करनाल: सीएम सिटी करनाल को स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रैंकिंग में टॉप 10 में पहुंचाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन नतीजे अभी से ढाक के तीन पात नजर आ रहे हैं. करनाल के ज्यादातर शौचालयों पर ताला लगा है और बाहर गंदगी का अंबार लगा है.
करनाल में शौचायलों पर लटके ताले
ईटीवी भारत की टीम ने जब पड़ताल की तो पाया कि शहर के अधिकांश शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं. जिस वजह से लोग शौचालय के बाहर ही शौच करने को मजबूर हैं. ये आलम तब है जब साल 2019 में करनाल ने पूरे देश की स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में 24 वां और प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया था.
ऐसे सुधरेगी स्वच्छता सर्वेंक्षण की रैंकिंग !
ईटीवी भारत के संवादाता ने स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि नगर निगम सिर्फ खानापूर्ति करता है. शौचालय बंद हैं और बाहर गंदगी का आलम है. लोगों ने कहा कि ये शौचालय सिर्फ सफेद हाथी हैं, जो नेताओं के आने से पहले ही खोले जाते हैं. शौचालय खोलने के लिए नगर निगम को अपनी सोच बदलनी होगी और व्यवस्था को ठीक करना होगा.
शहर के 15 से 20 शौचालय हैं बंद
बता दें कि करनाल नगर निगम ने सामान चोरी होने के डर से शौचालयों पर ताला जड़ दिया है. जन सुविधा के लिए बनाए गए शौचालयों पर ताला लगा है. शहर में करीब 15 से 20 शौचालय ऐसे हैं जो बंद है, जिनकी गेटों पर ताला लगा है.
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क्या बोले नगर निगम आयुक्त ?
वहीं जब इस बारे में करनाल नगर निगम आयुक्त निशांत यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे संज्ञान में ये बात आ चुकी है और नगर निगम इसके लिए एक टेंडर निकाल रहा है. जिसके तहत नगर में लगभग 180 कम्युनिटी और पब्लिक टॉयलेट के रखरखाव और साफ-सफाई की व्यवस्था को देखने के लिए कंपनी को टेंडर दिया जाएगा. जिसके बाद से उसकी जिम्मेदारी रहेगी. टेंडर प्रतिक्रिया शुरू कर दी गई है.