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करनाल में मनाया जा रहा 31वां सड़क सुरक्षा सप्ताह, लोगों को किया जा रहा जागरूक - करनाल में रोड सेफ्टी पर जागरूक लोग

करनाल सहित पूरे हरियाणा में रोड सेफ्टी सप्ताह मनाया जा रहा है. 31वें रोड सेफ्टी सप्ताह के तहत लोगों को सड़क नियमों के बारे में जागरुक किया जा रहा है. स्कूल और कॉलेज में जाकर छात्रों के साथ आम लोगों को भी जागरुक किया जा रहा है. साथ ही जो स्कूली ड्राइवर इन नियमों के मानकों को पूरा कर रहे हैं, उनको सम्मानित किया जा रहा है.

karnal road safety week
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Published : Jan 15, 2020, 2:14 AM IST

करनाल: हर साल देश में बहुत से लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवां देते हैं. कई हादसे शराब पीकर गाड़ी चलाने से होते हैं, तो कई बार जान इसलिए भी चली जाती है कि लोगों ने सीट बेल्ट नहीं लगाई होती या बाइक पर हेलमेट नहीं पहना होता. कभी-कभी ये लोग ट्रैफिक नियमों का भी पालन नहीं करते.

करनाल में सड़क सुरक्षा सप्ताह

करनाल में 31वां सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है, ये सप्ताह 11 जनवरी से 17 जनवरी तक मनाया जा रहा है. इसमें सभी स्कूलों की बसें चेक की जा रही हैं. ये भी चेक किया जा रह है कि क्या ये बसें सड़क नियमों के मानकों पर खरी उतर रही हैं या नहीं? सभी स्कूलों के ड्राइवर और कंडक्टर को समझाया जा रहा है कि गाड़ी की रफ्तार कितनी रखनी है? साथ ही स्कूली बस चालकों को सड़क के किन-किन नियमों का पालन करना चाहिए.

करनाल में मनाया जा रहा 31वां सड़क सुरक्षा सप्ताह, देखें वीडियो

सड़क सुरक्षा के नियमों को लेकर पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह भौरिया ने करनाल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा भौरिया ने कहा किसड़क सुरक्षा एक बहुत गंभीर मसला है. इसके लिए आम लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है. देश में इतने लोग महामारी से नहीं मरते, इतने लोग विश्व युद्ध में नहीं मरे, जितने लोग हर साल सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गवां रहे हैं.

लोगों को जागरुक कर रही पुलिस

उनका कहना है कि लोगों का चालान काटना पुलिस का मकसद नहीं होता, सिर्फ लोगों को जागरूक करने और नियमों का पालन करवाने के लिए प्रेरित करना पुलिस का असली मकसद है. प्रशासन चाहता है हादसे कम हों और लोगों की जान ना जाए. इसके लिए पुलिस प्रशासन स्कूल, कॉलेज में जाकर बच्चों को जागरूक करना या फिर नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को समझाया जाएगा.

ये भी पढ़ें:- 'बिजली निगम में होगा बड़ा बदलाव, अब पूरे हरियाणा में लगेंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर'

लोगों को किया गया जागरुक

प्रशासन की तरफ से रोड सेफ्टी कार्यक्रम में जो अलग-अलग स्कूलों की बस आई थी. उसमें फर्स्ट एड बॉक्स चेक किया गया. GPS सिस्टम के अलावा और तमाम चीजें देखी गई, जो बस के अंदर होनी बेहद जरूरी थी. उन स्कूलों को सम्मानित भी किया. जिन्होंने सारे नियम पूरे किए हुए थे. प्रशासन के साथ आम लोगों को भी समझना होगा कि ट्रैफिक के नियमों का पालन करें ताकि रोड एक्सीडेंट में कमी आए.

करनाल: हर साल देश में बहुत से लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवां देते हैं. कई हादसे शराब पीकर गाड़ी चलाने से होते हैं, तो कई बार जान इसलिए भी चली जाती है कि लोगों ने सीट बेल्ट नहीं लगाई होती या बाइक पर हेलमेट नहीं पहना होता. कभी-कभी ये लोग ट्रैफिक नियमों का भी पालन नहीं करते.

करनाल में सड़क सुरक्षा सप्ताह

करनाल में 31वां सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है, ये सप्ताह 11 जनवरी से 17 जनवरी तक मनाया जा रहा है. इसमें सभी स्कूलों की बसें चेक की जा रही हैं. ये भी चेक किया जा रह है कि क्या ये बसें सड़क नियमों के मानकों पर खरी उतर रही हैं या नहीं? सभी स्कूलों के ड्राइवर और कंडक्टर को समझाया जा रहा है कि गाड़ी की रफ्तार कितनी रखनी है? साथ ही स्कूली बस चालकों को सड़क के किन-किन नियमों का पालन करना चाहिए.

