ETV Bharat / state

करनाल के स्टूडेंट्स ने किया कमाल, अंतरिक्ष में 8 क्षुद्र ग्रहों की खोज की, नासा ने चुना सिटीजन साइंटिस्ट - दयाल सिंह पब्लिक स्कूल

Students Discovered Asteroids : करनाल के स्टूडेंट्स ने अंतरिक्ष में एक दिलचस्प खोज की है, जिसकी चर्चा चारों तरफ है. अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा ने करनाल के इन स्कूली स्टूडेंट्स को सिटीजन साइंटिस्ट भी चुना है.

Students Discovered Asteroids Nasa iasc Shudragrah Karnal Haryana News
अंतरिक्ष में आठ क्षुद्र ग्रहों की खोज
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 6, 2023, 10:59 PM IST

अंतरिक्ष में आठ क्षुद्र ग्रहों की खोज

करनाल : हरियाणा के करनाल को फेसम एस्ट्रोनॉट कल्पना चावला के लिए भी जाना जाता है जिन्होंने छोटे से शहर से निकलकर नासा के जरिए अंतरिक्ष का सफर किया था. करनाल के बच्चों में स्पेस एक्सप्लोरेशन को लेकर काफी ज्यादा उत्सुकता रहती है. ऐसे में अब यहां के एक स्कूल के बच्चों ने एक, दो नहीं बल्कि आठ क्षुद्रग्रहों की खोज करके जिले का एक बार फिर से नाम रौशन किया है.

आठ क्षुद्र ग्रहों की खोज : दरअसल अंतरिक्ष में आठ क्षुद्र ग्रहों की खोज करने में करनाल के दयाल सिंह पब्लिक स्कूल के स्कूली छात्रों के ग्रुप ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. कुल 86 छात्रों के ग्रुप ने अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा के सहयोग से रिसर्च का काम करते हुए अंतरिक्ष में आठ नए क्षुद्र ग्रहों की खोज की. खोजे गए क्षुद्रग्रह ब्रह्मांड में पृथ्वी की तरफ बढ़ रहे है. नासा ने इन क्षुद्र ग्रहों की खोज को बेहद महत्वपूर्ण माना है क्योंकि इनके धरती से टकराने की आशंका हमेशा से बनी रहती है. छात्रों की ये खोज एस्ट्रॉयड की पृथ्वी से टक्कर को रोकने और उनकी दिशा बदलने में नासा को अहम मदद देने वाली है जिसके चलते नासा ने भी इनकी सराहना की है. अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा ने करनाल के इन स्कूली स्टूडेंट्स को सिटीजन साइंटिस्ट चुना है. इसके बाद ये आगे भी इस पर अपनी रिसर्च जारी रखेंगे.

स्टूडेंट्स का सम्मान : रिसर्च में शामिल छात्र और स्कूल प्रबंधन इस सफलता पर खासे उत्साहित हैं. इस उपलब्धि पर छात्रों के सम्मान के लिए स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमें एडीसी वैशाली शर्मा भी शामिल हुई. इस दौरान एडीसी वैशाली शर्मा ने क्षुद्रग्रहों के खोज के लिए स्टूडेंट्स को सम्मानित किया है.

भारत से जोड़कर होगा नामकरण : करनाल के बच्चों की इस खोज के बाद 8 क्षुद्र ग्रहों का नामकरण भी छात्रों के नाम और भारत से जोड़कर ही किया जाएगा. आपको बता दें कि क्षुद्रग्रह आम ग्रहों की तरह ही होते हैं, लेकिन उनका आकार ग्रहों की तुलना में काफी ज्यादा छोटा होता है. ये आमतौर पर मंगल और बृहस्पति ग्रह के आस-पास रहते हुए सूर्य का चक्कर लगाते हैं. कभी-कभी ये गुरुत्वाकर्षण बल से आजाद हो जाते हैं और धरती की ओर भी चले आते हैं.

ये भी पढ़ें : पिता के संघर्ष से शिखर पर पहुंची डॉक्टर अंशु कुमारी, नासा में वैज्ञानिक के रूप में चयन

अंतरिक्ष में आठ क्षुद्र ग्रहों की खोज

करनाल : हरियाणा के करनाल को फेसम एस्ट्रोनॉट कल्पना चावला के लिए भी जाना जाता है जिन्होंने छोटे से शहर से निकलकर नासा के जरिए अंतरिक्ष का सफर किया था. करनाल के बच्चों में स्पेस एक्सप्लोरेशन को लेकर काफी ज्यादा उत्सुकता रहती है. ऐसे में अब यहां के एक स्कूल के बच्चों ने एक, दो नहीं बल्कि आठ क्षुद्रग्रहों की खोज करके जिले का एक बार फिर से नाम रौशन किया है.

आठ क्षुद्र ग्रहों की खोज : दरअसल अंतरिक्ष में आठ क्षुद्र ग्रहों की खोज करने में करनाल के दयाल सिंह पब्लिक स्कूल के स्कूली छात्रों के ग्रुप ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. कुल 86 छात्रों के ग्रुप ने अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा के सहयोग से रिसर्च का काम करते हुए अंतरिक्ष में आठ नए क्षुद्र ग्रहों की खोज की. खोजे गए क्षुद्रग्रह ब्रह्मांड में पृथ्वी की तरफ बढ़ रहे है. नासा ने इन क्षुद्र ग्रहों की खोज को बेहद महत्वपूर्ण माना है क्योंकि इनके धरती से टकराने की आशंका हमेशा से बनी रहती है. छात्रों की ये खोज एस्ट्रॉयड की पृथ्वी से टक्कर को रोकने और उनकी दिशा बदलने में नासा को अहम मदद देने वाली है जिसके चलते नासा ने भी इनकी सराहना की है. अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा ने करनाल के इन स्कूली स्टूडेंट्स को सिटीजन साइंटिस्ट चुना है. इसके बाद ये आगे भी इस पर अपनी रिसर्च जारी रखेंगे.

स्टूडेंट्स का सम्मान : रिसर्च में शामिल छात्र और स्कूल प्रबंधन इस सफलता पर खासे उत्साहित हैं. इस उपलब्धि पर छात्रों के सम्मान के लिए स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमें एडीसी वैशाली शर्मा भी शामिल हुई. इस दौरान एडीसी वैशाली शर्मा ने क्षुद्रग्रहों के खोज के लिए स्टूडेंट्स को सम्मानित किया है.

भारत से जोड़कर होगा नामकरण : करनाल के बच्चों की इस खोज के बाद 8 क्षुद्र ग्रहों का नामकरण भी छात्रों के नाम और भारत से जोड़कर ही किया जाएगा. आपको बता दें कि क्षुद्रग्रह आम ग्रहों की तरह ही होते हैं, लेकिन उनका आकार ग्रहों की तुलना में काफी ज्यादा छोटा होता है. ये आमतौर पर मंगल और बृहस्पति ग्रह के आस-पास रहते हुए सूर्य का चक्कर लगाते हैं. कभी-कभी ये गुरुत्वाकर्षण बल से आजाद हो जाते हैं और धरती की ओर भी चले आते हैं.

ये भी पढ़ें : पिता के संघर्ष से शिखर पर पहुंची डॉक्टर अंशु कुमारी, नासा में वैज्ञानिक के रूप में चयन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.