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महामारी में मुनाफाखोरी! रेट तय करने के बाद भी मरीजों से मनमानी वसूली कर रहे निजी अस्पताल - हरियाणा प्राइवेट अस्पताल मनमानी

हरियाणा सरकार ने एक बड़ी राहत देते हुए कोरोना इलाज को लेकर रेट तय किए हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या हरियाणा सरकार के इस आदेश पर निजी अस्पताल अमल कर रहे हैं. ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने सीएम सिटी करनाल में पड़ताल की.

corona treatment rate fix haryana
हरियाणा सरकार ने तय की प्राइवेट अस्पतालों की रेट लिस्ट
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Published : May 19, 2021, 8:53 PM IST

Updated : May 19, 2021, 9:22 PM IST

चंडीगढ़/करनाल: हरियाणा में बढ़ते कोरोना मरीजों के साथ ही अस्पतालों की मनमानी भी बढ़ रही है. ऐसे कई मामले सामने आ रहे है, जहां देखा गया कि प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों के इलाज के नाम पर ज्यादा रुपये वसूल रहे हैं. ऐसे में इन प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से बड़ा फैसला लिया गया. हरियाणा सरकार ने ना सिर्फ कोरोना मरीजों के इलाज के रेट तय किए बल्कि ओवरचार्जिंग करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई करने के भी आदेश भी जारी किए.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या हरियाणा सरकार के इस आदेश पर निजी अस्पताल अमल कर रहे हैं. ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने सीएम सिटी करनाल में पड़ताल की. सबसे पहले हमने कुछ स्थानीय लोगों से बात की. जिन्होंने बताया कि सरकार का ये फैसला सिर्फ कागजी है, क्योंकि असल में तो अभी भी उनसे ज्यादा रुपये वसूले जा रहे हैं.

हरियाणा में नहीं चलेगी इलाज के नाम पर लूट!

स्थानीय निवासी विजय शर्मा ने बताया कि कुछ दिनों पहले उनके परिवार के एक बुजुर्ग को कोरोना के चलते करनाल के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां से उन्हें चंडीगढ़ रेफर किया गया था. ऐसे में जब एंबुलेंस संचालकों से संपर्क किया गया तो उन्होंने चंडीगढ़ जाने के लिए 10 से 15 हजार रुपये देने की डिमांड की, जो कि तय रेट से काफी गुणा ज्यादा है.

corona treatment rate fix haryana
आयुष्मान भारत योजना (ABY) से मान्यता प्राप्त अस्पतालों की रेट लिस्ट

ये भी पढ़िए: निजी अस्पताल कोरोना इलाज के लिए ज्यादा पैसे वसूले तो यहां करें शिकायत, सरकार ने तय कर दिए हैं रेट

इसके अलावा राजेश नाम के शख्स ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार को कोरोना के चलते निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था. जहां उन्हें 3 से 4 दिन आईसीयू में रखा गया. ऐसे में अस्पताल में उन्हें इलाज के नाम पर डेढ़ लाख रुपये का बिल बना दिया था. राजेश ने ये भी बताया कि आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी अस्पताल ने कार्ड के तहत इलाज नहीं किया था.

ये भी पढ़िए: ईटीवी की पड़ताल: रंग लाई सरकार की डोर-टू-डोर ऑक्सीजन सप्लाई की योजना, जानें मरीज कैसे ले सकते हैं लाभ

जब इस बारे में करनाल के सीएमओ डॉ. योगेश शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि करनाल में भी हरियाणा सरकार के आदेशों के तहत ही सभी प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना इलाज के रेट फिक्स किए गए हैं. अभी तय रेट से ज्यादा रुपये लेने की शिकायत नहीं आई है. अगर ऐसी शिकायत आती है तो अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्स से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़िए: कोरोना महामारी में आसमान छूने लगे ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेटर के दाम, जानें कैसे हैं अंबाला के हालात

