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करनाल:सार्वजनिक शौचालय बने सफेद हाथी, नगर निगम ने डर कर लगाया ताला

करनाल नगर निगम ने सामान चोरी होने के डर से शौचालयों पर ताला जड़ दिया है. जन सुविधा के लिए बनाए गए शौचालयों पर ताला लगा है. शहर में करीब 15 से 20 शौचालय ऐसे हैं जो बंद है, जिसके गेट पर ताला लगा है.

public toilets locked in karnal
ऐसे सुधरेगी स्वच्छ सर्वेंक्षण की रैंकिंग !
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Published : Dec 4, 2019, 3:31 PM IST

करनाल: सीएम सिटी करनाल को स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रैंकिंग में टॉप 10 में पहुंचाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन नतीजे अभी से ढाक के तीन पात नजर आ रहे हैं. करनाल के ज्यादातर शौचालयों पर ताला लगा है और बाहर गंदगी का अंबार लगा है.

करनाल में शौचायलों पर लटके ताले
ईटीवी भारत की टीम ने जब पड़ताल की तो पाया कि शहर के अधिकांश शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं. जिस वजह से लोग शौचालय के बाहर ही शौच करने को मजबूर हैं. ये आलम तब है जब साल 2019 में करनाल ने पूरे देश की स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में 24 वां और प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया था.

ऐसे सुधरेगी स्वच्छता सर्वेंक्षण की रैंकिंग !
ईटीवी भारत के संवादाता ने स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि नगर निगम सिर्फ खानापूर्ति करता है. शौचालय बंद हैं और बाहर गंदगी का आलम है. लोगों ने कहा कि ये शौचालय सिर्फ सफेद हाथी हैं, जो नेताओं के आने से पहले ही खोले जाते हैं. शौचालय खोलने के लिए नगर निगम को अपनी सोच बदलनी होगी और व्यवस्था को ठीक करना होगा.

सार्वजनिक शौचालय बने सफेद हाथी

शहर के 15 से 20 शौचालय हैं बंद
बता दें कि करनाल नगर निगम ने सामान चोरी होने के डर से शौचालयों पर ताला जड़ दिया है. जन सुविधा के लिए बनाए गए शौचालयों पर ताला लगा है. शहर में करीब 15 से 20 शौचालय ऐसे हैं जो बंद है, जिनकी गेटों पर ताला लगा है.

ये भी पढ़िए: 1 रुपये में कर्मचारी करते हैं पोस्टमॉर्टम का काम, कांट-छांट करने के लिए पीनी पड़ती है शराब

क्या बोले नगर निगम आयुक्त ?

वहीं जब इस बारे में करनाल नगर निगम आयुक्त निशांत यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे संज्ञान में ये बात आ चुकी है और नगर निगम इसके लिए एक टेंडर निकाल रहा है. जिसके तहत नगर में लगभग 180 कम्युनिटी और पब्लिक टॉयलेट के रखरखाव और साफ-सफाई की व्यवस्था को देखने के लिए कंपनी को टेंडर दिया जाएगा. जिसके बाद से उसकी जिम्मेदारी रहेगी. टेंडर प्रतिक्रिया शुरू कर दी गई है.

करनाल: सीएम सिटी करनाल को स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रैंकिंग में टॉप 10 में पहुंचाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन नतीजे अभी से ढाक के तीन पात नजर आ रहे हैं. करनाल के ज्यादातर शौचालयों पर ताला लगा है और बाहर गंदगी का अंबार लगा है.

करनाल में शौचायलों पर लटके ताले
ईटीवी भारत की टीम ने जब पड़ताल की तो पाया कि शहर के अधिकांश शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं. जिस वजह से लोग शौचालय के बाहर ही शौच करने को मजबूर हैं. ये आलम तब है जब साल 2019 में करनाल ने पूरे देश की स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में 24 वां और प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया था.

