अब बीच रोड जमीन मालिक को कब्जा दिया गया है. जिससे शहर का रास्ता भी बंद हो गया.

possession to land owner on road In Kurukshetra
possession to land owner on road In Kurukshetra

कुरूक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां सेक्टर-7 में स्थित केडीबी वीआईपी रोड के आधे हिस्से पर आखिरकार 21 साल बाद एक जमीन मालिक को कब्जा मिल गया. अदालत के आदेश पर जिला प्रशासन ने सोमवार दोपहर कांशीराम को सड़क के बीच में उसके प्लॉट का कब्जा सौंपा. जमीन के मालिक कांशीराम ने भी उसी वक्त एक तरफ कंटीली तार बांधकर शहर की मेन रोड को बंद कर दिया. रास्ता बंद होते ही पुलिस ने रूट को डायवर्ट कर दिया. इसके बाद चौक से पहले बैरिकेड भी लगा दिए.

दरअसल ये पूरा मामला साल 2001 का है. उस दौरान हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने सेक्टर-7 के लिए जमीन अधिग्रहित की थी. इस दौरान कांशीराम, गुरचरण सिंह, दीदार सिंह की जमीन भी अवार्ड-3 के तहत अधिग्रहित कर ली गई. कांशीराम ने 242 वर्ग गज के प्लॉट पर अपना हक जताया था. कोर्ट ने उक्त जमीन उनको रिलीज कर दी थी. प्रशासन ने कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए डीआरओ चांदीराम और एचएसवीपी के ईओ योगेश रंगा को इसके लिए अधिकृत किया था. अधिकारियों को कब्जा दिलवाने के बाद पांच अप्रैल 2021 तक कोर्ट में जवाब देना था. कांशीराम ने कहा कि जमीन पर उनका हक है. इसे लेकर कई बार समझौते भी हो चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक अपना हक नहीं मिला

कोर्ट ने पिछले महीने भी इस मामले में प्रोजेक्शन वारंट जारी किया था लेकिन तब किन्ही कारणों से भूमि मालिकों को कब्जा नहीं मिल पाया. इसके बाद दोबारा से कोर्ट में याचिका लगाई गई. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर तहसीलदार नवनीत कुमार, कानूनगो, हुडा के जेई मौके पर पहुंचे. राजस्व विभाग ने अदालत के आदेश पर पैमाइश की तो प्लॉट की जमीन में आधा केडीबी रोड आ गया. इस पैमाइश में 100 फीट रोड की 22 x 99 फीट यानि 242 वर्ग गज की जमीन कांशीराम के हिस्से में आ गई.

कांशीराम के अलावा एक अन्य प्लॉट मालिक दीदार सिंह ने बताया कि रतगल रकबे के अंतर्गत उनकी जमीन आती है. इस जमीन को भू-अर्जन अधिकारी ने 12 दिसंबर 2001 को अवार्ड-तीन के तहत अधिकृत कर लिया था. इसके बाद उन्होंने साल 2006 में इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने 18 फरवरी 2008 को एचएसवीपी की याचिका खारिज कर उनकी जमीन वापस देने के आदेश दिए थे. जिसके बाद उन्हें भी कब्जा मिला है.

क्या है अवार्ड- किसी भी योजना के लिए अगर प्रशासन और किसानों के बीच करार की सहमति नहीं होती है, तब जिला प्रशासन संबंधित योजना को भूमि लेने के लिए अवार्ड घोषित करा देता है. ऐसा होने पर शासन अपनी व्यवस्थानुसार भूमि के रेट घोषित कर देता है. ऐसे में अगर किसान मुआवजा नहीं लेते तो कोर्ट में जमा करा दिया जाता है तथा जमीन का अर्जन कर लिया जाता है.

जमीन मालिकों को कब्जा मिलने पर सड़क बंद होने से हड़कंप मच गया. ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु करने के लिए मौके पर थाना शहर प्रभारी सीमा व सेक्टर 7 पुलिस चौकी प्रभारी भी मौजूद रहे. लोगों में चर्चा है कि एक ओर तो शहर की सड़कें पहले ही उखड़ी पड़ी है. दूसरी ओर जो सड़क चलने लायक थी उसको बंद कर दिया गया है.

