करनाल: कोरोना काल (Corona Pandemic) में बहुत से ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने अपने मां-बाप को खो दिया है और अब उन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो इसके लिए जिला बाल कल्याण समिति ने कुछ आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 102 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना काल के दौरान अपना मां या पिता को खोया है.
इनमें से दो बच्चे ऐसे भी हैं जिनके माता-पिता दोनों की ही मौत हो चुकी है. ऐसे बच्चे या तो बिल्कुल बेसहारा हो गए हैं या अपने रिश्तेदारों के पास चले गए हैं, लेकिन चिंता की बात ये है कि रिश्तेदारों द्वारा बेसहारा हुए बच्चों को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं की जा रही है. ऐसी स्थिति में इन बच्चों के साथ दुर्व्यवहार की आशंका बनी हुई है.
बाल कल्याण समिति ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
करनाल जिला बाल कल्याण समिति के चेयरमैन द्वारा अपील की गई है कि ऐसा बच्चा किसी के संपर्क में आता है तो उसको बाल कल्याण समिति के कार्यालय में पहुंचाया जाए. उन्होंने बताया कि हमने हेल्पलाइन नंबर 1098 जारी किया है जिस पर संपर्क कर जानकारी दे सकते हैं.
नई गाइडलाइंस के मुताबिक सरकार ये भी सुनिश्चित कर रही है कि जो रिश्तेदार ऐसे बच्चों को अपने पास रख रहे हैं उन्हें गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है या फिर नहीं. इसलिए आवश्यक दिशा निर्देश और जनसाधारण में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.
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गौरतलब है कि बहुत सारे बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना काल में अपने माता पिता को खो दिया है और वो अपने माता पिता की संपत्ति के वारिस बन गए हैं, तो ऐसा भी हो सकता है कि कुछ अवांछित तत्व इन बच्चों को अपनी शरण में रखकर और कुछ समय पश्चात उनको बेसहारा होने के लिए छोड़ दें या कोई भी अनैतिक कार्य करने के लिए दबाव बनाएं.
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वहीं इस मामले में करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को बच्चों के साथ कोई अपराध होता दिख रहा हो तो वो पुलिस को फोन कर जानकारी दे सकता है या फिर जिला बाल कल्याण समिति द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 1098 पर भी संपर्क कर सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. वहीं बाल कल्याण समिति और एसपी द्ववारा अपील की गई है कि इन बच्चों को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया जल्द पूरी करें ताकि भविष्य में दिक्कत न हो.