करनाल: 13 जून को देहरादून में आईएमए पास आउट परेड हुआ. इस समारोह के बाद देश के 333 नए होनहार अफसरों को सेना में शामिल किया गया. इनमें 39 हरियाणा के भी अफसरों के नाम थे, लेकिन आपको जान कर हैरानी होगी कि इन 39 नवचयनित अफसरों में से 9 कैडेट एक ही स्कूल से पढ़े हुए छात्र हैं.
कहते हैं कि किसी पौधे को पेड़ बनने में उसकी शुरूआती देख रेख बहुत मायने रखती है. करनाल के कुंजपुरा स्थित सैनिक स्कूल भी भारतीय सेना के लिए ऐसी पौध तैयार करता है जिनमें देश के लिए सेवा भाव कूट-कूट कर भरी होती है और वो भारतीय सेना के शीर्ष पदों पर भी आसीन होते हैं.
इस स्कूल ने देश के दिए हजारों सैन्य अधिकारी
साल 2020 में हुई आईएमए पासिंग आउट परेड में भी करनाल के कुंजपुरा स्थित सैनिक स्कूल के रहे 9 पूर्व छात्रों ने लेफ्टिनेंट बन स्कूल का नाम रौशन किया. ईटीवी भारत की टीम ने करनाल के कुंजपुरा स्थित सैनिक स्कूल का दौरा किया. 1961 से चल रहे देश के एकमात्र स्कूल की खासियत यह है कि स्कूल द्वारा हजारों की संख्या में भारतीय सेना को नौजवान दिए जो कि लेफ्टिनेंट पद पर अपनी ड्यूटी को ज्वाइन कर बड़े-बड़े पदों पर पहुंचकर देश की सेवा में अपना योगदान देते रहे हैं. 1961 से शुरू हुआ देश का एकमात्र कुंजपुरा सैनिक स्कूल भारतीय सेना को दे चुका है. लगभग 40 से करीब जरनल, ब्रिगेडियर और कर्नल जैसी अफसरों को शुरुआती शिक्षा दी.
ईटीवी भारत की टीम ने कुंजपुरा गांव के रहने वाले नवचयनित लेफ्टिनेंट शुभांकर के परिवार से मुलाकात की. शुभांकर इन्हीं नौ कैडेट्स में से एक हैं. लेफ्टिनेंट बने शुभांकर के पिता और परिजनों ने बताया कि राष्ट्रीय की सेवा करना शुभंकर का सपना था और वह सपना पूरा हो गया.
अपने लक्ष्य पर फोकस करें आज के युवा- शुभांकर की माता
शुभांकर की माता ने आज के युवाओं को अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने और समर्पण के साथ काम करने की अपील की. उन्होंने कहा कि शुभंकर कल्याण के इमानदारी से किए गए कोशिशों ने हमेशा उनके लक्ष्य को हासिल करने में मदद की है.
ये भी पढ़ें- थप्पड़ विवाद मामला: बीजेपी नेता सोनाली फोगाट गिरफ्तार, जमानत मिली