करनाल में मनाया जा रहा 31वां सड़क सुरक्षा सप्ताह, देखें वीडियो

सड़क सुरक्षा के नियमों को लेकर पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह भौरिया ने करनाल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा भौरिया ने कहा किसड़क सुरक्षा एक बहुत गंभीर मसला है. इसके लिए आम लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है. देश में इतने लोग महामारी से नहीं मरते, इतने लोग विश्व युद्ध में नहीं मरे, जितने लोग हर साल सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गवां रहे हैं.

लोगों को जागरुक कर रही पुलिस

उनका कहना है कि लोगों का चालान काटना पुलिस का मकसद नहीं होता, सिर्फ लोगों को जागरूक करने और नियमों का पालन करवाने के लिए प्रेरित करना पुलिस का असली मकसद है. प्रशासन चाहता है हादसे कम हों और लोगों की जान ना जाए. इसके लिए पुलिस प्रशासन स्कूल, कॉलेज में जाकर बच्चों को जागरूक करना या फिर नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को समझाया जाएगा.

ये भी पढ़ें:- 'बिजली निगम में होगा बड़ा बदलाव, अब पूरे हरियाणा में लगेंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर'

लोगों को किया गया जागरुक

प्रशासन की तरफ से रोड सेफ्टी कार्यक्रम में जो अलग-अलग स्कूलों की बस आई थी. उसमें फर्स्ट एड बॉक्स चेक किया गया. GPS सिस्टम के अलावा और तमाम चीजें देखी गई, जो बस के अंदर होनी बेहद जरूरी थी. उन स्कूलों को सम्मानित भी किया. जिन्होंने सारे नियम पूरे किए हुए थे. प्रशासन के साथ आम लोगों को भी समझना होगा कि ट्रैफिक के नियमों का पालन करें ताकि रोड एक्सीडेंट में कमी आए.

Intro:करनाल सहित पूरे हरियाणा में रोड सेफ्टी सप्ताह मनाया जा रहा है, 31 वें रोड सेफ्टी सप्ताह के तहत लोगों को समझा कर किया जा रहा है जागरूक , जिले की सभी स्कूली बसों को किया गया चैक ,कौन से वो तरीके है जिस कारण से रोड एक्सीडेंट से बचा जा सके के बारे में दी जानकारी ,स्कूलों के चालको व् परचालको को बसो में सभी मानक पुरे करने पर किया गया सम्मानित। Body: हर साल देश में कई लोग अपनी जान सड़क हादसों में गवां देते हैं, कई हादसे शराब पीकर गाड़ी चलाने से होते हैं, तो कई बार जान इसलिए भी चली जाती है कि सीट बेल्ट नहीं लगाई होती। कभी हम ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते। करनाल में 31वाँ रोड सेफ्टी सप्ताह मनाया जा रहा है, ये सप्ताह 11 जनवरी से 17 जनवरी तक है। इसमें सभी स्कूलों की बसें चेक की जा रही हैं कि क्या वो अपने मानक पर उतर रही हैं या नहीं। सभी स्कूलों के ड्राइवर और कंडक्टर को समझाया जा रहा है कि गाड़ी की रफ्तार कितनी रखनी है। इस कार्यक्रम में करनाल के पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह भौरिया ने शिरकत की। उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा एक बहुत गंभीर मसला है, और इसके लिए आम लोगों को भी जागरूक होने की ज़रूरत है। उनका कहना है कि इतने लोग महामारी से नहीं मरते , इतने लोग विश्व युद्ध में नहीं मरे जितने लोग हर साल सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गवां देते है। उनका कहना है कि लोगों का चालान काटना पुलिस का मकसद नहीं होता सिर्फ बल्कि लोगों को जागरूक करने का और नियमों का पालन करवाने के लिए प्रेरित करना उनका असली मकसद होता है ताकि हादसे कम हों और लोगों की जान ना जाए। इसके लिए पुलिस प्रशासन स्कूल, कॉलेज में जाकर बच्चों को जागरूक करना या फिर नुक्कड़ नाटक के ज़रिए लोगों को समझाया जाएगा।
Conclusion: प्रशासन की तरफ से रोड सेफ्टी कार्यक्रम में जो अलग अलग स्कूलों की बस आई थी उसमें फर्स्ट एड बॉक्स चेक किया गया, GPS सिस्टम के अलावा और तमाम चीज़े देखी गई जो बस के अंदर होनी बेहद ज़रूरी थी । उन स्कूलों को सम्मानित भी किया जिन्होंने सारे नियम पूरे किए हुए थे। बहराल प्रशासन के साथ आम लोगों को भी समझना होगा कि ट्रैफिक के नियमों का पालन करें ताकि रोड एक्सीडेंट में कमी आई।

बाइट - सुरेंद्र सिंह भौरिया, पुलिस कप्तान, करनाल
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