करनाल: भारत जैसे देश में लाखों लोग ऐसे हैं जो नौकरी करना पसंद नहीं करते. ऐसे लोग लाखों की नौकरी और ठाठ-बाट छोड़कर वापस लौट आते हैं. फिर वो काम करते हैं जिसे वो दिल से चाहते हैं. ऐसी ही एक कहानी है करनाल के निर्मल सिंह (Nirmal Singh Farmer) की. आम इंसान की तरह उन्होंने भी पढ़ाई-लिखाई की. इसके बाद पुलिस में उनकी नौकरी भी लग गई. तीन से चार साल काम करने के बाद उनका नौकरी से मन ऊब गया. निर्मल सिंह ने फिर गांव लौटकर पशु पालन का काम शुरू किया.
आज की तारीख में निर्मल सिंह एचएफ नस्ल की गायों का डेयरी फार्म (Nirmal Singh HF Breed Cow dairy) चला रहे हैं. साल 2016 में निर्मल सिंह ने एचएफ नस्ल की दो गाय खरीदी. आज उनके पास करीब बच्चों समेत 120 गाय हैं. निर्मल सिंह के मुताबिक वो इस काम में करीब 2 करोड़ रुपये इनवेस्ट कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि उनकी डेयरी फार्म में करीब 200 गायों को रखने की क्षमता है. फिलहाल उनके पास छोटी-बड़ी मिलाकर 120 गाय हैं. जो मौजूदा समय में 1 दिन में लगभग 800 लीटर दूध देती हैं.
निर्मल ने बताया कि गर्मियों में दूध की मात्रा थोड़ी कम हो जाती है. सर्दियों में 1 दिन में वो इन गायों से 1500 से 2000 लीटर तक दूध लेते हैं. एक गाय दिन में 55 लीटर तक दूध भी देती है. वहीं 15 ऐसी गाय हैं जो दिन में 50 लीटर तक दूध देती हैं. एवरेज 40 रुपये लीटर उनका दूध बेचा जाता है. निर्मल सिंह का डेयरी फार्म सैमी ऑटो फार्म है. जिसमें मशीनों से दूध निकाला जाता है और मशीनों से ही चारा फिड गाय को डाला जाता है.
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निर्मल सिंह ने कहा कि वो समय-समय पर पशुपालकों के लिए सेमिनार भी लगाते रहते हैं. जिसमें अगर कोई नया किसान डेयरी फार्म शुरू करना चाहता है तो उसको पूरी जानकारी दी जा सके. उन्होंने कहा कि कुछ महीनों से फीड का रेट बढ़ने के कारण थोड़ा खर्चा ज्यादा हो गया है. सरकार से अपील करते हुए निर्मल ने कहा कि जो अच्छे और रजिस्टर्ड पशुपालक हैं. उनके लिए फील्ड में कुछ सब्सिडी दी जाए, ताकि वो अपने फार्म को अच्छे से चला सकें और शुद्ध दूध पीने के लिए लोगों को दिया जा सके.
निर्मल सिंह ने कहा कि उसने अपने फार्म पर पशु चिकित्सक को लगाया हुआ है. जो हर दिन 2 घंटे यहां पर गाय के स्वास्थ्य के संबंधित काम करके जाते हैं. समय-समय पर गाय को वैक्सीनेशन भी लगाई जाती है. दूध देने वाली गाय को दूध के अनुसार ही फीड दी जाती है. चारा भी दूध के अनुसार ही दिया जाता है. जो छोटे बच्चे होते हैं उनके रहने का स्थान अलग होता है और जो दूध देने वाली गाय की कैटेगरी होती है. उसके आधार पर ही अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं.
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उन्होंने कहा कि अगर कोई किसान डेयरी फार्म की शुरूआत करना चाहता है तो वो शुरुआती समय में काम थोड़े पशुओं से शुरू कर सकता है. जैसे-जैसे उसको फार्म का हिसाब आने लग जाता है तो वो अपनी गायों की संख्या बढ़ा सकता है. ये काफी अच्छा व्यवसाय है. जिसमें किसान अपने घर पर रहकर ही लाखों रुपये महीना कमा सकते हैं. निर्मल सिंह ने कहा कि जो भी काम आप करना चाहते हो. उसे लगन और मेहनत के साथ करना चाहिए. इससे सफलता आपको जरूर मिलेगी.