करनाल: हर साल देश में बहुत से लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवां देते हैं. कई हादसे शराब पीकर गाड़ी चलाने से होते हैं, तो कई बार जान इसलिए भी चली जाती है कि लोगों ने सीट बेल्ट नहीं लगाई होती या बाइक पर हेलमेट नहीं पहना होता. कभी-कभी ये लोग ट्रैफिक नियमों का भी पालन नहीं करते.
करनाल में सड़क सुरक्षा सप्ताह
करनाल में 31वां सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है, ये सप्ताह 11 जनवरी से 17 जनवरी तक मनाया जा रहा है. इसमें सभी स्कूलों की बसें चेक की जा रही हैं. ये भी चेक किया जा रह है कि क्या ये बसें सड़क नियमों के मानकों पर खरी उतर रही हैं या नहीं? सभी स्कूलों के ड्राइवर और कंडक्टर को समझाया जा रहा है कि गाड़ी की रफ्तार कितनी रखनी है? साथ ही स्कूली बस चालकों को सड़क के किन-किन नियमों का पालन करना चाहिए.
सड़क सुरक्षा के नियमों को लेकर पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह भौरिया ने करनाल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा भौरिया ने कहा किसड़क सुरक्षा एक बहुत गंभीर मसला है. इसके लिए आम लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है. देश में इतने लोग महामारी से नहीं मरते, इतने लोग विश्व युद्ध में नहीं मरे, जितने लोग हर साल सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गवां रहे हैं.
लोगों को जागरुक कर रही पुलिस
उनका कहना है कि लोगों का चालान काटना पुलिस का मकसद नहीं होता, सिर्फ लोगों को जागरूक करने और नियमों का पालन करवाने के लिए प्रेरित करना पुलिस का असली मकसद है. प्रशासन चाहता है हादसे कम हों और लोगों की जान ना जाए. इसके लिए पुलिस प्रशासन स्कूल, कॉलेज में जाकर बच्चों को जागरूक करना या फिर नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को समझाया जाएगा.
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लोगों को किया गया जागरुक
प्रशासन की तरफ से रोड सेफ्टी कार्यक्रम में जो अलग-अलग स्कूलों की बस आई थी. उसमें फर्स्ट एड बॉक्स चेक किया गया. GPS सिस्टम के अलावा और तमाम चीजें देखी गई, जो बस के अंदर होनी बेहद जरूरी थी. उन स्कूलों को सम्मानित भी किया. जिन्होंने सारे नियम पूरे किए हुए थे. प्रशासन के साथ आम लोगों को भी समझना होगा कि ट्रैफिक के नियमों का पालन करें ताकि रोड एक्सीडेंट में कमी आए.