कुरुक्षेत्र: मारकंडा नदी में आए उफान के कारण डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. जिससे ग्रामीणों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा हैं. वहीं हजारों एकड़ की फसल भी तबाह हो चुकी हैं. हालांकि अब जलस्तर कम हो चुका हैं. लेकिन अभी भी हालात ठीक नहीं हैं. शाहबाद के गांव कठुआ में लगभग 1000 एकड़ धान की फसल तबाह हो चुकी हैं. वही गन्ने की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है.
किसानों और ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक दशक से हर साल इस तरह की मुसीबत का सामना करना पड़ता है. मंत्री और विधायकों को बार-बार इस समस्या का समाधान करवाने के लिए कह चुके हैं. लेकिन आज तक हमारी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.
सरकार से मुआवजे की मांग
गांव कठुआ के किसानों ने बताया कि लगभग 1000 एकड़ धान की फसल खराब हो चुकी है. पानी अभी भी फसलों में खड़ा हुआ है. धान की फसल के साथ-साथ गन्ने की फसल को भी काफी नुकसान हो चुका है. सरकार की ओर से अभी तक कोई भी अधिकारी गांवों में नहीं आया हैं. किसानों ने सरकार से अपील की हैं कि जल्द से जल्द फसलों की गिरदावरी करवाए और उन्हें ज्यादा से ज्यादा मुआवजा दिया जाए.