ऐसे सुधरेगी स्वच्छता सर्वेंक्षण की रैंकिंग !
ईटीवी भारत के संवादाता ने स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि नगर निगम सिर्फ खानापूर्ति करता है. शौचालय बंद हैं और बाहर गंदगी का आलम है. लोगों ने कहा कि ये शौचालय सिर्फ सफेद हाथी हैं, जो नेताओं के आने से पहले ही खोले जाते हैं. शौचालय खोलने के लिए नगर निगम को अपनी सोच बदलनी होगी और व्यवस्था को ठीक करना होगा.

सार्वजनिक शौचालय बने सफेद हाथी

शहर के 15 से 20 शौचालय हैं बंद
बता दें कि करनाल नगर निगम ने सामान चोरी होने के डर से शौचालयों पर ताला जड़ दिया है. जन सुविधा के लिए बनाए गए शौचालयों पर ताला लगा है. शहर में करीब 15 से 20 शौचालय ऐसे हैं जो बंद है, जिनकी गेटों पर ताला लगा है.

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क्या बोले नगर निगम आयुक्त ?

वहीं जब इस बारे में करनाल नगर निगम आयुक्त निशांत यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे संज्ञान में ये बात आ चुकी है और नगर निगम इसके लिए एक टेंडर निकाल रहा है. जिसके तहत नगर में लगभग 180 कम्युनिटी और पब्लिक टॉयलेट के रखरखाव और साफ-सफाई की व्यवस्था को देखने के लिए कंपनी को टेंडर दिया जाएगा. जिसके बाद से उसकी जिम्मेदारी रहेगी. टेंडर प्रतिक्रिया शुरू कर दी गई है.

Intro:स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में टॉप 10 में शामिल होने के लिए करनाल नगर निगम सपना संजोए हुए लेकिन फिर वही ढाक के तीन पात अधिकांश शौचालयों पर लटके हुए हैं ताले स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर जब टीम सर्वे के लिए आती है उससे ठीक पहले खुल जाते हैं यह ताले और टीम के जाने के बाद फिर से लग जाते हैं काले ऐसा क्यों निगम इस व्यवस्था को आगे दुरुस्त करने की कर रहा है बात , बड़ी हैरान कर देने वाली बात है कि इन हालातों में वर्ष 2019 में करनाल ने पूरे देश में स्वच्छ सर्वेक्षण की नजर से अगर 24 वां और प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया तो कैसे किया??? विषय विचलित करने वाला है ।


Body:ईटीवी भारत की टीम ने मामले की पड़ताल की और पाया कि शहर में अधिकांश शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं जिस कारण लोग शौचालय के बाहर ही शौच करने को मजबूर है । उधर नगर निगम समान चोरी के डर से शौचालय पर ताला जड़ देता है। ऐसे में सवाल उठता है कि निगम की यह व्यवस्था क्या वाजिब है ??जन सुविधा के लिए बनाए शौचालयों पर ताला क्यों लगाया जा रहा है ?? शहर में अलग-अलग जगह पर 15 से 20 शौचालय ऐसे मिले हैं जिन पर ताला लगाया गया है जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने भी रोष जाहिर किया है ।


Conclusion: लोगों से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस प्रकार की सुविधा का क्या लाभ । बंद शौचालय के बाहर गंदगी का आलम है । यह शौचालय सिर्फ सफेद हाथी है । शौचालय खोलने के लिए निगम को अपनी सोच बदलनी होगी और व्यवस्था को ठीक करना होगा ।

वही जब इसके बारे में करनाल नगर निगम आयुक्त निशांत यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे संज्ञान में यह बात आ चुकी है और नगर निगम इसके लिए एक टेंडर निकाल रहा है जिसके तहत नगर में लगभग 180 कम्युनिटी व पब्लिक टॉयलेट के रखरखाव व साफ-सफाई की व्यवस्था को देखने के लिए कंपनी को टेंडर दिया जाएगा जिसके बाद से उसकी जिम्मेदारी रहेगी । इसके लिए टेंडर प्रतिक्रिया शुरू कर दी गई है । आने वाली 10 दिसंबर तक कंपनी की इनरोलमेंट हो जाएगी जिसके बाद आगे कोई भी दिक्कत नहीं आएगी ।

one-to-one - सतपाल गर्ग आम नागरिक
बाईट - निशांत यादव - नगर निगम आयुक्त
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