करनाल: कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर दिल्ली में एक हफ्ते का लॉकडाउन लग गया. ऐसे में दोबारा लॉकडाउन लग जाने के डर से मजदूर अपने घर यूपी, बिहार जाने लगे गए. इसके बाद स्थिति हरियाणा के कुछ जिलों में भी ऐसी देखने को मिली. हालांकि हरियाणा में कोई लॉकडाउन नहीं है, लेकिन मजदूरों के मन में एक डर है कि लॉकडाउन लग गया तो फिर क्या होगा.
कोरोना की जो तस्वीर पिछले साल देखने को मिली थी. उसकी पहली झलक इस बार फिर से दिखनी शुरू हो गई है, कोरोना के डर को पीछे छोड़ते हुए प्रवासी मजदूर पैदल पंजाब से बिहार तक का सफर तय करते हुए नज़र आए. कोई साइकिल पर जा रहा था तो कोई किसी से मदद मांगकर, जिसको जो मिल जाता वो उसी पर बैठ जाता. अब एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दी हुई है, कोरोना के चलते दिल्ली में एक हफ्ते का लॉकडाउन है, प्रवासी मजदूर घर जा रहे हैं.
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ऐसे में करनाल में भी प्राइवेट बसों में मजदूर अपने घर निकलते हुए नजर आ रहे हैं, हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कह दिया है कि राज्य सरकारें लॉकडाउन को आखरी विकल्प रखें, प्रशासन भी प्रवासी मजदूरों को समझा रहा है कि कोई लॉकडाउन नहीं लगेगा सब सही है. आप अपना काम करें जहां कर रहे हैं, लेकिन प्रवासी मजदूरों में डर है कि लॉक डाउन लग गया तो फिर यहीं रहना पड़ जाएगा, इसलिए घर जाकर अपने परिवार वालों के पास तो रहेंगे.
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हालांकि मजदूर अपनी सुरक्षा के लिए पलायन करने लगे हैं, लेकिन मजदूरों पलायन राज्य सरकारों के लिए मुसीबत साबित हो सकता है. ऐसे में अगर प्रवासियों का पलायन नहीं रुका तो आने वाले कुछ दिनों में गुरुग्राम की औद्योगिक इकाइयों में मजदूरों की कमी हो सकती है. जिससे ना ही उन्हें नुकसान होगा बल्कि प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था पर भी संकट आ सकता है.
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