करनाल: लाखों रुपयों की ग्रांट जारी करने में पंचायती राज विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. एक गलती की वजह से विकास कार्यों (development work grant wrong transaction) के लिए दी जाने वाली लाखों रुपये की ग्रांट ग्राम पंचायत के खाते में ना जाकर एक शख्स के बैंक खाते में 5 साल तक जाती रही और इस लापरवाही पर अब विभाग का ध्यान गया है.
दरअसल, हिसार के बरवाला ब्लॉक के ईशरहेड़ी गांव में विकास कार्य किए जाने थे. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से ईशरहेड़ी ग्राम पंचायत को हर साल ग्रांट भी दी जा रही थी, जो 5 साल तक किसी अमित कुमार नाम के शख्स के बैंक खाते में जाती रही. जिसका वो सालों तक बिना किसी को बताए इस्तेमाल भी करता रहा.
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जानकारी के मुताबिक बीते 5 सालों में करीब 26 साल 79 हजार रुपये ग्रांट के नाम पर अमित कुमार नाम के खाते में जाते रहे. जिसकी जानकारी ना अमित ने बैंक और पुलिस को दी और ना ही इस लापरवाही की जानकारी विभाग को लगी. आरोपी अमिक कुमार करनाल के निसिंग का रहने वाला है और सितंबर 2016 से लेकर फरवरी 2021 तक 35 अलग-अलग एंट्रियों से ये रकम आरोपी के खाते में पहुंची.
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अब 5 साल बाद पंचायत एवं विकास विभाग के मुख्यालय की शिकायत पर एसपी करनाल को मामले की शिकायत की गई है. पुलिस ने भी आरोपी अमित के खिलाफ धोखाधड़ी करके, पैसे का गलत इस्तेमाल करने के आरोप में केस दर्ज किया है, लेकिन यहां पर सवाल ये उठता है कि इतनी बड़ी ग्रांट की रकम किसकी गलती से व्यक्ति के निजी अकांउट में चली गई. 5 साल तक क्यों किसी की नजर इस गलती पर नहीं गई.