करनाल: हरियाणा में बड़े स्तर पर धान की खेती की जाती है. किसान आने वाली फसल धान के रूप में लगाने को तैयार है. तो वहीं किसान को धान रोपने से पहले उसकी नर्सरी को तैयार करता है. लकिन नर्सरी में डालने के लिए बीज के असली नकली को पहचान करना बहुत ही मुश्किल है. क्योंकि मौजूदा समय में मार्केट में काफी नकली बीज आए हुए हैं. जिनका शुरुआत में उत्पादन काफी बता दिया जाता है, लेकिन जब किसान की फसल पककर तैयार होती है. तब उसमें एक किसान को कई बार भारी नुकसान उठाना पड़ता है.
पिछले वर्ष किसानों के सामने एक बड़ी समस्या आई हुई थी कि किसानों ने नए बीज अपने खेत में लगाया था और बहुत ज्यादा किसानों के धान के पौधे पर बाली नहीं आई. जिसे उनको काफी नुकसान हुआ, जब वह कृषि अधिकारी के पास गए. तो उनके पास बीज खरीदने का पक्का भी नहीं था. जिसके चलते उनको मुआवजा भी नहीं मिल पाया. तो ऐसे में किसान असली नकली बीज की पहचान कैसे करें हम आपको बताएंगे.
दुकानदार की बातों में ना आए किसान: किसानों के लिए धान की फसल बहुत अहम मानी जाती है. जिसको रोपने के लिए किसान को पहले नर्सरी तैयार करनी होती है. लेकिन उसमे जो बीज डालते है, किसान उसको खरीदने में हिचक रहे हैं. क्योकि बाजार में आजकल नकली बीज बहुत आये हुए हैं और किसान दुकानदार की बातों में आकर उस बीज को खरीद लेते हैं. जिसका खामियाजा उनको धान की कम पैदावार के रूप में देना पड़ता है. किसान चाह कर भी बाद में दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं करवा सकता. क्योकि किसान के पास दुकानदार से बीज लेने का कोई सबूत नहीं होता.
मान्यता प्राप्त दुकान से खरीदें बीज: डॉ. वज़ीर सिंह आज हमे बता रहे हैं, कि किसान को बीज लेते समय किन किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे बीज के असली नकली की पहचान करनी चाहिए. सबसे पहले किसान को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दुकान से ही धान का बीज लेना चाहिए. बाजार में परमल धान व बासमती धान दोनों बहुत किस्मों में मिलती है. किसान की नये बीज की अपेक्षा पुराने विश्वास वाला बीज लेना चाहिए.
नकली बीज बेचने वालों से सतर्क: आजकल ऐसे बहुत से दुकानदार बैठे हैं, जो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है. उसके बावजूद भी धान का बीज बेच रहे हैं. हालांकि समय-समय पर कृषि विभाग की तरफ से इन पर कार्रवाई की जाती है. लेकिन फिर भी पैसा कमाने के चक्कर में है. लोग सरकार व कृषि विभाग की नजरों से बच के बीज बेच रहे हैं. इनके पास कोई प्रमाणित बीज नहीं होता. क्योंकि कैसी हो बाद ही मैं बीच की प्रमाणिकता देती है. ऐसे में किसान भाइयों को चाहिए कि वह सरकार द्वारा अधिकृत दुकान से ही बीज की खरीद करें, सबसे अच्छा होगा कि वह सरकारी दुकान से ही बीज खरीदें.
बीज लेते समय बिल भी मांगे: अक्सर कई बार देखने को मिलता है कि किसान बाजार से बीज ले आते हैं और बाद में जब उसकी पैदावार कम निकलती है. तो पता लगता है कि यह भी सही नहीं था और उस समय किसान के पास उसके बीज का पक्का बिल भी नहीं होता. जिससे किसान को नुकसान उठाना पड़ता है. सबसे अहम बात वो ये है कि किसानों को बीज लेते समय उसका पक्का बिल दुकानदार से लेना चाहिए. ताकि नकली बीज निकलने पर वह बाद में क्लेम कर सके.
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बीज की पहचान करना जरूरी: कृषि अधिकारी बताते हैं कि जब भी किसान किसी दुकान पर बीज खरीदने के लिए जाते हैं. तो वह पैकेट देकर बीज ना खरीदें. किसान को बीज लेते हुए बीज का पैकेट भी खोल कर देखना चाहिए कि वह बीज जो वो ले रहा है. उसमे कोई काला दाना तो नहीं और सब दाने साइज में एक जैसे होने चाहिए और न ही उनमे कोई नमी हो. अगर उसमें नमी या काला दाना या फिर छोटा बड़ा दाना है, तो उस बीज को लेने से परहेज करें.
बीज खरीदते समय सावधान: कृषि अधिकारी ने बताया कि कई बार किसान बीज भी अच्छा लेकर आ जाते हैं. उसके बावजूद भी उनकी पैदावार अच्छी नहीं होती या फिर उनकी जो नर्सरी उनके द्वारा लगाई गई है. वह अच्छी तैयार नहीं होती इसके लिए किसान भाइयों को चाहिए कि जो भी बीज वह खरीद कर लेकर आए हैं. नर्सरी रोपाई से पहले बीज को पानी में अच्छे से धो लें. इससे जो बीज कमजोर है वो पानी के ऊपर आ जाएगा. अच्छा बीच पानी में डूब जाएगा. इसके अलावा बीज में फंग होगा तो वो भी निकल जाएगा. इससे बीज का अच्छा जमाव होता है.