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कुरूक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां सेक्टर-7 में स्थित केडीबी वीआईपी रोड के आधे हिस्से पर आखिरकार 21 साल बाद एक जमीन मालिक को कब्जा मिल गया. अदालत के आदेश पर जिला प्रशासन ने सोमवार दोपहर कांशीराम को सड़क के बीच में उसके प्लॉट का कब्जा सौंपा. जमीन के मालिक कांशीराम ने भी उसी वक्त एक तरफ कंटीली तार बांधकर शहर की मेन रोड को बंद कर दिया. रास्ता बंद होते ही पुलिस ने रूट को डायवर्ट कर दिया. इसके बाद चौक से पहले बैरिकेड भी लगा दिए.

दरअसल ये पूरा मामला साल 2001 का है. उस दौरान हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने सेक्टर-7 के लिए जमीन अधिग्रहित की थी. इस दौरान कांशीराम, गुरचरण सिंह, दीदार सिंह की जमीन भी अवार्ड-3 के तहत अधिग्रहित कर ली गई. कांशीराम ने 242 वर्ग गज के प्लॉट पर अपना हक जताया था. कोर्ट ने उक्त जमीन उनको रिलीज कर दी थी. प्रशासन ने कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए डीआरओ चांदीराम और एचएसवीपी के ईओ योगेश रंगा को इसके लिए अधिकृत किया था. अधिकारियों को कब्जा दिलवाने के बाद पांच अप्रैल 2021 तक कोर्ट में जवाब देना था. कांशीराम ने कहा कि जमीन पर उनका हक है. इसे लेकर कई बार समझौते भी हो चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक अपना हक नहीं मिला

कोर्ट ने पिछले महीने भी इस मामले में प्रोजेक्शन वारंट जारी किया था लेकिन तब किन्ही कारणों से भूमि मालिकों को कब्जा नहीं मिल पाया. इसके बाद दोबारा से कोर्ट में याचिका लगाई गई. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर तहसीलदार नवनीत कुमार, कानूनगो, हुडा के जेई मौके पर पहुंचे. राजस्व विभाग ने अदालत के आदेश पर पैमाइश की तो प्लॉट की जमीन में आधा केडीबी रोड आ गया. इस पैमाइश में 100 फीट रोड की 22 x 99 फीट यानि 242 वर्ग गज की जमीन कांशीराम के हिस्से में आ गई.

कांशीराम के अलावा एक अन्य प्लॉट मालिक दीदार सिंह ने बताया कि रतगल रकबे के अंतर्गत उनकी जमीन आती है. इस जमीन को भू-अर्जन अधिकारी ने 12 दिसंबर 2001 को अवार्ड-तीन के तहत अधिकृत कर लिया था. इसके बाद उन्होंने साल 2006 में इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने 18 फरवरी 2008 को एचएसवीपी की याचिका खारिज कर उनकी जमीन वापस देने के आदेश दिए थे. जिसके बाद उन्हें भी कब्जा मिला है.

क्या है अवार्ड- किसी भी योजना के लिए अगर प्रशासन और किसानों के बीच करार की सहमति नहीं होती है, तब जिला प्रशासन संबंधित योजना को भूमि लेने के लिए अवार्ड घोषित करा देता है. ऐसा होने पर शासन अपनी व्यवस्थानुसार भूमि के रेट घोषित कर देता है. ऐसे में अगर किसान मुआवजा नहीं लेते तो कोर्ट में जमा करा दिया जाता है तथा जमीन का अर्जन कर लिया जाता है.

जमीन मालिकों को कब्जा मिलने पर सड़क बंद होने से हड़कंप मच गया. ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु करने के लिए मौके पर थाना शहर प्रभारी सीमा व सेक्टर 7 पुलिस चौकी प्रभारी भी मौजूद रहे. लोगों में चर्चा है कि एक ओर तो शहर की सड़कें पहले ही उखड़ी पड़ी है. दूसरी ओर जो सड़क चलने लायक थी उसको बंद कर दिया गया है.

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Last Updated : Apr 27, 2022, 1:13 PM IST
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