करनाल: अंडा उत्पादन में भारत विश्व में तीसरे नंबर पर है वहीं अगर हरियाणा की बात करें तो हरियाणा अंडा उत्पादन करने में देश में एक अहम भूमिका निभा रहा है. लेकिन अब हरियाणा के पोल्ट्री फार्म व्यवसाय के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है, जिसके कारण पोल्ट्री फार्म व्यवसाय आर्थिक मंदी से जूझ रहा है और खत्म होने की कगार पर खड़ा है. दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले अंडों को लेकर गाइडलाइन जारी की है. इन गाइडलाइन की पालना करने में हरियाणा के पोल्ट्री फार्म असमर्थ हैं. जानकारी के अनुसार हरियाणा से 70 प्रतिशत अंडे उत्तर प्रदेश में भेजे जाते हैं. केवल करनाल और कुरुक्षेत्र से प्रतिदिन एक करोड़ अंडों का उत्पादन होता है. जिसमें से 70 प्रतिशत अंडे उत्तर प्रदेश जाते हैं.
अंडों पर लिखनी होगी एक्सपायरी डेट: हरियाणा पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के जिला प्रधान गुरदयाल सुनहड़ी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अंडा स्टोरेज करने के लिए भी एक गाइडलाइन जारी कर दी है. जिससे पोल्ट्री फार्म मालिकों को अंडे स्टोरेज करना पड़ेगा. परेशानी यह है कि इसकी भी समय सीमा निर्धारित कर दी गई है. यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से इसलिए लिया गया है ताकि अंडे खराब ना हो. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने यह भी कहा है कि प्रत्येक अंडे पर एक्सपायरी डेट लिखनी होगी. उसके बाद ही अंडें उत्तर प्रदेश में बिक्री के लिए आ सकेंगे. इस गाइडलाइन पर हरियाणा के पोल्ट्री फार्म मालिकों ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि इतनी भारी संख्या में अंडों पर एक्सपायरी डेट लिखने में काफी समय लग जाएगा. जिससे उनका अन्य काम प्रभावित होगा.
एयर कंडीशनर गाड़ी में होगा अंडे का ट्रांसपोर्ट: पोल्ट्री फार्म मालिकों का कहना है कि पहले वे ओपन गाड़ी या कवर की हुई गाड़ी में अंडे का ट्रांसपोर्ट करते थे लेकिन यूपी सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार इसमें भी बदलाव कर दिया गया है. अब एयर कंडीशनर गाड़ी में ही अंडों का ट्रांसपोर्ट किया जा सकेगा. एयर कंडीशनर की जगह गाड़ी में रेफ्रिजरेटर रखकर उसके अंदर अंडे रखकर ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है. अगर इसके बिना गाड़ी यूपी में प्रवेश करती है तो उसको रोक दिया जाएगा.
15 अप्रैल से हरियाणा से अंडों का सप्लाई बंद: गुरदयाल सुनहड़ी जिला प्रधान ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 अप्रैल तक डेडलाइन जारी की थी. उस दिन के बाद से ही हरियाणा का अंडा उत्तर प्रदेश नहीं जा रहा, क्योंकि उनकी गाइडलाइन के अनुसार वह काम नहीं कर रहे थे. पोल्ट्री फार्म मालिकों की माने तो नई गाइडलाइन के अनुसार अंडा ट्रांसपोर्ट करने में खर्चा बहुत ज्यादा आएगा. ऐसे में उनका व्यापार घाटे में चला जाएगा. जिसके कारण हरियाणा में पोल्ट्री फार्म पर संकट के बादल छा गए हैं. क्योंकि पिछले 10 दिन से उनके अंडे पोल्ट्री फार्म में ही रखे हुए हैं. ऐसे में बचत की बात तो दूर पोल्ट्री फार्म का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. क्योंकि हर महीने कई लाख रुपये पोल्ट्री फार्म पर खर्च हो जाता है.
हरियाणा सरकार से मदद की गुहार : पोल्ट्री फार्म मालिकों का कहना है कि इन दिनों उनकी राज्य स्तर पर कई मीटिंग हो चुकी हैं. प्रत्येक मीटिंग में पदाधिकारियों की तरफ से सरकार से कई बार गुहार लगाई गई. पोल्ट्री फार्मर इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलना चाहते हैं लेकिन अभी तक उन्हें इसके लिए समय नहीं मिला है. जिसके कारण पोल्ट्री फार्म मालिक काफी निराश हैं. उन्हें उम्मीद है कि दोनों प्रदेशों में बीजेपी की सरकार है, ऐसे में दोनों प्रदेश के मुख्यमंत्री बैठकर इस समस्या का कोई हल निकाल सकते हैं. क्योंकि यूपी सरकार ने अभी केवल नई गाइडलाइन जारी की है, इसे विधानसभा में पास नहीं किया गया है.
पढ़ें : हरियाणा में गेहूं खरीद पर घिरी सरकार, जानिए किसानों के खाते में अब तक पहुंचे कितने करोड़
यूपी की फल व सब्जियों पर रोक की चेतावनी: पोल्ट्री फार्म मालिकों का कहना है कि अगर उनकी समस्या का 27 अप्रैल तक सरकार ने कोई समाधान नहीं निकाला तो वे हरियाणा में दूसरे उत्तर प्रदेश से आने वाले रास्तों को बंद कर देंगे और यूपी से आने वाली फल व सब्जियों पर भी रोक लगा देंगे. क्योंकि हरियाणा में उत्तर प्रदेश से काफी मात्रा में फल व सब्जियां ट्रांसपोर्ट होती है. ऐसे में जब उत्तर प्रदेश सरकार हरियाणा का अंडा उत्तर प्रदेश में नहीं आने दे रही है तो हरियाणा के किसान उत्तर प्रदेश की फल व सब्जियां हरियाणा में कैसे आने देंगे.
नेताओं के दबाव में नई गाइडलाइन जारी करने का आरोप: पोल्ट्री फार्म मालिकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से वहां पोल्ट्री फार्म को बढ़ावा देने के लिए कुछ योजनाएं शुरू की है. इन योजनाओं के तहत और इससे पहले उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं के द्वारा बड़े स्तर पर पोल्ट्री फार्म स्थापित किए गए हैं. ऐसे में जब हरियाणा से अंडा उत्तर प्रदेश में जाता है तो उनके अंडे की डिमांड कम होती है. क्योंकि अगर बाजार में अंडों का प्रोडक्शन ज्यादा होता है तो रेट कम मिलता है. इसलिए वह चाहते हैं कि दूसरे राज्यों से अंडा यूपी में नहीं आए और यूपी में अंडों के दाम पहले से ज्यादा बढ़ जाएंगे. इसी के चलते नेताओं के कहने पर उत्तर प्रदेश सरकार की नई गाइडलाइन जारी की गई है.