एक तरफ जहां हरियाणा सरकार प्राइवेट अस्पतालों के दाम तय कर चुकी है तो वहीं प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी के मामले सामने आते रहे हैं. खुद पंचकूला से विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने पंचकूला के एक निजी अस्पताल की ओर से अधिक पैसे वसूलने के दो से तीन मामले सामने रखे थे. उन्होंने इसे लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भी लिखा है. वहीं हरियाणा के स्वास्थ्य और गृह मंत्री अनिल विज ने शिकायत पर कहा कि अस्पतालों के खिलाफ कोई भी शिकायत मिलती है तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

चंडीगढ़/करनाल: हरियाणा में बढ़ते कोरोना मरीजों के साथ ही अस्पतालों की मनमानी भी बढ़ रही है. ऐसे कई मामले सामने आ रहे है, जहां देखा गया कि प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों के इलाज के नाम पर ज्यादा रुपये वसूल रहे हैं. ऐसे में इन प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से बड़ा फैसला लिया गया. हरियाणा सरकार ने ना सिर्फ कोरोना मरीजों के इलाज के रेट तय किए बल्कि ओवरचार्जिंग करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई करने के भी आदेश भी जारी किए.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या हरियाणा सरकार के इस आदेश पर निजी अस्पताल अमल कर रहे हैं. ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने सीएम सिटी करनाल में पड़ताल की. सबसे पहले हमने कुछ स्थानीय लोगों से बात की. जिन्होंने बताया कि सरकार का ये फैसला सिर्फ कागजी है, क्योंकि असल में तो अभी भी उनसे ज्यादा रुपये वसूले जा रहे हैं.

हरियाणा में नहीं चलेगी इलाज के नाम पर लूट!

स्थानीय निवासी विजय शर्मा ने बताया कि कुछ दिनों पहले उनके परिवार के एक बुजुर्ग को कोरोना के चलते करनाल के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां से उन्हें चंडीगढ़ रेफर किया गया था. ऐसे में जब एंबुलेंस संचालकों से संपर्क किया गया तो उन्होंने चंडीगढ़ जाने के लिए 10 से 15 हजार रुपये देने की डिमांड की, जो कि तय रेट से काफी गुणा ज्यादा है.

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आयुष्मान भारत योजना (ABY) से मान्यता प्राप्त अस्पतालों की रेट लिस्ट

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इसके अलावा राजेश नाम के शख्स ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार को कोरोना के चलते निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था. जहां उन्हें 3 से 4 दिन आईसीयू में रखा गया. ऐसे में अस्पताल में उन्हें इलाज के नाम पर डेढ़ लाख रुपये का बिल बना दिया था. राजेश ने ये भी बताया कि आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी अस्पताल ने कार्ड के तहत इलाज नहीं किया था.

ये भी पढ़िए: ईटीवी की पड़ताल: रंग लाई सरकार की डोर-टू-डोर ऑक्सीजन सप्लाई की योजना, जानें मरीज कैसे ले सकते हैं लाभ

जब इस बारे में करनाल के सीएमओ डॉ. योगेश शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि करनाल में भी हरियाणा सरकार के आदेशों के तहत ही सभी प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना इलाज के रेट फिक्स किए गए हैं. अभी तय रेट से ज्यादा रुपये लेने की शिकायत नहीं आई है. अगर ऐसी शिकायत आती है तो अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्स से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़िए: कोरोना महामारी में आसमान छूने लगे ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेटर के दाम, जानें कैसे हैं अंबाला के हालात

एक तरफ जहां हरियाणा सरकार प्राइवेट अस्पतालों के दाम तय कर चुकी है तो वहीं प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी के मामले सामने आते रहे हैं. खुद पंचकूला से विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने पंचकूला के एक निजी अस्पताल की ओर से अधिक पैसे वसूलने के दो से तीन मामले सामने रखे थे. उन्होंने इसे लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भी लिखा है. वहीं हरियाणा के स्वास्थ्य और गृह मंत्री अनिल विज ने शिकायत पर कहा कि अस्पतालों के खिलाफ कोई भी शिकायत मिलती है तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

Last Updated : May 19, 2021, 9:22 PM IST

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