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केंद्रीय कृषि कानून का असर, UP के किसान हरियाणा में बेच रहे महंगा धान - karnal news

एक देश एक मंडी की व्यवस्था उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, क्योंकि उन्हें हरियाणा में धान की फसल का अधिक रेट मिल रहा है. किसानों का कहना है कि मोदी सरकार ने उन्हें आर्थिक आजादी दी है.

uttar pradesh farmers selling there grain in haryana after new farm law
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Published : Sep 29, 2020, 3:18 PM IST

Updated : Sep 30, 2020, 11:26 AM IST

करनाल: एक देश एक मंडी व्यवस्था उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फायदे का सौदा बन रही है. यूपी में कम कीमत के चलते अब किसान करनाल की मंडी में अपनी धान की फसल लेकर पहुंच रहे हैं. किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आर्थिक आजादी दी है.

करनाल अनाज मंडी में धान बेचने आए अमित कुमार और खुर्शीद खान ने बताया कि यूपी और हरियाणा में धान के रेट में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर है. ऐसे में उन्हें यहां पर अपनी फसल का मूल्य ज्यादा मिल रहा है.

केंद्रीय कृषि कानून का असर, UP के किसान हरियाणा में बेच रहे महंगा धान

किसानों ने बताया कि मोदी सरकार ने मंडियों को खोलकर बहुत अच्छा निर्णय लिया है. इससे हमें मंडी चुनने की आजादी मिली है. अब जहां भी हमें अपनी फसल के रेट ज्यादा मिलेंगे वहां पर फसल बेच सकते हैं.

ये भी पढ़ें- नए कृषि कानून: हरियाणा सरकार को फसल खरीद में हो सकता है करोड़ों का नुकसान

गौरतलब है कि नए कृषि कानून 2020 को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. यहां के किसानों का कहना है कि मोदी सरकार मंडियों को बंद करना चाहती है और कुछ पूंजीपतियों को हाथों में सब कुछ थमा देना चाहती है. साथ ही किसानों का मानना है कि सरकार एमएसपी को खत्म करना चाहती है. बहरहाल, एक देश एक मंडी की व्यवस्था उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, क्योंकि उन्हें हरियाणा में धान की फसल का अधिक रेट मिल रहा है.

करनाल: एक देश एक मंडी व्यवस्था उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फायदे का सौदा बन रही है. यूपी में कम कीमत के चलते अब किसान करनाल की मंडी में अपनी धान की फसल लेकर पहुंच रहे हैं. किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आर्थिक आजादी दी है.

करनाल अनाज मंडी में धान बेचने आए अमित कुमार और खुर्शीद खान ने बताया कि यूपी और हरियाणा में धान के रेट में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर है. ऐसे में उन्हें यहां पर अपनी फसल का मूल्य ज्यादा मिल रहा है.

केंद्रीय कृषि कानून का असर, UP के किसान हरियाणा में बेच रहे महंगा धान

किसानों ने बताया कि मोदी सरकार ने मंडियों को खोलकर बहुत अच्छा निर्णय लिया है. इससे हमें मंडी चुनने की आजादी मिली है. अब जहां भी हमें अपनी फसल के रेट ज्यादा मिलेंगे वहां पर फसल बेच सकते हैं.

ये भी पढ़ें- नए कृषि कानून: हरियाणा सरकार को फसल खरीद में हो सकता है करोड़ों का नुकसान

गौरतलब है कि नए कृषि कानून 2020 को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. यहां के किसानों का कहना है कि मोदी सरकार मंडियों को बंद करना चाहती है और कुछ पूंजीपतियों को हाथों में सब कुछ थमा देना चाहती है. साथ ही किसानों का मानना है कि सरकार एमएसपी को खत्म करना चाहती है. बहरहाल, एक देश एक मंडी की व्यवस्था उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, क्योंकि उन्हें हरियाणा में धान की फसल का अधिक रेट मिल रहा है.

Last Updated : Sep 30, 2020, 11:26 AM IST
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